चारों तरफ छाई हरियाली,,
आँखों को सुकून देती है,,
ठंडी ठंडी पवन चलें जब,,
झनकृत करती तन मन को,,
वृक्षों की आवाज कह रहीं,,
हाल तुम्हारा कैसा होगा,,
न रहेंगे वृक्ष न होगी हवा,,
सांस लेना भी मुश्किल होगा,,
मेरी वृद्धि करके देखों,,
कल्याण तुम्हारा हर पल होगा,,
आज पते की बात समझलो,,
वृक्षारोपण करना हम सब को,,
यहीं हमारा नारा होगा।
अशोक
२९-१२-२०२१