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लड़की देखन आये लड़का वाले

16 जुलाई 2016

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लड़की देखन आय रहे, लड़का वाले लोग,
दादी के पकवानों का, लगा रहे सब भोग.

सबसे पहले केरी के, शरबत की तरावट,
पनीर टिक्का चटपटा, दूर करे थकावट.

फिर आया मशरूम संग, मटर भरा समोसा
थोड़ी देर में दादी ने, परसा मद्रासी डोसा.

पेट भरा पर जीभ तो, मांगे थोड़ा और,
डिनर में व्यंजनों का, फिर चला इक दौर.

भरवां भिंडी संग लगी, मिस्सी रोटी नान,
नरगिस कोफ्ता करी, अलग बढ़ाये शान.

कश्मीरी पुलाव और, मेवा फल कस्टर्ड
आलू टिकिया संग थी, सॉस चिली मस्टर्ड.

स्वीट डिश के रूप में, गुलाब जामुन औ बरफी,
रसगुल्लों के बीच दिखी, अखरोट अशरफी.

मक्खनियाँ लस्सी में केसर कूल पिशोरी,
विदा समय दादी ने दे दी पान गिलोरी.

लड़के वाले गदगद, चटपट कर दी शादी,
पर दहेज में मांग ले गये, लड़की की दादी.

रंजन माहेश्वरी की अन्य किताबें

रेणु

रेणु

लोक रंग से रची रचना --

27 मार्च 2017

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रचनाएँ
ranjan
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सामाजिक सजगता के लिए समर्पित
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11 जनवरी 2016
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हर साल आने वाली बाढ़ हमारे प्रदेश के नेता लोग के बच्चों के लिए मनोरंजन का एक विलक्षण माध्यम है. प्रस्तुत कविता में एक नेता के बच्चे की मानवीय संवेदना से ओत-प्रोत बालसुलभ लालसा का वर्णन किया गया है. नेताजी के बच्चे की बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इस कविता को कक्षा पाँच के पाठ्यक

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गायतोंडे जी का गाय गौरव संवर्धन

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गायतोंडे जी हमारी सरकार में दो दो विभागों के मंत्री हैं. संस्कृति मंत्रालय और पशुपालन मंत्रालय का पूरा पूरा दायित्व उनके कंधों पर है. भगवान जानता है कि उन्होंने दोनों मंत्रालयों के बीच कोई भेद नहीं किया है. दोनों को अपनी पूर्ण क्षमता से दुहा है. अक्सर उनको दोनों मंत्रालयों के विभिन्न कार्यक्रमों में

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भक्ति

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आज से लगभग चालीस साल पहले, ना तो गाँव शहर की चमक दमक पर जुगनू से दीवाने थे, ना शहर गाँव को लीलने घात लगाये बढ़ रहे थे. शहर से गाँव का संपर्क साँप जैसी टेढ़ीमेढ़ी काली सी सड़क से होता था, जिससे गाँव का कच्चा रास्ता जुड़कर असहज ही अनुभव करता था. गाँव की ओर आने वाली सड़क कच्ची व ग्राम्यसहज पथरीला अनगढ़

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अर्थगीता

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समस्त नरों में इन्द्र की भांति प्रतिष्ठित व मन में मोद भरने वाले श्री नरेन्द्र मोदी ने, विक्रम संवत 2073 के शुभ कार्तिक मास की नवमी में चन्द्रदेव के कुंभ राशि में प्रवेश के बाद, यानि दिनांक आठ नवम्बर 2016 को समस्त देशवासियों को पाँच सौ

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