shabd-logo

अरेंज मैरिज (भाग -1)

8 नवम्बर 2021

1752 बार देखा गया 1752
रात का खाना खाने के बाद राजेश और शीला दोनों अपने कमरे में सोने के लिए चले गए , कमरे में पहुंच कर दोनों आपस में बाते कर रहे थे 
" कार्तिक की शादी के आज से तीस दिन भी नहीं बचे है , शादी की पूरी तैयारियां भी बची है , आने वाले कुछ दिनों में शादी की रश्मे शुरू होने वाली है , आठ दस दिन बाद रिंग सेरेमनी भी होनी है , और फिर शॉपिंग डोपिंग मेरा तो ये महीना पूरा पैक होने वाला है " राज के पापा दिनेश ने अपनी पत्नी रीना से कहा 

"हाँ यार , अब हमे सीरियसली काम पर लग जाना चाहिए , मुझे तो अपनी फ्रेंड्स और फैंस की लिस्ट बनानी है , किस किस को बेटे की शादी में invite करू " अपने चेहरे पर चांदनी सी मुस्कान बिखेरते हुए शीला ने कहा 

राजेश हसते हुए बोला "यार डार्लिंग तुम्हे तो अभी पार्लर भी बुक करना पड़ेगा न , चेहरे पर ग्लो भी तो लाना जरुरी है न , बेटे की शादी है "

राजेश नरवाल जी शीला के पास बिस्तर पर बैठते हुए उनके चेहरे को अपनी और करते हुए बोले "बाकई में अभी तुम जवान लगती हो , जब देखता हूँ तुम्हे जी भर कर देखता रह जाता हूँ "

शीला इठलाते हुए बोली "अजी रहने दो , तुम्हारे मुँह से तो तारीफ भी ढंग से नहीं निकलती , इसमें भी कंजूसी करते रहते हो "

राजेश शीला को बाहों में कसते हुए बोला "तुम तो हमारी जान हो , अब तारीफ करना नहीं आता तो क्या हुआ , प्यार करना तो आता है न "

शीला ने राजेश की आँखों में देखते हुए कहा "अच्छा , रहने दो , अब तुम पके चावल हो गए हो , और हसने लगी "
राजेश ने पूछा "पका चावल मतलब मैं समझा नहीं , तुमने कही ये शव्द वो अपनी बाहियाद चंट शहेली में तो नहीं पढ़ लिया  "

शीला ने हस्ते हुए हाँ में सर हिलाया और कहा "मेरी तन्हाई की एक मात्रा सहारा "
राजेश ने पूछा "अच्छा पका चावल मतलब क्या हुआ "

शीला ने कहा "कुछ नहीं रहने दो "

राजेश ने कहा "क्यों रहने दू , बताओ "

शीला ने कहा "यही की अब तुम रोमांस में कमजोर पड़ गए हो "

राजेश ने chalenge करते हुए कहा "रोमांस में मैं और कमजोर , हो ही नहीं सकता अभी भी नए नए लोंडो को पीछे छोड़ दूंगा . क्या बात करदी तुमने "

शीला पहले तो ठहाका मार के हसी और फिर बोली "अच्छा जी अब ज्यादा मत हाँको "

राजेश ने फिर कहा "और नहीं तो क्या "

शीला ने कहा "अच्छा जी जरा याद करो लास्ट टाइम कैसे जीभ निकाल के हांफ रहे थे और फिर मुँह घुमाके सो गए थे  "

राजेश ने नजरे झुकाई और फिर बोला "क्या यार पुरानी बाते याद रखती हो "

शीला ने मुस्कराते हुए कहा "अच्छा तो नई ही कोनसी याद है जो याद रखू "

राजेश ने फिर से शीला को अपनी और समेटते हुए कहा "अच्छा तो आज कुछ यादगार पल बनता हो तुम्हारे लिए "

शीला ने धीरे से कहा "रहने दो सो जाओ , कल ऑफिस न जाना क्या "

राजेश ने शीला के गाल पर चुंबन देते हुए कहा "ऑफिस भी चले जायेगे , पहले रोमांस तो करले "

शीला ने कहा "अजी अब बच्चे बड़े हो चुके है , रहने दो सो जाओ "

राजेश ने अब तक शीला के होठो को अपने होठो का स्पर्श दे दिया था , पहले तो शीला ने थोड़ा न नुकुर किया , फिर देखा की नरवाल जी का मूड बन चुका है तो शीला ने भी नरवाल जी को पकड़ के हुए किश करने लगी |
राजेश जी धीरे धीरे अपना हाथ शीला के गदरीले बदन पर फेर रहे थे , साथ ही चुंबन किये जा रहे थे , नरवाल जी के प्यार के एहसास को पा कर शीला की आंखे खुद व् खुद बंद होती चली जा रही थी , नरवाल जी धीरे धीरे माथे से लेकर होठ और फिर गले से होते हुए नीचे की और उतरते चले जा रहे थे , साथ ही साथ शीला की बेचैनी बढ़ती जा रही थी ,

इतने में ही राजेश नरवाल के कमरे के डोर को किसी ने खटखटाया , दोनों का ध्यान भंग हो गया और दोनों अलग हो गए 
राजेश ने अपने कपडे सही करते हुए कहा "मैं देखता हूँ " 
इतने में शीला भी अपने कपड़े सही करने लगी और चादर ओढ़ने लगी |

राजेश ने जा कर दरवाजा खोला तो देखा , दरबाजे पर उनकी माता जी (रेशमा) थी , उन्होंने राजेश की ओर देखने लगी 
राजेश ने माँ को अंदर आने को कहा तो रेशमा ने उन्हें पूछा "मैंने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया न "
राजेश ने कहा "नहीं नहीं माँ , ऐसा कुछ नहीं है , हम तो बस बैठे थे , बाते  कर रहे थे "
रेशमा अंदर आयी और सोफे पर बैठते हुए कहा "तुमने कुछ सोचा है , बेटू  की शादी के लिए "
शीला ने बिस्तर से उतारते हुए कहा "माँ जी हम वही बात कर रहे थे , अब तो दिन भी ज्यादा नहीं बचे है "
रेशमा ने कहा "मुझे लगता है एक बार हमे कार्तिक से भी पूछ लेना चाहिए "
राजेश और शीला दोनों एक दूसरे की और देखने लगे और फिर राजेश ने कहा "माँ अब शादी की तारिख आने को है , कार्तिक ने हाँ बोला तो है , और फिर बार बार उसे एक ही बात पूछेंगे तो बो भी परेशान हो जायेगा न "

रेशमा ने कहा "अच्छा ठीक है , लेकिन फिर भी मुझे लगा , जवान लड़का है , एक बार फिर से बात कर लेनी चाहिए तो सही रहेगा "
राजेश ने कहा "माँ ऐसी कोई बात नहीं है , सब ठीक है , और वैसे भी कार्तिक ने कह दिया है उसे कोई दिक्कत नहीं है , उसे लड़की पसंद है "
रेशमा ने कहा "ठीक है फिर , तुम लोग शादी की तैयारियां शुरू कर दो "
राजेश ने कहा "हाँ माँ मैं कल से ही तैयारी करता हूँ "

कहानी जारी रहेगी...



dharmendra singh

dharmendra singh

बहुत मजेदार कहानी लिखी है आपने 👌

11 दिसम्बर 2021

3
रचनाएँ
अरेंज मैरिज
5.0
अरेंज मैरिज एक ऐसी कहानी है, जिसमे कहानी का नायक और नायका के प्रेम की अद्भुत दृश्य को पेश करती है

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए