सब कुछ खत्म हो गया मेरा,
बस नाम के लिए जी रही हूं।
कुछ भी नही है पास मेरे,
बस मुकाम के लिए जी रही हूं।
तुमने तो आसानी से कह दिया,
कि भूल जाओ सब।
पर मैं अभी भी,
इंतकाम के लिए जी रही हूं।
17 सितम्बर 2024
सब कुछ खत्म हो गया मेरा,
बस नाम के लिए जी रही हूं।
कुछ भी नही है पास मेरे,
बस मुकाम के लिए जी रही हूं।
तुमने तो आसानी से कह दिया,
कि भूल जाओ सब।
पर मैं अभी भी,
इंतकाम के लिए जी रही हूं।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D
Lajawaab Waah
17 सितम्बर 2024