shabd-logo

सारांश

13 मई 2023

10 बार देखा गया 10

मेरे द्वारा रचित इस कहानी की मुख्य पात्र श्रुति है, जो पढ़ाई-लिखाई में अच्छी है, लेकिन अपने घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती। लेकिन उसके अन्दर की पढ़ने की इच्छा नहीं जाती और वह कई बार अपने घर वालों से काम करने की अनुमति मांगती है, लेकिन उसके घर वाले हमेशा डरते रहते हैं कि श्रुति एक लड़की है और बाहर का माहौल भी ठीक नहीं है। श्रुति चाहती थी कि वह काम करके अपनी पढ़ाई का खर्चा खुद उठाए और अपनी पढ़ाई जारी रखे। लेकिन जैसा श्रुति चाहती थी, वैसा नहीं होता। इस तरह श्रुति को एक लड़की होने के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उसकी राय जाने बगैर उसकी शादी कर दी जाती है। यहां उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता है और कई तरह के ताने मारे जाते हैं। उसे घर से बाहर निकाल दिया जाता है। श्रुति अपने घर, अपने माता-पिता के पास वापस नहीं जाती और सोचती है कि जो काम वह पहले नहीं कर पाई, वह अब करेगी। श्रुति अपनी एक सहेली के साथ रहने लगती है और अखबार बांटने का काम करने के साथ ही अपनी पढ़ाई फिर से जारी कर लेती है। फिर श्रुति यूपीएससी का एग्जाम पास कर आईपीएस बन जाती है और आईपीएस बनने के बाद वह तय करती है कि एक लड़की होने के कारण जिन मुश्किलों का सामना उसे करना पड़ा है, वह दूसरी लड़कियों को नहीं करने देगी। इसी सोच के साथ श्रुति औरतों का एक ग्रुप तैयार करती है, जिसे वह औरतों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित करती है। और वह इस ग्रुप का नाम रखती है "वूमेन वेब"। अंत: मैंने इस कहानी के जरिए उन मुश्किलों को दिखाने की कोशिश की है जिनका सामना औरतों को औरतें होने के कारण या आत्मनिर्भर न होने के कारण करना पड़ता है।  

नोट: इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं, इनका असल जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है। यह कहानी मैंने अपनी कल्पना से रची है। यह किसी सच्ची घटना से कोई तालुक नहीं रखती है।

7
रचनाएँ
वूमेन वेब
3.0
जैसा कि मेरी पुस्तक के नाम से ही पता चल रहा है कि ये पुस्तक औरतों पर लिखी गई है। मैंने अपनी इस किताब मे औरतों की स्थिति को उजागर किया है। मैंने इसमें दिखाने की कोशिश की है कि किस प्रकार औरतों से उनकी आजादी सिर्फ ये कहकर छीन ली जाती है कि वो औरतें हैं। इसी के चलते उनकी जिंदगी महज घर की चार दिवारी में गुजर जाती है। उन्हें ये कहकर घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता की बाहर का माहौल खराब है, उनके लिए सुरक्षित नहीं है। जिसके कारण ना उन्हें अच्छी शिक्षा मिल पाती है और ना ही वो अपने पैरों पर खड़ी हो पाती हैं। आगे चलकर इसी बात का फायदा औरतों के ससुराल वाले उठाते हैं और उन्हें दहेज़ आदि के लिए परेशान करते हैं। पुरुष परधानता का कारण भी औरतों को आजादी न होना है। हालांकि शहरों में अब ये धारणा थोड़ी कम हो गई है। लेकिन कहीं न कहीं हमारे गांव में ये धारणा अभी भी बरकरार है। वहां आज भी लोग यही मानते हैं कि बाहर का माहौल औरतों या लड़कियों के लिए सही नहीं है। जिसके चलते आगे चलकर औरतों के लिए घर का माहौल बाहर के माहौल से भी बत्तर बन जाता है। वो बिचारी अपनी छोटी छोटी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाती , केवल अपने पतियों पे निर्भर होकर रह जाती हैं। हमे इस सर्किल को तोड़ना होगा क्योंकि औरतें बाहर सुरक्षित इसलिए नहीं होती क्योंकि वहां उनकी गिनती मर्दों से कम होती है और आप जानते ही हैं कि जिनकी संख्या ज्यादा होती है वो हमेशा कम संख्या वालों को दबाने की कोशिश करते हैं।
1

परिचय

1 मई 2023
10
1
1

जैसा कि मेरी पुस्तक के नाम से ही पता चल रहा है कि यह पुस्तक औरतों पर लिखी गई है। मैंने अपनी इस किताब में औरतों की स्थिति को उजागर किया है। मैंने इसमें दिखाने की कोशिश की है कि किस प्रकार औरतों से उनकी

2

लघुरूप और बदलाव

12 मई 2023
4
0
0

लघुरूप   1. वी. ओ. = वॉयस ओवर   2. ओ. सी. = ऑफ कैमरा   3. ओ. एस. = ऑफ स्क्रीन   बदलाव   1. फेड इन   2. फेड आउट   3. स्मैश कट   4. शिफ्ट टू   आदि।

3

वूमेन वेब भाग - 1

11 मई 2023
5
0
0

सम मेन कैरेक्टर्स/ऐज/प्रोफेशन 1. श्रुति (मेन कैरेक्टर) - 20 - आईपीएस 2. अर्चना (श्रुति की मां) - 45 - हाउस वाइफ 3. यशपाल (श्रुति के पिता) - 48 - कारखाने में मज़दूर 4. अजूनी (श्रुति की बहन) - 16 

4

वूमेन वेब भाग - 2

7 मई 2023
3
0
0

12. एक्सटीरियर - वरूण के घर के सामने - मॉर्निंग - कुछ दिन बाद   सुबह का समय है।   सूरज की किरणों से आसमान संतरी और हल्का लाल रंग का हो चुका है।   सूरज की परछाईं पानी में साफ नजर आ रही है।   पक्षी

5

वूमेन वेब भाग - 3

7 मई 2023
1
0
0

14B. इंटीरियर - गायत्री का कमरा - सेम टाइम गायत्री के बेड पर कपड़ों का ढेर लगा हुआ है और वह कपड़ों की तह लगा रही है। उसके कमरे में श्रुति के कमरे में चल रहे टीवी की थोड़ी-थोड़ी आवाज़ आ रही है। गायत

6

वूमेन वेब भाग 4

9 मई 2023
4
0
0

20. इंटीरियर - पुलिस स्टेशन - मॉर्निंग - चार साल बाद   श्रुति कुर्सी पर बैठी हुई है। उसने आईपीएस की वर्दी पहनी हुई है।   उसके हाथ में एक पैन है।   तभी एक इंस्पेक्टर (25) श्रुति के पास आता है।   उस

7

सारांश

13 मई 2023
1
0
0

मेरे द्वारा रचित इस कहानी की मुख्य पात्र श्रुति है, जो पढ़ाई-लिखाई में अच्छी है, लेकिन अपने घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती। लेकिन उसके अन्दर की पढ़ने की इच्छा न

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए