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सम्पूर्ण भारत को शिक्षित करने के लिए क्या कदम उठाये जाने चाहिए?

7 जनवरी 2016

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सीताराम पंडित

सीताराम पंडित

आपका आपका विचार अति उत्तम है

8 मई 2019

सीताराम पंडित

सीताराम पंडित

आपका आपका विचार अति

8 मई 2019

रमेश  बी   भाटिया

रमेश बी भाटिया

<p>भारत में अधिक लोग शिक्षित हैं। &nbsp;पर कुछ गावं , पहाड़ी जगहों पर लोग पढ़े लिखे कम हैं। &nbsp;मेरे विचार से अगर जो लोग रिटायर हो चुके हैं जैसे, डॉक्टर , इंजीनियर, प्रोफेसर, टीचर ,कोई तकनीकी जानकर &nbsp;ऐसे लोग अपना कुछ समय सात दिन 15 दिन हर वर्ष निकालकर भर्मण के बहाने ही सही वहा जाकर लोगों को अपने अपने क्षत्र की सेवाएं दे सकते हैं। &nbsp;</p><p>जिससे साक्षरता बढ़ेगी। &nbsp;अगर चाहें तो अपने साथ छोटे छोटे नोट बुक पांच या दस रुपैये वाली और पेंसिल /पेन/रबर लेकर जाएँ। &nbsp;तो ये 8 या 15 रुपैये एक पर खर्च होगा. और कोई भी रिटायर्ड व्यक्ति एक वर्ष में अपनी कमाए का एक हज़ार रुपैया भी खर्च &nbsp;करे तो कितने लोग शिक्षित हो सकते हैं। &nbsp;वो आपस मैं 3 / 4 &nbsp;का ग्रुप बनाकर भी जा सकते हैं।&nbsp;</p>

10 जनवरी 2016

प्रेरित डागा

प्रेरित डागा

<p>सम्पूर्ण भारत को शिक्षित किया जा सकता है&nbsp;</p><p>परन्तु थोड़े धैर्य , सन्यम् व परिश्रम की आवश्यकता है&nbsp;</p><p>साथ ही यह भी ध्यान में रखना होगा की अलग<span style="line-height: 18.5714px;">&nbsp;- अलग</span>&nbsp;हिस्सो में अलग&nbsp;<span style="line-height: 18.5714px;">&nbsp;</span><span style="line-height: 18.5714px;">- अलग तरीके अपनाने होंगे &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp;&nbsp;</span></p><p><span style="line-height: 18.5714px;">जैसे&nbsp;&nbsp;मंदिरों&nbsp;में जो लोग कीर्तन् आदि के लिए &nbsp;आते हैं और उनमें से यदि कुछ लोग शिक्षित अथवा साक्षर् नहीं हैं उन्हें कुछ समय दे कर साक्षर किया जा सकता है&nbsp;</span></p><p><span style="line-height: 18.5714px;">यह हो &nbsp;सकता है की वे विरोध करें अथवा उस उम्र में पढ़ने को भी &nbsp;निरर्थक मानें पर उन्हें समझाया जा सकता है की जिन प्रभु का भी वे नाम जपते हैं उनके बारे में वे और पढ़ सकते हैं यदि साक्षर हो जाएँ तो&nbsp;</span></p><p><span style="line-height: 18.5714px;">इस ही प्रकार गुरूद्वारे आदि स्थलों पर भी इस तरीके का प्रयोग किया जा सकता है&nbsp;</span></p><p>यह एक तरीका हुआ ऐसे ही और तरीके हम सोच सकते हैं जो भले ही तेज़ न हों पर लाभकारी हों और हमें एक एक कदम आगे बढ़ने में सहायता करें&nbsp;</p><p>आप का क्या विचार है ?</p><br>

9 जनवरी 2016

वीरेंदर कुमार जैन

वीरेंदर कुमार जैन

<p>जो पढ़ा लिखा &nbsp;है वह अपने &nbsp;पास केएक &nbsp;व्यक्ति को पढ़ना लिखना सिखाये .</p><br>

8 जनवरी 2016

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रचनाएँ
divya
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महाकवियों की रचनाएं
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इतने ऊँचे उठो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

30 नवम्बर 2015
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इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है। देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से जाति भेद की, धर्म-वेश की काले गोरे रंग-द्वेष की ज्वालाओं से जलते जग में इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥ नये हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो नये राग को नूत

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हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन के / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

30 नवम्बर 2015
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हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन के / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन केपिंजरबद्ध न गा पाएँगे,कनक-तीलियों से टकराकरपुलकित पंख टूट जाऍंगे।हम बहता जल पीनेवालेमर जाएँगे भूखे-प्‍यासे,कहीं भली है कटुक निबोरीकनक-कटोरी की मैदा से,स्‍वर्ण-श्रृंखला के बंधन मेंअपनी गति, उड़ान सब भूले,बस सपनों में देख रहे हैं

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भारत की श्रम शक्ति

19 दिसम्बर 2015
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भारत में विशाल श्रम शक्ति होते हुए भी यहां की सरकार इस विशाल युवाशक्ति को रोजगार से परे रखती है, हमारी तर्क कहाँ तक सही है कि मशीनों के प्रयोग के कारण ही अत्यधिक बेरोजगारी का सृजन हुई है?

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क्या हमारे देश की लोकतंत्र सलामत है?

20 दिसम्बर 2015
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हमारे देश की लोकतंत्र कहाँ तक सुरक्षित है? यदि लोकतंत्र भंग हो रही ही तो कौन जिम्मेवार है? पुनर्व्यवस्थित करने के लिए क्या कदम उठाये जाएं?

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रिश्वत लेना अपराध है या देना?

24 दिसम्बर 2015
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सम्पूर्ण भारत को शिक्षित करने के लिए क्या कदम उठाये जाने चाहिए?

7 जनवरी 2016
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