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सूरत सिंह जी खालसा इंसाफ के लिए ज़िन्दगी से लड़ते हुए।

19 जुलाई 2015

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यह जो फोटो में दिखाई दे रहे है ना ये है सरदार सूरत सिंह जी खालसा... में भी आपकी तरह इनको नही जानता था जान अब्दुल्लाह भाई ने इनका फोटो अपने प्रोफाइल पे लगाया आपकी तरह मेरे मन में भी सवाल आया को आखिर है कौन ये महाशय..? सो पूछ लिया अब्दुल्लाह जान भाई से , पर इनके बारे में जानते ही में दंग रह क्या । वो क्यों तो जानिये आप भी मेने पूछा - की यह इतने कमज़ोर क्यों दिख रहे है अब्दुल्लाह जान - ये 186 दिन से भूख हड़ताल पर है अपने गाँव हसनपुर पंजाब में... में - क्यों भाई ऐसा क्या हो गया जो ये 6 महीने से भूख हड़ताल पर है जान अब्दुल्लाह - इनकी मांग है की सिखों को जेल से रिहा किया जाये तो में बोल भाई कानून नाम की भी कोई चीज़ होती है ऐसे केसे किसी को भी रिहा कर दे सजा पूरी होने के बाद ही रिहा करेगी सरकार.. इसके बाद जब पता चला की बाबाजी उन लोगो की ही रिहाई की मांग कर रहे है जिनकी सजा पूरी हो चुकी है.. तब जा के माथा ठनका.... जिसकी सजा पूरी हो गयी है उन्हें भी जेल में बंद कर रखा है ये तो सरासर गलत है फिर सोचा मीडिया तो आवाज़ उठा रही होगी सरकार ध्यान नही दे रही.... पर पता चला को 6 महीने में एक बार मीडिया ने इसे कवरेज नही दी... तब सोचा अब खुद ही इसकी आवाज़ उठानी पड़ेगी... जात-पात से ऊपर उठ कर इन्साफ के लिए आवाज़ उठानी पड़ेगी... सरकार अल्पसंख्यको के साथ शुरू से ऐसा हो दोगलापन करती आ रही.. 84 दंगा हुआ सिख बोले मुस्लिम चुप रहे... 1992 ,2002 हुआ मुस्लिम बोले सिख चुप रहे.... आज फिर सिख की बारी है आज भी हम चुप रहे तो अगली बार ये फिर हमारी नंबर पर चुप रहेंगे... अकेले चिल्लाने से कुछ नही होगा मिल कर आवाज़ उठाओ और अपना हक लो... वेसे ही पोस्ट बहुत लम्बी हो चुकी है इसलिए ख़त्म करता हु हकीम दानिश
शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

आपकी पोस्ट लम्बी नहीं बल्कि शायद इनकी कुर्बानी के आगे बहुत छोटी है ... आपने ये लेख लिख कर शब्दानगरी के मंच को इनसे अवगत कराया, इसके लिए आपका शुक्रिया ... साथ ही बहुत अफ़सोस है की उनको ऐसे लोगों के लिए आवाज़ उठानी पद रही है ,जिनकी सज़ा पूरी हो चुकी है फिर भी उनको रिहाई नहीं मिली ... जो इन्होने उनके लिए किया है जिन्हे वो जानते भी नहीं होंगे , उसके लिए बहुत जज़्बा और हिम्मत चाहिए , शायद इसी कारण मीडिया ने इसे अपना सहयोग नहीं दिया ... हम उनको सलाम करते है और प्राथना करते है की वो अपनी इस जंग में जल्द ही सफल हो ... जय हिन्द ... - प्रियंका (शब्दनगरी संगठन )

23 जुलाई 2015

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दहेज़ सम्बंधित लेख

24 अप्रैल 2015
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लड़के वाले या लड़की वाले किसी भी पक्ष को सिर्फ दोष देने से किसी समस्या का हल नहीं होगा..मानसिकता बदलनी चाहिए. और इसके लिए जरूरी है कि हर लड़की को आत्मनिर्भर बनाया जाए. क्यूंकि अब तक ९५% मानसिकता यही है कि लड़की की किसी अच्छे कमाने वाले लड़के से शादी कर दी जाए जो माता-पिता के बाद अब उसकी देखभाल करे.

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दहेज़ के खिलाफ एक जंग

24 अप्रैल 2015
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सब दहेज़ पे तो लिख ही रहे थे मेने सोचा थोडा सा हट के पोस्ट बनाया जाये इसलिए इस मुद्दे पे बनाया सब कुछ मैंने नहीं लिखा है बहुत कुछ गूगल से भी लिया है दहेज़ लेना और देना ये दोनों ही इस्लाम कि नज़र में गुनाह है और ये सब जानते हैं पर क्या आप जानते हैं के निकाह के आजकल के प्रोसेस में हम एक और बदतरीन ज़ुल्म

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नेपाल और भारत में भूकंप

25 अप्रैल 2015
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शनिवार को शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने नेपाल को हिलाकर रख दिया. इमारतें दरक गईं हैं. नेपाल की पुलिस के अनुसार भूकंप में 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है. कई लोगों के इमारतों के मलबों में दबे होने की आशंका है. अमरीकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने कहा है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 थी और

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मुझे शायरी का बहुत शोक है में जब फ्री होता हु तब शायरी लिखने बैठ जाता हु

25 अप्रैल 2015
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दोस्त पड़ते पड़ते खुश है हम लिखते लिखते और लिखते है जिसके लिए वो नाम से ही चिढ़ते है हकीम पडेगा हम सभी को अब जंग-ए-मैदान मे आना, घरों मे बात करने से ये मसले हल नही होंगे। हकीम ना बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। हकीम कदम पाक थे तेरे फिर तुझे ये क्या हुआ, रुख भ

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एक छोटी सी लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है

26 अप्रैल 2015
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कृपया इसे ध्यान से पढ़े और अपने मित्रों और परिवार को सलाह दें ! आप किसी का जीवन बचा सकते हैं ! घटना: एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली ! जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया या या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की

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सफलता का विषय

1 मई 2015
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आज हम सफलता के विषय में बात करते हैआज के वक्त में सफल व्यक्ति वही है जो सुबह उठकर पहले यह तय करता है कि आज उसे क्या-क्या काम करने है। और रात तक वह उन सारे कामों को कई परेशानियों के बाद भी पूरा कर लेता है | और हा दुनिया आपको मुफ्त में कुछ नहीं देती | सफलता जैसी बेशकीमती चीज तो बिलकुल नहीं | अतः सफलत

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कुछ नयी लाईने

1 मई 2015
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आज की नयी शायरी हकीम के साथ

12 मई 2015
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आप दोस्तों की दुआओ से आज फिर एक ग़ज़लज अ लिखा है। देखिये पढ़िए और हा अभी बहुत सी गलतिया भी निकलेंगी क्या है। न अभी तो सीख़ ही रहा हु। तो पेशे खिदमत है। न जाने कब तलक मुझको वोे युही सताएगी, कब अपने दिल का हाल वो मुझे बताएगी। एक दौर था जब उसकी हर साँस पे नाम मेरा था, क्या आज भी वो मेरे ही लिखे गीत

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आज की ग़ज़ल

17 मई 2015
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~~~~~~~ ताज़ा ~ग़ज़ल~~~~~~~ अभी जाग ही रहा हु में तनहा और अकेला, सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी। ऊपर को देखा तारे देखे और देखा चाँद, बातो ही बातो में तेरी बात आ गयी। वैसे तो हर वक्त हर घडी तुझे याद किया, कितने मिले मुझे पर दिल अपना तझको दिया, न होता इंतज़ार है अब ख्वाब में ही आ मिल, देख चाँद निक

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सूरत सिंह जी खालसा इंसाफ के लिए ज़िन्दगी से लड़ते हुए।

19 जुलाई 2015
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माननीय साध्वी जी के मस्जिद को ले कर विवादित बयान का जवाब मेरी कलम से

25 जुलाई 2015
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साध्वी जी का बयान सुना के मस्जिदों में। हथियार रखे जाते है। सुबह फजर में ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकवादी बनाये जाते है। बस फिर क्या में भी सबूत ढूंढने में लग गया। के इतनी बड़ी साध्वी जी झूठ थोड़ी बोलती होंगी बस में लग गया रिपोर्टर की तरह दिन भर लगा रहा कई मस्जिदे देखि पर कुछ नहीं मिला रात को जब सोया। उ

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कॉपी पेस्ट को ले कर लोगो की भावनाये।

25 जुलाई 2015
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आज का पोस्ट एक ऐसे मुद्दे पर है। जो अक्सर लोगो के सामने आता है। तो आइये सुनिये वो मुद्दा क्या है। मुद्दा है। एक इंसान का दूसरे इंसान पे यक़ीन करना। सबसे पहले एक कहानी सुनिए। आप वही पहुच जायेंगे जहा पहुचाना चाहता हु। सुनिए एक गांव में एक राज मिस्त्री था। उसी गांव में एक और आदमी भी था। जो बिलकुल नकार

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अब आप भी लिखिए अपने पोस्ट आर्टिकल आपके मुह से बोलकर हाथो को दीजिये आराम आप जो बोलेंगे वो आपके सामने लिखा जायेगा

9 नवम्बर 2015
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क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो

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