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अपना तुझे बना लूंगी

3 अप्रैल 2018
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अपनी जुल्फों की छाओ में चेहरा तेरा छुपा लूँगीजो बन जाये मेरा दुनिआ से चुरा लूंगीबन जायेगा तू सात जन्मों के लिए मेरा कुछ इस तरह अपना तुझे बना लूंगी

मुलाकात

3 अप्रैल 2018
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कुछ रिश्ते बेनाम होते है फिर भी न जाने क्यों हमारी जान होते हैबिना बोले समझ लेते आपकी हर बातचाहे कभी न हो उनसे मुलाकात.

मुस्कान

3 अप्रैल 2018
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बन जाऊ फिर इस बार पत्थर कीजो दर्द कोई न छू पाएगी वो वक़्त फिर वही ले आएगा जहाँ बार बार तोड़ देती मुझे.जाने कब ख़त्म हो ये सिलसिलाजो मेरे होठों पे मुस्कान आ जाएगी

रात

3 अप्रैल 2018
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आँखों में ही ये रात गुज़र जायेगी.जाने कब नींद हमें आएगी.वक़्त गुज़र नहीं रहा गुज़ारे से.न जाने ये सुबह कब आएगी.

जाने क्या होगा

3 अप्रैल 2018
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आने वाले पल में जाने क्या होगा.तू मिल जायेगा मुझे या मुझ से दूर होगा.मिलन होगा अपना या न मिल पाना होगा.आने वाले पल में जाने क्या होगा.

खुद से भी न कहा

3 अप्रैल 2018
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जो बाते कभी खुद से भी न कहा वो जाने कैसे कही तुझसे कह के किसी और से वो बात न करना मुझ को नाराज.

नादानी

20 मार्च 2018
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मेरी नादानी को दिल से न लगा लेना।बस इसे मुस्कुराने की वजह बना लेना।।

खुशियाँ

20 मार्च 2018
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कुछ खुशीया दरवाजे से लौट जाती हैं और कुछ गम जातें हुए भी लौट आतीं हैं।

जीने की राह फिर दिखा गया कोई

11 सितम्बर 2015
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भीगी पलकों से आंसू चुरा ले गया कोई उदासी को छीन मुस्कुराहट दे गया कोईदर्द से भरा दिल था मेरा जाने कैसे मोहबत से फिर भर गया कोईजिस दर्द में भूल बैठे थे खुद को फिर से खुद का आइना दिखा गया कोई जिंदगी जीना मुस्किल हो गया था फिर से जीने की राह दिखा गया कोई

कितना मुस्किल है

27 अगस्त 2015
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कितना मुस्किल है जज्बात को छुपानाकितना मुस्किल है हर बात को छुपानाआँखे तो कर देती है सब कुछ ब्याकितना मुस्किल है मुस्कान के पीछे सैलाब को छुपाना

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