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दहलीज

3 नवम्बर 2021

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’’ हिदायत, धमकी और शर्म कुछ भी नहीं भूली हूँ मम्मी जी, सबकुछ याद है। गृहप्रवेश के समय से ही दहलीज शब्द सुनती जो आ रही हूँ। ’’ रिम्मो ने खुले आकाश की तरफ देखकर ठंडी साँस ली तो उसकी सास पार्वती को यह नागवार गुजरा। वो रिम्मो को एकटक निहारती रही, उसके हृदय में रूकी-अटकी हूई हवा ने हृदय को प्रदुषित कर दिया और अल्प समय के लिए उसके मन-मस्तिष्क में रूकी हुई हवा हावी हो गयी, जिसका स्पष्ट प्रकटीकरण पार्वती की  गुस्से में लाल आँखें कर रही थी। अपनी तरफ उठ-बढ़ रहे हाथ को रोकते हुए रिम्मो ने कहा ’’ मम्मी जी, मैं इस घर की बहू भी हूँ अैर अब एक माँ भी हूँ और अपनी बेटी को खतरों से बचाने के लिए हजार बार दहलीज पार करूंगी। ’’ रिम्मो की आवाज कर्कश हो आयी थी। पास में खड़ी दो साल की मुन्नी अब भी सीसक रही थी।


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3 नवम्बर 2021
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<p>’’ हिदायत, धमकी और शर्म कुछ भी नहीं भूली हूँ मम्मी जी, सबकुछ याद है। गृहप्रवेश के समय से ही दहलीज

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गृहस्त तप

24 फरवरी 2022
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गृहस्त तप हिम क्षेत्र के स्वच्छ वातावरण में ठंडी-ठंडी, सांय-सांय सी सीटी बजाती हूई हवाएं, किसी का भी हाड़-माँस कंपकपा देने के लिए पर्याप्त है, उस नब्ज जमाने वाली ठं डमें तपस्वियों के कूल को मर्यादित

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अइयास

2 जून 2022
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सामने वाले का कोई भी जवाब न मिलने पर यह मान लेना कि मैं इग्नोर किया जा रहा हूँ, हमेशा अच्छा नहीं होता है। हो सकता है कि सामने वाला किसी कश्मकश में हो या हो सकता है कि ऐसा कुछ पुछ लिया गया हो, जिसका जव

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महत्वकांक्षा

2 जून 2022
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उदास होना आखिर क्या होता है ? मन का उदास हो जाना ? सपनों का उदास हो जाना ? इच्छाओं का उदास हो जाना या उम्मीदों का उदास हो जाना या फिर महत्वकांक्षा काक उदास हो जाना ?  नियति ने प्रभा  को ऐसे मोड़ पर ला

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वो लेडी गाईड

2 जून 2022
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हवाई जहाज से उतरते ही गर्म हवा का सामना होेने पर हवाई जहाज का वातानुकुलित कैबिन बड़ा ही खला। कार ड्राइवर अपनी-अपनी कम्पनियों का बैनर लिए टुरिस्ट के इन्तजार में स्वागत और आवाभगत के लिए खड़ा था।  अंडमा

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छुपी असलीयत

3 अगस्त 2022
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’चेहरे पे चेहरे लगे हैं, असलीयत पहचाने कौन, इसी मुखौटे लगे चेहरों की भीड़ में कोई मेरा भी राजकुमार होगा, जिसकी साँसों में बसकर उसकी साँसों में घूल आउंगी। आयशा ने ऐसा सोचा मगर उसके दिल में एक ख्याल आय

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इन्तजार

3 अगस्त 2022
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उग्र हुए सुर्यदेव का क्रोध शांत हो चुका था। आकाश का रंग नीला से लाल हो चुका था। आकाश की ओर देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे की लाल चादर पर काला और सफेद डिजाईन गतिशिल अवस्था में है, वो गतिशिल डि

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3 अगस्त 2022
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मिलन को बड़ा आतूर था चपल का परिवार। बँटवारे के बाद अपना-अपना हिस्सा ले कर अलग हुए दो भाई चपल और चंचल आज आँगन के बीच में खड़ी की गई दिवार को गिरा रहे हैं। दिवार का गिराया जाना आपसी मतभेद के खत्म होने क

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कठपूतली

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कठपूतली ’’ जीवन देना और जीवन लेना सब भगवान के हाथ में है, हमलोग तो कठपूतली हैं। ’’ रामनाथ जी सामाजिक-दार्शनिक भाषण में कह रहे थे। अपने भाषण को खत्म कर अभी कुर्सी पे विराजे ही थे कि उनके मोबाईल की घंट

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सँावरा सँावरे ने प्रेम का ऐसा ताना-बाना बुना कि गोरी प्रेम जाल में फँस गई। साँवरे की बाँसुरी के धुन पे गोरी की पायल छन गई। गोरी के मुख की लालीमा और उसके हाथों की मेेंहदी का रंग एक सा नीखर आया था। बँ

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र काली अंधेरी रात मंे चाँद का दर्शन उसके दिल को बड़ा शुकून दे गया। चाँदनी की रौशनी से उसके आस-पास प्रकाश फैल गया था। दिलोदिमाग का कोना-कोना दुधिया सी रौशनी में सराबोर था। काफी न नुकूर और बड़ी खुशामदी के

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