तुम जाने क्या-क्या कहते हो? शब्दों से आकाश गिराकर, धरती सिंचित कर दोगे l सूरज की किरणें बरसाकर, तम के परकोटे भर दोगे ll जाने कितनी सदियाँ बीती, अंधकार भी व्याकुल है l दीपों की बाती कहती है, लौ से
'' आदमी '' प्रकृति की सर्वोत्कृष्ट कृति है .आदमी को इंसान भी कहते हैं , मानव भी कहते हैं ,इसी कारण आदमी में इंसानियत , मानवता जैसे भाव प्रचुर मात्र में भरे हैं ,ऐसा कहा जाता है किन्तु आदमी का एक दूसरा पहलु भी है और वह है इसका अन्याय अत्याचार जैसी बुराइयों से गहरा नात