इश्क़,प्यार ,मोहब्बत नाम तो बहुत हैं मगर सबका मतलब एक ही हैं। धर्म जाति में बटा इंसान क्या प्यार की परिभाषा समझ पाता हैं । मेरे हिसाब से या यूँ कहें की मेरी अभी तक की समझ के हिसाब से जीवन में एक ना एक बार प्यार वाले रास्ते से ज़रूर गुजरता हैं ।
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नैना और अमन एक ही ओफिस में काम करते थे। दोनो में अच्छी मित्रता थी । समझ की बात हैं जब एक ही जगह साथ में कामकरते हैं तो दिन भर का ज़्यादातर वक़्त साथ ही गुजारते हैं। घर की बहुत सी बातें एक दूसरे से करत
“अंधेरे घर का उजाला था“ वो जो देश की ख़ातिर सरहद पर शहीद हुआ । अपनी माँ की बाँहों को तरसता छोड़ आया वो फ़र्ज़ निभाते धरती माँ को जीवन समर्पित किया।। यू तो प्यार तुमसे भी बहुत हैं ये कह