अजनबियों के सिलसिले से सुरु हुई तेरी मेरी कहानी
जाकर अजनबियों में ही खत्म हो गईं
प्यार का एक पैग़ाम लेकर आए इस पल ने मेरी
पूरी ज़िंदगी को ही बदल के रख दी
आसुओ में आँसू दे गए खुसियो का के पल सारे
छिन मुझे मुझसे दूर कर गया
पल पल एक पल जो दिल के करीब हूए
का रहा है डर है कि कही दिल तोड़ ना
जाए वो कितने बार टूट कर समझलते
समझल सा गया है अब फिर से वो ही
गलियों से गुजरना चाहता है
दर्द से डर नही लगता बस डर तो इस बात
से है भरोशा टूट जाते है ना दुबारा जुड़
पाते है