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ranjan

रंजन माहेश्वरी

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ranjan

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रंजन माहेश्वरी की अन्य किताबें

पुस्तक के भाग

1

नीयत या नियति

11 जनवरी 2016
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सूर्यदेव अस्ताचलगामी हो चले थे, गायें अपने अपने घरों को लौट रहीं थीं, गोधूलि में अंधकार शनै शनै गहराने लगा था. महाभारत का युद्ध समाप्त हो चला था. पाण्डव युद्ध के उपरांत अपने शिविर में जाकर विश्राम करने से पूर्व प्रणाम करने आये थे. पाण्डवों के नयन विजय के उल्लास से कम पर युद्ध की विभीषिका के त्रास से

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बस एक गधा

19 जून 2016
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रामू बेहद गरीबी में गुजारा कर रहा था. उसके पास सिर्फ एक गधा था. वह जो कुछ भी मजदूरी, काम काज करता, दिन के आखिर में सब फुर्र हो जाता. जो खर्च होना होता वह खर्च हो जाता और यदि कुछ शेष रह जाता तो वह गुम हो जाता, चोरी हो जाता, और शाम ढ़ले फिर वही रामू और उसका गधा, बस... एक दिन शंकर पार्वती उधर से निकले,

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श्री कृष्ण का गोलोक गमन...

21 जून 2016
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प्रभास क्षेत्र में समस्त यदुवंशियों ने मदान्ध होकर एकदूसरे को मार काट दिया. अंत में शोकाकुल कृष्ण बचे, जो एक वृक्ष के नीचे जा बैठे . तभी वहां जर नामक एक व्याध ने झुरमुट की ओट से कृष्ण के पैर का अंगूठा देखा, उसे वह हिरन की आँख जैसा लगा और उसने तीर चला दिया. तीर लगने पर उसने कृष्ण के दर्शन किये, पर

4

पति: उत्पत्ति से विपत्ति तक

26 जून 2016
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यूं तो इस रंग-रंगीली दुनिया में भांति भांति के जीव, जन्तु, वनस्पति इत्यादि भोजन के लिये पहले से ही उपलब्ध हैं. प्रतिदिन कोई न कोई शिकारी किसी जीव का शिकार करता है और अपनी क्षुधानिवृत्ति कर अगले दिन नये शिकार की तलाश में जुट जाता है. पर जैसे-जैसे मानवीय मस्तिष्क ने उन्नति की, रोज रोज बाहर शिकार करने

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नया सुदामा चरित

30 जून 2016
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सुदामा शुक्ला गरीब परिवार के तथा बचपन से ही भीरू प्रकृति के व्यक्ति थे. रही सही कसर धर्मपत्नी के तेजतर्रार स्वभाव ने पूरी कर दी. सुकुलाइन का मायका भी गरीब ही था, पर शुक्ला जी के सरकारी इंटर कॉलेज में व्याख्याता होने के गर्व ने सुकुलाइन पर रौबदाब का मुलम्मा चढ़ा दिया. सुकुलाइन की नित नयी माँगों को, का

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नेता लोग के बच्चों का बाल (बाढ़) गीत

11 जुलाई 2016
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हर साल आने वाली बाढ़ हमारे प्रदेश के नेता लोग के बच्चों के लिए मनोरंजन का एक विलक्षण माध्यम है. प्रस्तुत कविता में एक नेता के बच्चे की मानवीय संवेदना से ओत-प्रोत बालसुलभ लालसा का वर्णन किया गया है. नेताजी के बच्चे की बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इस कविता को कक्षा पाँच के पाठ्यक

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लड़की देखन आये लड़का वाले

16 जुलाई 2016
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लड़की देखन आय रहे, लड़का वाले लोग,दादी के पकवानों का, लगा रहे सब भोग.सबसे पहले केरी के, शरबत की तरावट,पनीर टिक्का चटपटा, दूर करे थकावट.फिर आया मशरूम संग, मटर भरा समोसाथोड़ी देर में दादी ने, परसा मद्रासी डोसा.पेट भरा पर जीभ तो, मांगे थोड़ा और,डिनर में व्यंजनों का, फिर चला इक दौर.भरवां भिंडी संग लगी, मिस्

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गायतोंडे जी का गाय गौरव संवर्धन

22 जुलाई 2016
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गायतोंडे जी हमारी सरकार में दो दो विभागों के मंत्री हैं. संस्कृति मंत्रालय और पशुपालन मंत्रालय का पूरा पूरा दायित्व उनके कंधों पर है. भगवान जानता है कि उन्होंने दोनों मंत्रालयों के बीच कोई भेद नहीं किया है. दोनों को अपनी पूर्ण क्षमता से दुहा है. अक्सर उनको दोनों मंत्रालयों के विभिन्न कार्यक्रमों में

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भक्ति

28 जुलाई 2016
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आज से लगभग चालीस साल पहले, ना तो गाँव शहर की चमक दमक पर जुगनू से दीवाने थे, ना शहर गाँव को लीलने घात लगाये बढ़ रहे थे. शहर से गाँव का संपर्क साँप जैसी टेढ़ीमेढ़ी काली सी सड़क से होता था, जिससे गाँव का कच्चा रास्ता जुड़कर असहज ही अनुभव करता था. गाँव की ओर आने वाली सड़क कच्ची व ग्राम्यसहज पथरीला अनगढ़

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अर्थगीता

22 नवम्बर 2016
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समस्त नरों में इन्द्र की भांति प्रतिष्ठित व मन में मोद भरने वाले श्री नरेन्द्र मोदी ने, विक्रम संवत 2073 के शुभ कार्तिक मास की नवमी में चन्द्रदेव के कुंभ राशि में प्रवेश के बाद, यानि दिनांक आठ नवम्बर 2016 को समस्त देशवासियों को पाँच सौ

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