1 मई 2015
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में हकीम दानिश D
हकीम जी, शब्दनगरी से जुडने के लिए आपका बहुत शुक्रिया ! किसी कारणवश आपकी रचना प्रकाशित नहीं हो पाई है, दोबारा प्रयास करें, फिर भी कोई दिक्कत महसूस हो तो 'शब्दनगरी' से संपर्क ज़रूर करें। धन्यवाद ।
2 मई 2015
लड़के वाले या लड़की वाले किसी भी पक्ष को सिर्फ दोष देने से किसी समस्या का हल नहीं होगा..मानसिकता बदलनी चाहिए. और इसके लिए जरूरी है कि हर लड़की को आत्मनिर्भर बनाया जाए. क्यूंकि अब तक ९५% मानसिकता यही है कि लड़की की किसी अच्छे कमाने वाले लड़के से शादी कर दी जाए जो माता-पिता के बाद अब उसकी देखभाल करे.
सब दहेज़ पे तो लिख ही रहे थे मेने सोचा थोडा सा हट के पोस्ट बनाया जाये इसलिए इस मुद्दे पे बनाया सब कुछ मैंने नहीं लिखा है बहुत कुछ गूगल से भी लिया है दहेज़ लेना और देना ये दोनों ही इस्लाम कि नज़र में गुनाह है और ये सब जानते हैं पर क्या आप जानते हैं के निकाह के आजकल के प्रोसेस में हम एक और बदतरीन ज़ुल्म
शनिवार को शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने नेपाल को हिलाकर रख दिया. इमारतें दरक गईं हैं. नेपाल की पुलिस के अनुसार भूकंप में 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है. कई लोगों के इमारतों के मलबों में दबे होने की आशंका है. अमरीकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने कहा है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 थी और
दोस्त पड़ते पड़ते खुश है हम लिखते लिखते और लिखते है जिसके लिए वो नाम से ही चिढ़ते है हकीम पडेगा हम सभी को अब जंग-ए-मैदान मे आना, घरों मे बात करने से ये मसले हल नही होंगे। हकीम ना बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। हकीम कदम पाक थे तेरे फिर तुझे ये क्या हुआ, रुख भ
कृपया इसे ध्यान से पढ़े और अपने मित्रों और परिवार को सलाह दें ! आप किसी का जीवन बचा सकते हैं ! घटना: एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली ! जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया या या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की
आज हम सफलता के विषय में बात करते हैआज के वक्त में सफल व्यक्ति वही है जो सुबह उठकर पहले यह तय करता है कि आज उसे क्या-क्या काम करने है। और रात तक वह उन सारे कामों को कई परेशानियों के बाद भी पूरा कर लेता है | और हा दुनिया आपको मुफ्त में कुछ नहीं देती | सफलता जैसी बेशकीमती चीज तो बिलकुल नहीं | अतः सफलत
आप दोस्तों की दुआओ से आज फिर एक ग़ज़लज अ लिखा है। देखिये पढ़िए और हा अभी बहुत सी गलतिया भी निकलेंगी क्या है। न अभी तो सीख़ ही रहा हु। तो पेशे खिदमत है। न जाने कब तलक मुझको वोे युही सताएगी, कब अपने दिल का हाल वो मुझे बताएगी। एक दौर था जब उसकी हर साँस पे नाम मेरा था, क्या आज भी वो मेरे ही लिखे गीत
~~~~~~~ ताज़ा ~ग़ज़ल~~~~~~~ अभी जाग ही रहा हु में तनहा और अकेला, सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी। ऊपर को देखा तारे देखे और देखा चाँद, बातो ही बातो में तेरी बात आ गयी। वैसे तो हर वक्त हर घडी तुझे याद किया, कितने मिले मुझे पर दिल अपना तझको दिया, न होता इंतज़ार है अब ख्वाब में ही आ मिल, देख चाँद निक
यह जो फोटो में दिखाई दे रहे है ना ये है सरदार सूरत सिंह जी खालसा... में भी आपकी तरह इनको नही जानता था जान अब्दुल्लाह भाई ने इनका फोटो अपने प्रोफाइल पे लगाया आपकी तरह मेरे मन में भी सवाल आया को आखिर है कौन ये महाशय..? सो पूछ लिया अब्दुल्लाह जान भाई से , पर इनके बारे में जानते ही
साध्वी जी का बयान सुना के मस्जिदों में। हथियार रखे जाते है। सुबह फजर में ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकवादी बनाये जाते है। बस फिर क्या में भी सबूत ढूंढने में लग गया। के इतनी बड़ी साध्वी जी झूठ थोड़ी बोलती होंगी बस में लग गया रिपोर्टर की तरह दिन भर लगा रहा कई मस्जिदे देखि पर कुछ नहीं मिला रात को जब सोया। उ
आज का पोस्ट एक ऐसे मुद्दे पर है। जो अक्सर लोगो के सामने आता है। तो आइये सुनिये वो मुद्दा क्या है। मुद्दा है। एक इंसान का दूसरे इंसान पे यक़ीन करना। सबसे पहले एक कहानी सुनिए। आप वही पहुच जायेंगे जहा पहुचाना चाहता हु। सुनिए एक गांव में एक राज मिस्त्री था। उसी गांव में एक और आदमी भी था। जो बिलकुल नकार
क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो