"सवालो का बौछार " *______****_____*
" रानी के मन मे सवालो का बौछार भरे जा रहा था उसे समझ मे नही आ रहा था कि ,कि आखिर सबलोग एसा क्यु कर रहे है , फिर रानी सबको खाना खिलाने के बाद वो कमरे मे जाती है ,लेकिन कमरे मे जाने से पहले उसे लगा कि स्टोर रूम से कुछ जरूरी समान लाकर कमरे मे रख लेती हूं ,ये सोचकर रानी स्टोर रूम जाती है ,और कुछ जरूरी समान सूटकेस से निकलने लगी "।
"ठीक उसी समय छोटी नन्द वहॉ आती है और कहती है क्या कर रही हो भाभी ,तो रानी बोली कुछ नही सोच रही थी कूछ जरूरी समान निकालकर कमरे मे रख लु ,इसलिए समान निकल रही थी ,रानी की बात सुनकर नन्द कहती है ,भाभी सारे समान यही पर रहने दिजीए ,कमरे मे लेजाने की जरूरत नही है ,आपको सुबह-सुबह नहाकर यही आकर तैयार होना है ,क्योकि सुबह आप कमरे मे चली जाती है जिससे भैया की नींद खराब हो जाती है ,और ये मॉ को बिल्कुल पंसद नही की कोई उनके बेटे को नीद मे परेशान करे ,इसलिए सुबह से निकलने केबाद रात मे ही कमरे मे जाना ,अगर दोपहर मे लेटने का मन हो तो इसी स्टोर रूम मे आ जाना ,ये देखिये यहॉ पर फोल्डिंग भी रखा है बिछा लीजियेग,,,,,,, और ये मॉ का ऑर्डर है ,इसे आपको मनना ही होगा ,और जो मॉ कहती है उसे कोई नही टाल सकता ,इस बात को जितनी जल्दी समझ लीजियेग तो आपको लिए अच्छा होगा ,,,,,,,,,, और हॉ पुरे स्टोर रूम को अच्छे से साफ कर लीजिए, ठीक है मै चलती हूं बोलकर स्टोर रूम से चली जाती है ,"।
" फिर सोचती हूं कि ,अब ये क्या नाटक है , अब ये सब क्या है ,मै बहुत देर तक उसी स्टोर रूम मे बैठकर सोचती रही ,अब मै क्या करू ,फिर मैने स्टोर रूम को साफ करना शुरू कर दी ,साफ करते-करते मुझे एक घंटा हो गया ,मगर किसी ने भी आकर नही देखा कि मै कहॉ हूं , और क्या कर रही हूं , फिर वहॉ नीतु आती है ,और कहती है ,भाभी आप यहॉ क्या कर रही है ,और इस स्टोर रूम को क्यु साफ कर रही है ,"।
"मै बोली मुझे आज से यही रहना है ,इस स्टोर रूम को मेरा कमरा बनाया गया है ,इसलिए इसे साफ कर रही हूं ,नीतु बोली ,कौन बोला की आपको इस स्टोर रूम मे रहना है ,तो मै बोली सॉसु-मॉ बुलवा भेजी है , फिर नीतु बोली क्या हो गया है मौसी को क्यु ये सब कर रही है ,"।
"फिर मै नीतु से बोली ,नीतु जी अगर इस घर मे एक बहु की जरूरत नही है तो मुझे क्यु लाया गया, क्या इस घर मे नौकरानी नही मील रही थी ,जो मुझे नौकरानी बना कर लाया गया ,शादी के दुसरे दिन कोई अपनी बहू से ऐसा व्यवहार करता है ,,,,,,,, शादी से पहले कभी मुझे ऐसा नही लगा कि मेरे ससुराल वालो का विहेव इस तरह, से होगा , और आपलोग भी तो कुछ नही बोले की इस घर के सभीलोगो का नेचर ऐसा होगा ,हमेशा सबकी तारीफ का पुल बॉधते रहे ,कभी क्यु नही कहॉ की इसघर के सभीलोग इतने कठोर है ,"।
"लेकिन ये सब जो हो रहा ,वो सारी चीजे आपके भैया से जुडी है ,मुझे इस बात का सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है ,और उनको इनसब से कोई मतलब नही है ,,,,,,,,,,, फिर नीतु बोली भाभी आप इनसब के बारे मे इतना सब मत सोचीए सब ठीक हो जाएग ,देखिएगा जब भैया को पता चलेगा तो आपको यहॉ से ले जाएगे ,,,,,,, नीतु की बात पर मै बोली पता कैसे चलेगा रात मे तो मुझे उसी कमरे मे जाकर सोना है ,और रात मे वहॉ जाकर मै सो जाऊगी तो उनेह कैसे पता चलेगा कि दिन भर मेरे साथ क्या होता है ,"।
" फिर मै नीतु से बोली ,नीतु आपको ऐसा नही लगता है कि ,ये सब आपके भैया की मर्जी से हो रहा है ,तो नीतु बोली ,,,नही भाभी भैया को इनसब के बारे मै कुछ नही पता है ,इतना त मुझे मालुम है,, ,,,, आप इसलिए कह रही है कयुकि आप भैया से अभी गुस्से मे है ,जब आप उनको जानियेगा तो ऐसा नही कहियेगा , चलिए ये सब छोडिये कमरे मे चलकर आराम कर लीजिए ,तो मै बोली ,,,,, नही नीतु जी मै यही पर ठीक हूं मै अब उस कमरे मे जाऊगी ही नही ,मै हमेशा इसी स्टोर रूम मे रहूंगी ,।
"फिर नीतु बोली लेकिन भाभी मौसी को पता चलेगा तो गुस्सा करेगी ,बोलेगी की आप जानबूझ कर ये सब कर रही है ,भैया को दिखाने के लिए ,इस बात पर मै बोली ,अब आपकी मौसी को ,भैया को ,या फिर सभी घर वाले को जो समझना हि समझते रहे ,मै इस स्टोर रूम से नही जाऊगी मतलब नही जऊगी ,फिर वो बोली ,ठीक है रात मे आप यही आकर सो जाना मगर अभी चलिए ,शाम हो रहा है और सभीलोग आपके हाथो का चाय मॉग रहे है ,।
" इसलिए चलिये चाय बनाकर लगे रात का भी खाना हमलोग बनाकर रख देते है ,उसके बाद आप यहॉ आकर सो जाइएगा ,मेने भी नीतु की बात का कोई जवाब ना देकर उसके साथ रसोई आ गई ,फिर सबको चाय देने के बाद रात का खाना बनाते-बनाते नौ:बज गया ,उसके बाद सभीलोग के खाने के बाद तकरीबन ग्यारह:बजे मै उस कमरे मै ना जाकर स्टोर रूम मे आ गई ,और अभी तक मेरे पति का कोई अता-पता नही था ,और मै किसी से पूछी भी नही की वो कहॉ है और क्या कर रहे है ,लगभग सभीलोग सो चुके थे ,घर के कुछ लोग जगे हुए थे ,क्युकि वो लोग राज का आने का इन्तजार कर रहे थे ,जो लोग जगे थे उनमे से मेरी सॉस ,मौसी सॉस, बडी नन्द, छोटी नन्द और नीतु जगी हुई थी ,और सभीलोग एक कमरे मे बैठकर बाते कर। हे थे ,और मै स्टोर रूम मे बिना खाना खाऐ जाकर लेट गई ,"।
" इतनी थकावट होने के बावजूद भी मुझे नींद नही आ रही थी ,बस मन बहुत बैचेन हो रहा था , बस कभी इधर ,कभी उधर करवाटे बदल रही थी , नींद आने का नाम ही नही ले रही थी ,बस बैचेनी बनी हुई थी ,मुझे समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू ,मै उस कमरे मे जाऊ या यही रहूं ,पर गुस्सा इतना आ रहा था कि मन उस कमरे मे जाने को हो ,ही नही रहा था ,।
"इसीतरह करते-करते रात के बारह:बज गए ,लेकिन अभी भी वो घर नही आऐ थे ,पता नही कहॉ गए ,किसके साथ गऐ ,फिर अचानक से ध्यान आया कि ,रोज शाम से लेकर रात तक इनकी दोस्तो की महफिल जमती है ,शायद वही बीजी होगे ,
"तभी ऑगन मे बाईक की रूकने की आवाज आती है ,, आवाज सुनकर मुझे लगा शायद राज ही होगे ,तभी नीतु की आवाज आती है ,कहती है भैया इतना लेट आना जरूरी है ,अरे पहले की बात कूछ ओर थी पर अब तो समझा करो ,तो वो बोले क्यु अब क्या हो गया ,,,,,फिर नीतु बोली कुछ नही आपको तो कुछ समझ मे आता ही नही है , फिर अन्दर से मेरी सॉस कहती है ,नीतु तुम उसको अन्दर आने दोगी या वही ऑगन मे रहोगी ,फिर राज बोले ,अन्दर चलो मॉ आवाज दे रही है ,फिर दोनो ऑगन से घर के अंदर चले जाते है ,।
"और इधर स्टोर रूम मे बस सोचते ही रहती हूं ,। इस घर मे मेरी किसी को नही पडी है ,उसके बाद मे सोने को कोशिश करने लगी ,"।
" राज क्या रानी से बात करने आएगा ,अपने मन का हाल रानी से करेगा तब क्या रानी का गुस्सा शांत होगा,देखते है अगले चैप्टर मे "।
धन्यवाद !!