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काली अंधेरी रात मंे चाँद का दर्शन उसके दिल को बड़ा शुकून दे गया। चाँदनी की रौशनी से उसके आस-पास प्रकाश फैल गया था। दिलोदिमाग का कोना-कोना दुधिया सी रौशनी में सराबोर था।
काफी न नुकूर और बड़ी खुशामदी के बाद उसने, उसको सामने पाया था। चाँदनी का सामने आ जाना अचानक ही हुआ था।
नसीबा ने कहा ’’ मेरी जिन्दगी में चाँदनी है तो रौशनी की न कोई कमी है। ’’
खुद की तारीफ में शायरी सुनने के बाद उसके चेहरे पर हया की लाली बिखर गई। मन इश्क की गहराई में डुबता सा महसूस होने लगा। नसीबा ने चाँदनी को ढेर सारी शायरी सुनाई, खुद को दिल का नवाब साबित कर दिया।
चँादनी ने तहे दिल से उसकी शायरी के हुनर को महसूस किया मगर रोजाना की कमाई का ख्याल मन में आया और वो पुछ बैठी ’’ कमा कितना लेते हैं आप ? ’’
’’ फिलहाल तो कुछ भी नहीं मगर तु रानी बन कर राज करेगी। ’’ नसीबा के इस बात पर चाँदनी ने पुछा ’’ वो कैसे, शायरी ही खाना-ओढ़ना होगा क्या ? ’’
नसीबा ने फिंकी हँसी हँस कर सवाल को आया गया करने की कोशिश की।
आज कुदरत के चाँद की चाँदनी में नसीबा के आस-पास काफी रौशनी है मगर उसके दिल की चाँदनी दुर अंधेरे में कहीं खो गई है, फिर कभी नज़र नहीं आई।