मेरी ये किताब कविताओं का एक संग्रह है। जिस में प्रेम के अलग-अलग रंग आपको पढ़ने को मिलेंगे। कहीं दुख, कहीं वियोग तो कहीं मिलन है
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इस दिल को कैसे समझाएं ये समझता नहीं है तुम्हारे दिये ज़ख्मों से उभरता नहीं है बिछड़ के भी क्या कोई जिंदा रह सकता है पर काट के भी क्या कोई परिंदा रह सकता है तुम झूठ हो, फरेब हो ये बताना चाहते
तुम जुदा क्या हुए हम चहकना भूल गए बागों में टहलना भूल गए तुम जुदा क्या हुए मन के फूल महकना भूल गए खुशी में बहकना भूल गए तुम जुदा क्या हुए सूख के कली कांटा हो गई बहारों की अब रौनक खो गई
कह दो कि लौट आओगे, प्यार से हमारे गालों को सहलाओगे उमर भर साथ निभाओगे, कह दो कि लौट आओगे। उन गलियों में फिर साथ चलेंगे, हाथो में लेकर हाथ चलेंगे, कह दो कि वादा निभाओगे, कह दो कि लौट आओगे।
तुम्हें पाने की ख़्वाहिश तो ना थी, पर तुमसे बिछड़ जाने का गम जरूर था। तुम्हारे पास आने की ख़ुशी तो ना थी, पर तुम्हारे दूर जाने का दर्द जरूर था। तुम तो कहते थे, खास है हम तुम्हारे लिए, तोहफ़ा
बहुत देर से रुका हूं तेरे आने की चाहत में बहुत देर से रुका हूं तुम्हें पाने की चाहत में । अब तो ख़त्म करो इंतज़ार की घड़ी अब तो स्वीकार करो मेरे प्रेम की लड़ी। इत्तेफाक से हम मिले थे अब इ
आज मुझे जाने ना दो, रोक लो, चला गया तो, फिर कभी लौट नहीं पाऊंगा। आज मुझे जाने ना दो, रोक लो चला गया तो, फिर तुम्हें देख नहीं पाऊंगा। आज मुझे जाने ना दो, रोक लो, चला गया तो, तुम्हारे अश्कों को पों
तेरे करीब हूं मैं, बहुत करीब हूं मैं। तुझे पता नहीं है, तेरा नसीब हूं मैं। तेरी तन्हाई, तेरी ख़ामोशी में हूं मैं, तेरी सोच, तेरी मदहोशी में हूं मैं। तू जहां रहें, तेरे साथ हूं मैं, तेरे दिल की
कुछ देर तो रुको कुछ बात हो जाए हमारी तुम्हारी फ़िर शायद मुलाक़ात हो जाए क्यों उलझे हो तुम्हारी उलझन सुलझाऊं कुछ देर तो बैठो तुम्हें प्यार से बहलाऊं तुम्हारी हथेली से अपना हाथ मिलाऊं तुम्
बहुत ख़्वाहिश थी उनसे मिलने की मिल के बातें करने की बातो में फिर खो जाने की खो के फिर उनका हो जाने की बहुत ख़्वाहिश थी उनसे मिलने की मिल के सपने सजाने की फ़िर उनके सपनों में आने की सपनों से उ
तू मेरे साथ नहीं तू मेरे पास नहीं तेरी यादें हैं बहुत तो ये जिंदगी उदास नहीं मैं तेरे लिए खास नहीं तो भी कोई बात नहीं तू चाहे ना लौटे तो भी में नाराज़ नहीं
काश कभी आप, मेरे दिल की बात समझ पाते, मेरी खामोशियों को सुन पाते, कभी कहते मै खड़ा हूं, तुम्हारे कदम से कदम मिलाएं, कभी छुपा लेते मेरे उदास चेहरे को, अपनी हथेलियों से। मैं थाम लूंगा तुम्हारा हाथ
तुम कह दो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए तुम्हारे साथ होने का एहसास चाहिए तुम कह दो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए इन रंगीन वादियों में हमें मिलना बार-बार चाहिए तुम कह दो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए
तू साथ है, यही खास है तेरे दिल में ही, मेरा वास है मैं चल पड़ी उस राह पे जिस राह पे तेरा आवास है मैं मौन हूं, तू आवाज़ है तू मेरी धड़कनो का साज़ है मेरे हाथो में, तेरा हाथ है यहीं तो एक अच्
तुम जाना चाहो तो चले जाओ तेरे झूठे वादों के सहारे जी लेंगे तेरी यादो के सहारे जी लेंगे हमें भी खबर है तेरे इरादों की तेरे ख्वाबों के सहारे जी लेंगे तेरी फरेबी बातों के सहारे जी लेंगे इश्क़ किसे
आओ कुछ देर साथ चलें दुनिया की भीड़ से कहीं एकान्त चलें तुम जान लो सब मेरे मन की तब जा के कही कुछ बात बने मैं समझू तुम्हें, तुम समझो मुझे फिर जा के नये रिश्ते के तार बुनें आओ कुछ देर साथ चलें
समय बीत रहा है, हर पल यही बताता है, कुछ पल थाम लो हाथ हमारा, यहीं तो वो समझाता है, निकल जाएगा ये पल भी, फिर क्या करोगे, काश थोड़ा पहले मिले होते, फिर यहीं कहोगे, समय को बांधना हमारे हाथ में नहीं
ग़म मिट गये, खुशी मिल गयी, फिर से जीने की एक उम्मीद मिल गयी। कुछ नया करने की चाह मिल गयी, हर पल मुस्कुराने की वजह मिल गयी। सपने सजाने की ख्वाहिश मिल गयी, तुम मिल गये, हर चीज़ मिल गयी।
तू कोई ख्वाब नहीं जिसे देख के भूल जाऊं तू कोई राज़ नहीं जिसे सबकी नजरों से छुपाई तू तो वो इश्क है जिसे पा के मैं खिल जाऊं तू वो सवाल नहीं जिसका मैं जवाब न दे पाऊं तू वो ताल नहीं जिसका में
तेरा इंतज़ार हमें तेरा ऐतबार हमें तुझसे जुदाई पर है ऐतराज़ हमे ये नजरें जहां भी देखें तेरा ही दीदार हमें तुझको खबर ही नहीं है तुझसे प्यार हमें
मेरे हाथों से निकल के तुम मेरी लकीरों में बस गए मेरी पलकों से निकल के तुम मेरी आंखों में बस गए मेरे दिल से निकल के तुम मेरी धड़कन में बस गए कहां हो तुम क्या कहूं तुम तो मेरी नस नस में बस गए
इस हवा में प्यार है, इस घटा में प्यार है, इस बंजर ज़मीन में भी प्यार है, अगर तुम मेरे साथ हो। अगर तुम मेरे साथ हो। इस अंधेरी रात में प्यार है, इस तूफानी शाम में प्यार है, इस चिलचिलाती धूप में भ
तन्हाई भारी रात में, जब कोई आने लगे याद। चाँद में नज़र आये, जब उसका चेहरा बार-बार। कोशिश करने पर भी, जब हम उसे ना भूल पायें। बार-बार जब उसकी बातें याद आये, हकीकत भी जब सपना लगने लग जाए। हर घड़
तुम बिन जीवन जैसे, लगता गहरी खाई। तेरे ही संग मैने, सपनो की डोर सजाई। हर दुआ में मांगा है तुमको, तुझसे ही मेरी खुदाई। साथ ये जीवन भर का, है हमारा तुम्हारा। संग चलूंगी हर क़दम, वादा है तुमसे हमारा।
कुछ देर सुकून से रहने दो कुछ देर भावनाओं में बहने दो कुछ देर की बात है हाथों में तुम्हारा हाथ रहने दो कुछ देर के लिए हम मिले हैं कुछ देर के लिए ये दिल खिले है कुछ देर का साथ है बस यहीं कुछ पल
मैं जानती हूँ कि, तुम मुझे चाहते हो। मुझे अपना बना के, मेरा होना चाहते हो। तुम मेरे विराने में, खोना चाहते हो। मेरी गोदी में सर रख के, सोना चाहते हो। तुम भले मुझसे, कुछ कहते नहीं। पर मैं तुम
तुम साफ साफ कह दो, तुम्हे किया चाहिए इशारे तुम्हारे समझ ना पाएंगे टूट के बिखरने की चाह नहीं है इश्क में तुम्हारे उलझ ना पाएंगे तुम्हारी बातों में फरेब है तुम्हारे इरादों में छल हैं इश्क तुम
तुम्हे पुष्प समझ के मैंने मान किया सीने से लगाया, इजहार किया फिर भी तुमने शोलो की वर्षा बरसाई पुष्पा तुम क्यों नही आई तुम्हारे इंतजार मे मैने, दिन रात एक किया तुम्हे अपने दिल के पास किया फिर
लंबा अंतराल हो गया तुमने कहा था वापस आऊंगा क्या प्यार तुम्हारा झूठा था या इंतजार हमारा झूठा है वक्त के साथ हर लम्हा बदल गया तुमने कहा था वादा निभाऊंगा क्या वादा तुम्हारा झूठा था या ऐतबार हमार