19 जुलाई 2015
आपकी पोस्ट लम्बी नहीं बल्कि शायद इनकी कुर्बानी के आगे बहुत छोटी है ... आपने ये लेख लिख कर शब्दानगरी के मंच को इनसे अवगत कराया, इसके लिए आपका शुक्रिया ... साथ ही बहुत अफ़सोस है की उनको ऐसे लोगों के लिए आवाज़ उठानी पद रही है ,जिनकी सज़ा पूरी हो चुकी है फिर भी उनको रिहाई नहीं मिली ... जो इन्होने उनके लिए किया है जिन्हे वो जानते भी नहीं होंगे , उसके लिए बहुत जज़्बा और हिम्मत चाहिए , शायद इसी कारण मीडिया ने इसे अपना सहयोग नहीं दिया ... हम उनको सलाम करते है और प्राथना करते है की वो अपनी इस जंग में जल्द ही सफल हो ... जय हिन्द ... - प्रियंका (शब्दनगरी संगठन )
23 जुलाई 2015