सौतेली माँ, राजू को ठीक उसी तरह टकटकी लगा कर देखती थी जैसे कि उसकी सगी माँ देख रही हो, ऐसा राजू को प्रतीत होता था मगर कुछ ही पल में मोहभंग हो जाता।
अपने पिता के द्वारा प्यार से समझाए जाने और उसके बाद फिर डाँटे जाने के बाद राजू ने नई माँ से घुलना-मिलना शुरू किया था।
राजू को हमेशा यही प्रतीत होने लगा कि उसकी नई माँ, उसे पलकों के पिंजड़े में कैद कर लेना चाहती हो। राजू भी ममता का अनुभव करने लगा था।
बातों ही बातों में राजू ने नई माँ से पुछा ’’ आपको रामायण में सबसे अच्छा और सबसे प्यारा सीन कौन सा लगता है ? ’’
’’ राम बनवास। ’’ नई माँ राजू को टकटकी लगाए अब भी देख रही थी। राजू ने नज़र निची की और अपने ही घर मंे अपने भविष्य को लेकर सहम गया।