हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य
यह किताब गीता दर्शन पर आधारित है। आज के युग में गीता दर्शन की प्रासंगिकता एक ऐसा विषय है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है की गीता केबल महाभारत के युद्ध क्षेत्र का वर्णन नहीं है, अर्जुन और कृष्ण के मध्य संवाद नहीं है बल्कि युद्ध क्षेत्र में अर्जुन के मन
Angels help us to live happy life. in this book we will learn how to get help from them
अनुभव पर आधारित जीवन के संघर्षों उपलब्धीयो बच्चो व अन्य लोगों के साथ बिताए पलो को किस तरह हम ग्रहण करते हैं । जिस प्रकार से हँस मोती चुगता है उसी प्रकार से मैं बेहोशी में होश को चुगने का प्रयास कर रहा हूँ । हा हमे शुभ की कामना करनी है तभी हम उस स्रोत
बस एक झिझक एक सवाल करने तो चले है हम अपना हाल ए दिल बयां कहीं दर्द न छलक जाए नज़र ना आ जाए गम के निशान कहीं चाहत को बुंदे ना बरस जाए खुशी के लम्हों में भीगकर होश न कहीं खो जाए हाल ए दिल करने चले जो हम बयां कही एहसासों में ना इतना खो जाए जज़्बात दिल
मनुष्य जीवन में कई तरह के संघर्ष करने पर ही जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सकता है। जीवन जीने का मतलब जीना नहीं है अपितु उच्च विचार, अच्छे आदर्श परिवार को सही स्तर से भरण-पोषण अध्यात्मिक ज्ञान और मर्यादाओ को बनाए रखकर चलना होता हे। तथा माता- पिता की सेवा ।व
प्रणाम! मैं कोई लेखिका नहीं हूं। लेकिन जब से मेरे जीवन में कृष्ण नाम आया हैं, तब से में स्वत हीं कवयित्री हों गई हूं। इस संग्रह की हर में, हमारे मन की गहराई का एक भाग हैं। जिसमें श्रीकृष्ण विराजमान हैं, जिसमें बस मनमोहन का नाम हैं। यह हमारा पहला काव्
कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना
मानव जीवन में जंगल बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जंगल मानव की बहुत सी जरुरतों को पूरा करते हैं। जंगल बहुत सी लकड़ियां प्रदान करते हैं। जो हमारे अलग -अलग कामों के लिए उपयोग की जाती है। जैसे कि भोजन पकाने के लिए, फर्नीचर बनाने के लिए , कुर्सी
यह एक आलोचनात्मक एवं व्यंगात्मक लेखन है। जिसमें क्रमानुसार विषयों को सहेजा गया है। इस पुस्तक में कोशिश की गई है कि यथार्त की जितनी ज्यादा समावेश हो सके, किया जाए। जिससे विषय वस्तु की उपयोगिता भी बनी रहे और पढने में रोचकता की भी उपलब्धि हो। मदन मोहन"
जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है,
फुर्सत के कुछ पलों में अपने आप को व्यक्त करने का माध्यम है यह। जिंदगी के कुछ अनदेखे अनकहे शब्दों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है यह। जब आप बहुत खुश होते हैं या बहुत दुखी होते हैं तो अपने आप से बात करने का माध्यम है यह। समाज में हो रही उथल-पुथल का आपके
इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी
इसमें दैनिक विषयों पर मेरे व्यक्तिगत विचार प्रकट किए जायेंगें जो गद्य और पद्य दोनों विधाओं पर हो सकते हैं।
मेरे जीवन के व्यक्तिगत विचार जो कहानी, कविता और लेखों के रूप में "मेरी डायरी नवम्बर-2022" के अंतर्गत लिखे जायेंगे।
आओ जज्बातों के रोमांचक सफर पर चलें।
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
इस किताब मे दैनिक लेखन प्रतियोगिता में जो विषय दिये जाएंगे उन पर कुछ लिखने की मेरी एक कोशिश।
इस पुस्तक में शब्द इन के द्वारा दिये गये दैनिक विषयों पर कहानी , कविता और लेख के माध्यम से मेरे व्यक्तिगत विचार प्रस्तुत होते हैं।