हवाई जहाज से उतरते ही गर्म हवा का सामना होेने पर हवाई जहाज का वातानुकुलित कैबिन बड़ा ही खला। कार ड्राइवर अपनी-अपनी कम्पनियों का बैनर लिए टुरिस्ट के इन्तजार में स्वागत और आवाभगत के लिए खड़ा था।
अंडमान-निकोबार द्वीप के बारे मंे सिर्फ पढ़ा था और सुना था। देखने का सौभाग्य अब मिला था।
खिड़की से बाहर नज़र दौड़ाने पर जहाँ तक भी नज़र गई नीला रंग ही दिखा। ऐसा लग रहा था कि जैसे मानो पूरी धरती ही नीली हो गई है। आज से पहले इतनी विशाल जल राशि पहले कभी नहीं देखी थी। विशाल समुदª, बहुर दुर देखने पर आभाष हो रहा था कि जैसे सागर और आकाश एक जगह पर गले मिल रहे हों। बाहर से नज़र हटाकर कार के अन्दर लाया तो पता चला कि कार ड्राईवर के मधूर सुरिली तान पर मेरा बेटा और मेरी बेटी और तो और मेरी पत्नी भी झुम रहे हैं। मैंने ’ वाह ’ करके पुछ ही लिया ’’ कहाँ के रहने वाले हो भईया ? गा तो बहूत अच्छा लेते हो। ’’
एक पल के लिए लगा कि ड्राईवर ने मेरी बात का जवाब न देकर इग्नोर किया लेकिन वो तो अपनी धून का पक्का लगा, पता चल गया कि ये आदमी बिना पुरा गाना गाए रूकेगा नहीं। मैं भी झुम कर मस्ती में सिर हिलाने लगा। थोड़ी ही देर के बाद ड्राईवर ने कहना शुरू किया ’’ जी मेरा नाम रामखेलावन है और मै जौनपूर का रहने वाला हूँ। बाबू जी आज तो आपलो थक गए होंगे। कल आपलोगों को एक से एक जगह दिखाउंगा। ’’
बब्लू और पिंकी तो देर रात तक प्लान बनाते रहे ’’ कल पहले वहाँ जाना है, अरे नहीं वहाँ जाना है, वो जगह बिल्कूल खास है।
सुबह रामखेलावन.....................द्वीप पर ले गया, वहाँ पुराने चर्च तक पहूँचने में 140 सिढ़ीयों के बारे में सुनकर मन ने थकान का अनुभव किया तो लेडी गाईड ने कहा ’’ डरीए मत, बहुत बड़े रोमांच का अनुभव होगा। ’’ ताज्जूब की बात है कि वो लेडी गाईड फुर्र-फुर्र सिढ़ीयाँ चढ़ रही थी और हमलोग दस कदम पीछे थे। हाँपते हुए लेडी गाईड के पास पहूँचे तो उनको मुस्कराती हुई और ताजगी से भरी देखकर खुद में फ्रेशनेश का अनुभव हुआ।
अपना नाम उसने लिण्डा बताया। लिण्डा को हमेशा हँसती-खिलखिलाती-मुस्काती देखकर मेरी पत्नी ने मुझसे धीरे से कहा ’’इसके मुस्कराने भर से ही इसके पति का चेहरा हँसमुख बना रहता होगा। बच्चे भी हमेशा खुश रहते होंगे, घर-परिवार में खुशहाली बरसती रहती होगी। ’’
धीरे से कही हुई बात को लिण्डा ने सुन लिया, उसके चेहरे पर शिकन तो नहीं आई लेकिन माथे पर बल जरूर पड़ गए, उसने कहना आरम्भ किया ’’ हाँ इतनी हँसमुख महिला के घर में हँसी खुशी का ही वातावरण रहेगा न ? लेकिन अब ये बीती बात हो गई है। पीछले साल आए सुनामी ने मेरा पति, मेरे बच्चे सहित मेरे परिवार से सात लोगों को निगल लिया, उन सब को बहा कर ले गई। अब मैं बिल्कूल भी अकेली हूँ, बेजान। लिण्डा ने अपने नम हो चुकी आँखों को चमका कर कहा ’’ ये तो आप जैसे टूरिस्टों को देखकर खुशी जिन्दा है वरणा, इसलिए हँसों मेरे भाईयों। ’’ और वो ठहाका लगा कर हँस पड़ी।
समाप्त