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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।

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प्रेम के रंग

प्रेम के रंग

मेरी ये किताब प्रेम कविताओं का एक संग्रह है। जिस में प्रेम के अलग-अलग रंग आपको पढ़ने को मिलेंगे। कहीं दुख, कहीं वियोग तो कहीं मिलन है। प्रेम के रंग बहुत ही अदभुत होते है। जिन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है। आशा करती हूं कि मेरी इन कविताओं के साथ आप

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45 common.articles

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प्रेम के रंग

प्रेम के रंग

मेरी ये किताब प्रेम कविताओं का एक संग्रह है। जिस में प्रेम के अलग-अलग रंग आपको पढ़ने को मिलेंगे। कहीं दुख, कहीं वियोग तो कहीं मिलन है। प्रेम के रंग बहुत ही अदभुत होते है। जिन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है। आशा करती हूं कि मेरी इन कविताओं के साथ आप

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प्रेम में दायरा

प्रेम में दायरा

मेरी ये किताब दो प्रेमियों की कहानी है। जो अलग अलग धर्मों से है। उनके प्यार के रास्ते में ये धर्म बेड़ियां बनकर खड़ा है। क्या वो इस धर्म की बेड़ियों को तोड़ पाएंगे। और उनका मिलाप होगा। ये जानने के लिए अपको मेरी किताब पड़नी होगी। अच्छी लगे तो मेरा प्र

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प्रेम में दायरा

प्रेम में दायरा

मेरी ये किताब दो प्रेमियों की कहानी है। जो अलग अलग धर्मों से है। उनके प्यार के रास्ते में ये धर्म बेड़ियां बनकर खड़ा है। क्या वो इस धर्म की बेड़ियों को तोड़ पाएंगे। और उनका मिलाप होगा। ये जानने के लिए अपको मेरी किताब पड़नी होगी। अच्छी लगे तो मेरा प्र

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कुछ एहसास

कुछ एहसास

"कुछ एहसास" मेरी कविताओं का संग्रह है। जिसमें मन के भिन-भिन एहसासों का कविता रूपी वर्णन है। ये एहसास हमारे मन के झरोखों से झांकते हुए कागज़ पर उतर आते हैं।

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कुछ एहसास

कुछ एहसास

"कुछ एहसास" मेरी कविताओं का संग्रह है। जिसमें मन के भिन-भिन एहसासों का कविता रूपी वर्णन है। ये एहसास हमारे मन के झरोखों से झांकते हुए कागज़ पर उतर आते हैं।

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लघु कथाएं

लघु कथाएं

ये किताब कुछ प्रेम कहानियों का संग्रह है। जिसमे प्रेम के अलग-अलग रूप को दर्शाया गया है।

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लघु कथाएं

लघु कथाएं

ये किताब कुछ प्रेम कहानियों का संग्रह है। जिसमे प्रेम के अलग-अलग रूप को दर्शाया गया है।

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सामाजिक विवशताएं

सामाजिक विवशताएं

हमारे समाज में कुछ भ्रांतियां फैली हुई है। जिन्हें मैं इन लघु कहानियों के रूप में बयां करना चाहती हूं। बहुत से लोगों ने कहीं न कहीं ऐसी विवशता का सामना किया होगा। और वो अपने आप को इनसे जुड़ा पाएंगे।

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4 common.articles

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सामाजिक विवशताएं

सामाजिक विवशताएं

हमारे समाज में कुछ भ्रांतियां फैली हुई है। जिन्हें मैं इन लघु कहानियों के रूप में बयां करना चाहती हूं। बहुत से लोगों ने कहीं न कहीं ऐसी विवशता का सामना किया होगा। और वो अपने आप को इनसे जुड़ा पाएंगे।

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प्यार का अफसाना

प्यार का अफसाना

ये किताब कुछ प्रेम कविताओं का संग्रह है।

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प्यार का अफसाना

प्यार का अफसाना

ये किताब कुछ प्रेम कविताओं का संग्रह है।

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स्वाद ही स्वाद

स्वाद ही स्वाद

मुझे शुरुआत से ही खाना बनाने का शौंक रहा है। और कहीं से कुछ अच्छा सीखने को मिलता है तो मैं जरूर सीखती हो। कभी कभी मैं उसमे कुछ प्रयोग भी कर लेती हूं। इस किताब में मैं कुछ ऐसे व्यंजनों की रेसिपी ले कर आई हूं। जो मैने अपने परिवार के बड़े लोगों से सीखी

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स्वाद ही स्वाद

स्वाद ही स्वाद

मुझे शुरुआत से ही खाना बनाने का शौंक रहा है। और कहीं से कुछ अच्छा सीखने को मिलता है तो मैं जरूर सीखती हो। कभी कभी मैं उसमे कुछ प्रयोग भी कर लेती हूं। इस किताब में मैं कुछ ऐसे व्यंजनों की रेसिपी ले कर आई हूं। जो मैने अपने परिवार के बड़े लोगों से सीखी

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कमबख्त जुबां

18 अक्टूबर 2024
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कमबख्त जुबां ऐसी है, कि अपने लिए भी, लड़ ना पाए। कोई तुम्हे नोच खाए, फिर भी तुम्हारे मुंह से, उफ्फ तक ना आए। क्या करना ऐसी समझदारी का, कि सामने वाला तुम्हें, इस्तेमाल करके निकल जाए।

मैंने सफेद ही रखा अपनी चादर को

17 अक्टूबर 2024
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मैंने सफेद ही रखा अपनी चादर को, दाग ना कभी लगने दिया। तेरी बेवफाई का दाग ऐसा लगा, की छूटता ही नहीं है। तेरे जुल्मों सितम का आलम, टूटता ही नहीं है। हम तो अपना सब कुछ हार गए, तेरे कारण। पर तेरे

वो कॉलेज के दिन

10 अक्टूबर 2024
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वो कॉलेज के दिन, वो बेपरवाह सा मस्त स्वभाव। कभी बंक मारके सर्दी में बाहर धूप सेंकना, कभी सहेलियों संग इठलाना, बलखाना। कभी परिणाम आने पर रोना, कभी खुश हो जाना, कभी मस्ती में गुनगुनाना, कभी शांत ह

दुआ करेंगे कि हम मिले

10 अक्टूबर 2024
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दुआ करेंगे कि हम मिले, हर एक मोड़ पे तुझे। जहां भी जाए, तू हमें ही पाए। खुशियां बिखेर देंगे, तेरे कदमों में इतनी। कि तू हर दुआ में, हमे ही चाहे।

मेरे कन्हैया सुन ले पुकार

10 अक्टूबर 2024
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मेरे कन्हैया सुन ले पुकार, तेरे सिवा न मुझे किसी पे एतबार। तेरे सहारे मेरे जीवन की डोर, तूने छोड़ा तो जाऊं किस ओर। ये दुनियां बड़ी ही जालिम, करती है मुझपे अन्याय घनघोर। तू संग हो तो, जीत लू जहां

ख्वाहिशें है जगी-जगी

3 अक्टूबर 2024
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ख्वाहिशें है जगी-जगी, दिल ने कहा, तू भी चल, उड़ चल कहीं। हर डगर, हर मोड़ की, तलाश है कहीं। जिंदगी में खुशियों की, आस है कहीं।

वो भी मेरी याद में

3 अक्टूबर 2024
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वो भी मेरी याद में, कभी आंसू बहाए। वो भी मेरी याद में, कभी गुनगुनाए। प्रेम का धागा, इतना कमजोर तो नहीं। कि उसने कहा भूल जाने को, और हम भूल जाएं।

आप समझ पाते

24 सितम्बर 2024
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आप समझ पाते, तो बात ही क्या थी। मेरे सपनो की, औकात ही क्या थी। क्यों अंदर चाहतों को दबाते हम। क्यों अपने आप में ही घुट जाते हम। अब तो सपने आना भी भूल गए। खुशी में गुनगुनाना भी भूल गए।

पकोड़े की सब्जी

19 सितम्बर 2024
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पकोड़े की सामग्री: एक कप बेसन, एक आलू, एक प्याज, आधा चम्मच अजवाइन, नमक स्वाद अनुसार, पकोड़े बनाने की विधि: एक कप बेसन में एक आलू छील कर पतले टुकड़ों में काटा हुआ, एक प्याज पतला काटा हुआ, नमक, अज

सब कुछ खत्म हो गया मेरा

17 सितम्बर 2024
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सब कुछ खत्म हो गया मेरा, बस नाम के लिए जी रही हूं। कुछ भी नही है पास मेरे, बस मुकाम के लिए जी रही हूं। तुमने तो आसानी से कह दिया, कि भूल जाओ सब। पर मैं अभी भी, इंतकाम के लिए जी रही हूं।

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