ये सांसे जो चल रही है अभी,
इन पर किसका जोर है,
चल देगी मुंह मोड़ कर कभी,
बेबसी की हवा पुरजोर है.....।
किसी की सिसकियाँ, किसी के आंसूं,
अब निकलते जा रहे है,
रोना मत, मजबूत बनना,
सच तो यह है, कि.....
अब हम लौट कर नहीं आ रहे हैं....।
मायूसी ये, बस चन्द दिनों की है,
सम्भाल लेना सब को और खुद भी सम्भल जाना,
मेरी यादों को सदा दिल के कोने में,
सजा के रखना,
रोना कभी नहीं, बस मुस्काते रहना!!!!!
::::shalini:::::