❤❤"️️सोनू-सूद"❤️❤️
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
1.एक द्रश्य देख दिल दहल उठा,उन बेसहाय् परिवारों का |
जो निकल पड़े भूँखे प्यासे सब,पैदल ही उन लाचारों का |
दिल कांप उठा आँखे बरसीं,फिर टीम बनाई यारों की |
बन मसीहा आया सोनू सूद,करने मदद उन विचारों की |
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
2.मिशाल बना इंसानियत की वो,फिल्म-जगत् का सितारा है |
कोरोना काल मे जो कर डाला,हर आँख का आज वो तारा है |
कर विचार-विमर्श संग यारों से,जुट गए काम मे रातों दिन |
लेकर अनुमति हर राज्यों से,बस डटे रहे सब रातों दिन |
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
3.किसी को बस कोई ट्रेनोें से,किसी को प्लेन से विदा किया |
खाना-पीना साथ मे देकर,सकुशल घर पहुँचाया पता किया |
इतने दिन के लॉक डाउन मे,सब असहायों की मदद करी |
किसी से नहीं लिया एक पैसा,खुद कीमत सारी अदा करी |
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
4.कई बार तो यारों ने उनके,पुलिस से थप्पड भी खाए |
पर शांत रहे कुछ भी न बोले,चुपचाप सभी को भिजवाए |
सब का खयाल सबको सम्हाल,किया रोजगार देने का वादा |
धीरज बंधा बेरोजगारों को,वापस बुला किया टेंसन आधा |
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
5.होते अमीर कई लोग मगर,दिलवाले कुछ ही होते हैं |
दिलवालों मे भी कुछ ही होते,औरों को जो संजोते हैं |
जरूरत-मन्दों की मदद करी,सबको उनके घर पहुँचाया है |
सब खुश हैं सबने दुआ करी,सोनू सूद को मसीहा बताया है |
-->जन-जन से उसका रिस्ता है,इंसान नहीं वो"फरिस्ता"है ||
लेखक -->"सुदीश-भारतबासी"