आज की ग़ज़ल
~~~~~~~ ताज़ा ~ग़ज़ल~~~~~~~
अभी जाग ही रहा हु में तनहा और अकेला,
सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी।
ऊपर को देखा तारे देखे और देखा चाँद,
बातो ही बातो में तेरी बात आ गयी।
वैसे तो हर वक्त हर घडी तुझे याद किया,
कितने मिले मुझे पर दिल अपना तझको दिया,
न होता इंतज़ार है अब ख्वाब में ही आ मिल,
देख चाँद निक