shabd-logo

सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
 प्रतिनिधि कहानियाँ  -

कुछ लेखक रचना के लिए सामग्री जुटाने में ही अपनी अधिकांश शक्ति व्यय कर देते हैं। उन्हें लगता होगा कि किसी परिघटना से ही महत्त्वपूर्ण या बड़ा जीवन- सत्य व्यक्त किया जा सकता है। चित्रा मुद्गल जीवन के छोटे-छोटे प्रसंगों को चुनती हैं, उनमें व्याप्त तनाव को

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
2 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
75
प्रिंट बुक

गाँधी की शव परीक्षा

‘गाँधी की शव परीक्षा ’ में शोषण में निरीहता , अहिंसा और दरिद्रनारायण की सेवा आदि सिद्धान्तों का मूल्यांकन करते हुए कहा गया है कि ‘गाँधी वाद’ जनता की मुक्ति , सामन्तकाली न घरेलू उद्योग-धंधों और स्वामी सेवक के सम्बन्ध की पुनः स्थापना में समझता है जो इत

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
21 मई 2022
अभी पढ़ें
110
प्रिंट बुक

अल्फ़ा-बीटा-गामा

‘अल्फ़ा-बीटा-गामा’ एक ऐसे विषय को लेकर सभ्य, महानगरीय समाज की निर्दयताओं और अक्षम्य अमानवीयताओं को उजागर करता है जिसकी तरफ़ लिखित शब्दों का ध्यान अकसर नहीं जाता, वह भी इतने बड़े पैमाने पर कि उपन्यास हो जाए। यह उपन्यास मनुष्य की आत्मग्रस्तता को कभी कुत

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
6 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

अजनबी जज़ीरा

हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार नासिरा शर्मा के लेखन की सर्वोपरि विशेषता है सभ्यता, संस्कृति और मानवीय नियति के आत्मबल व अन्तःसंघर्ष का संवेदना-सम्पन्न चित्रण। उनके कथा साहित्य के सरोकार ग्लोबल हैं। उनका कथाकार सन्तप्त और उत्पीड़ित मनुष्यता के पक्ष में पूरी श

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
1 अध्याय
7 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
125
प्रिंट बुक

राग दरबारी

रागदरबारी जैसे कालजयी उपन्यास के रचयिता श्रीलाल शुक्ल हिंदी के वरिष्ठ और विशिष्ट कथाकार हैं। उनकी कलम जिस निस्संग व्यंग्यात्मकता से समकालीन सामाजिक यथार्थ को परत-दर-परत उघाड़ती रही है, पहला पड़ाव उसे और अधिक ऊँचाई सौंपता है। श्रीलाल शुक्ल ने अपने इस नए

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 मई 2022
अभी पढ़ें
350
प्रिंट बुक

सच बोलने की भूल

यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक, परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है, सच बोलने की भूल कहानी संग्रह हैं |

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
21 मई 2022
अभी पढ़ें
110
प्रिंट बुक

 पत्थर गली

‘मुस्लिम समाज सिर्फ़ ‘ग़ज़ल’ नहीं है, बल्कि एक ऐसा ‘मर्सिया’ है जो वह अपनी रूढ़िवादिता की क़ब्र के सिरहाने पढ़ता है। पर उसके साज़ और आवाज़ को कितने लोग सुन पाते हैं, और उसका सही दर्द समझते हैं?’’ लेखिका द्वारा की गई यह टिप्पणी इन कहानियों की पृष्ठभूम

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
7 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

कुइयाँजान

दुनिया की एक सबसे बड़ी जरूरत और एक सबसे गर्म मुद्दा , पानी । वो पानी जो जब बहुतायत में मिलता है तो हम उसकी कद्र नहीं करते और हम अपनों के खिलाफ भी लठ उठा लेते हैं। पानी चीज ही ऐसी है। इसी पानी के इर्द-गिर्द ताना -बाना बुनती हैं नासिरा शर्मा , अपने उपन्

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
7 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
500
प्रिंट बुक

तर्क का तूफ़ान

यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है ! यह आधर्बुऊत प्रस्थान बिंदु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज्यादा तरल रूप में, ज्यादा

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
21 मई 2022
अभी पढ़ें
95
प्रिंट बुक

टोकरी में दिगंत

अनामिका के नए संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त—थेरी गाथा : 2014’ को पूरा पढ़ जाने के बाद मेरे मन पर जो पहला प्रभाव पड़ा, वो यह कि यह पूरी काव्य-कृति एक लम्बी कविता है, जिसमें अनेक छोटे-छोटे दृश्य, प्रसंग और थेरियों के रूपक में लिपटी हुई हमारे समय की सामान्य

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
195
प्रिंट बुक

नमक स्वादानुसार

यह हिन्दी में लिखी गई 9 लघु कथाओं का संग्रह है। यह लेखक के जीवन और उसके आसपास के उदाहरणों, स्थानों और लोगों से बहुत अधिक प्रेरित है। कहानियाँ गहरी कल्पनाओं से लेकर बचपन की कहानियों तक हैं और एक दूसरे से कथात्मक और वैचारिक रूप से अद्वितीय हैं। लोग अपन

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
4 मई 2022
अभी पढ़ें
150
प्रिंट बुक

 धर्म (सार्थक जीवन के लिए महाकाव्यों की मीमांसा)

कहानियां मनोरंजक और आनंदप्रद दोनों हो सकती हैं। वे अंतर्दृष्टि और ज्ञान से भरी हो सकती हैं, ख़ासकर जब उन्होंने सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी सफ़र किया हो, और हर पुनर्कथन के साथ नए अर्थ अपनाए और छोड़े हों। इस विधा-परिवर्तक, श्रृंखला की पहली किताब में अमीश

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
6 मई 2022
अभी पढ़ें
299
प्रिंट बुक

बिश्रामपुर का संत

बिश्रामपुर का संत' समकालीन जीवन की ऐसी महागाथ है जिसका फलक बड़ा विस्तीर्ण है और जो एक साथ कई स्तरों पर चलती है ! एक ओर यह भूदान आन्दोलन की पृष्ठभूमि में स्वातंत्रयोत्तर भारत में सत्ता के व्याकरण और उसी क्रम में हमारी लोकतान्त्रिक त्रासदी की सूक्ष्म पड़

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 मई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

दस द्वारे का पिंजरा

‘सैल्वेशन’ से लेकर ‘लिबरेशन’ तक स्त्री-मुक्ति किन कठिन रास्तों से गुजरी है–इसकी सजग दास्तान है अनामिका की कृति दस द्वारे का पींजरा। पितृसत्ता के वर्चस्व तले निरन्तर क्षयग्रस्त इस दुनिया में स्त्री की मुक्ति खोजना आकाश और धरती के बीच सांस्कृतिक पुल ब

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

 बंद रास्तों का सफ़र

अनामिका की कविताएँ कवि की प्रतिक्रियाओं से नहीं बनतीं, सदेह, चलते-फिरते-जीते लोगों के जीवन-संवाद से निकलती हैं। सड़कों-चौराहों-घरों-दफ़्तरों में जीवन की ज़िद में जुटी इच्छाओं और हताशाओं, उम्मीदों से रचा-बसा एक बड़ा मनुष्यरचित संसार उनकी कविताओं में सद

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

दूब-धान

मार्क्सवाद का अन्तःसंगीत बनकर प्रगतिवादी कविता उभरी, आधुनिकता का अन्तःसंगीत बनकर प्रयोगवादी कविता-इन दोनों के पहले स्वाधीनता आन्दोलन का अन्तःसंगीत छायावादी और छायावादोत्तर कविता में मुखरित हुआ। महाप्रमेयों के ध्वंस के बाद अस्मिता आन्दोलन परवान चढ़े त

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

रावी पार

रवि पार लघु कथाओं का एक संग्रह है जो किसी विशेष विषय का पालन नहीं करता है बल्कि विभिन्न मानवीय भावनाओं को छूता है। इस पुस्तक की कहानियों की जड़ें भारतीय संस्कृति में हैं, लेकिन उन सार्वभौमिक भावनाओं को व्यक्त करती हैं जो क्षेत्रों, जाति और पंथ की सीम

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
30 मई 2022
अभी पढ़ें
295
प्रिंट बुक

शिगाफ़

विस्थापन का दर्द महज़ एक सांस्कृतिक, सामाजिक विरासत से कट जाने का दर्द नहीं है, बल्कि अपनी खुली जड़ें लिए भटकने और कहीं जम न पाने की भीषण विवशता है, जिसे अपने निर्वासन के दौरान सैनसबेस्टियन (स्पेन) में रह रही अमिता, लगातार अपने ब्लॉग में लिखती रही है

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
9 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
150
प्रिंट बुक

कुछ भी तो रूमानी नहीं

भाषा-भाव-सूक्ष्मता-सांकेतिकता-दृष्टि और मौलिकता के लिहाज से परिपक्व मनीषा कुलश्रेष्ठ की समकालीन कहानियाँ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
9 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
100
प्रिंट बुक

श्रीलाल शुक्ल की लोकप्रिय कहानियाँ

श्रीलाल शुक्ल जितने बड़े व्यंग्यकार हैं, उतने ही सशक्त कहानीकार भी, जिनकी कहानियों का बिल्कुल अलग अंदाज है, जिनमें एक धीमा-धीमा व्यंग्य अकसर घुला-मिला होता है। इससे कहानी जो कुछ कहती है, उसके अलावा भी कई और दिशाएँ और आशय खुलते हैं, जिनमें जीवन की विस

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 मई 2022
अभी पढ़ें
175
प्रिंट बुक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए