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वूमेन वेब भाग - 4

9 मई 2023

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20.इंटीरियर - पुलिस स्टेशन - मॉर्निंग - चार साल बाद    

श्रुति कुर्सी पर बैठी हुई है। उसने आईपीएस की वर्दी पहनी हुई है।

उसके हाथ में एक पैन है।

तभी एक इंस्पेक्टर (25) श्रुति के पास आता है।

उसके हाथ में कुछ फाइल्स हैं।

इंस्पेक्टर शौर्य 

(फाइल्स दिखाते हुए)

श्रुति मैम ये सब फाइल्स उन् केसेज की हैं जो कुछ दिन पहले ही रजिस्टर हुए हैं।

श्रुति

(फाइल्स की ओर देखकर)

अच्छा तुमने इन फाइल्स को एक बार तो पढ़ा ही होगा ?

इंस्पेक्टर शौर्य 

जी मैम इन फाइल्स मे ज्यादातर केस सोशल एविल्स के हैं।

श्रुति 

पहले ही न जाने कितने केस रिकॉर्ड हैं, सोशल एविल्स के और अब ये फिर से।

इंस्पेक्टर शौर्य 

जी मैम वो तो है। अब इसमें हम कर भी क्या सकते है। दहेज़, शोशन, आदि के न जाने कितने ही केस हर रोज चौंकियों में दर्ज़ किए जाते। और कुछ महिलाएं तो केस दर्ज ही नही करवाती।

श्रुति

(पैन को गुमाते हुए)

बात तो तुम सही कर रहे हो। लेकिन मुझे लगता है कि औरतों के साथ जो अत्याचार जो रहे हैं उसका कारण एक ही है।

इंस्पेक्टर शौर्य 

(उत्सुकता दिखाते हुए)

और मैम वो करण क्या है।

श्रुति

(सीरियस होकर)

वो यह की औरतों की गिनती बाहर के माहौल मे कम है, और तुम्हे तो पता ही है कि लोग कम संख्या वाले लोगों को हमेशा टार्गेट करते है, जिसके कारण बाहर का माहौल खराब होता है और इसी वजह से पैरेंट्स अपनी बच्चियों को बाहर नहीं निकलने देते वो अपनी सोच के मुताबिक तो अपनी बच्चियों को सोशल एविल्स से बचा रहे हैं लेकिन जाने अंजाने में वो उन्हें और सोशल एविल्स के दलदल में डकेल रहे हैं। जब तक यह सर्कल नही टूटेगा तब तक लड़कियां ऐसे ही सोशल एविल्स का शिकार होती रहेंगी। कुछ साल पहले अगर मैं  काम करके  अपनी स्टडी कंप्लीट करके आईपीएस का पेपर क्लियर न करती तो शायद मैं भी इन औरतों की तरह सोशल एविल्स की शिकार होती।

इंस्पेक्टर शौर्य 

मैम सभी लड़कियों में आपके जितनी हिम्मत नहीं होती की वो घर से भागकर अपने सपने पूरे करें ।  श्रुति

(गुमसुमसी होकर )

और मैं चाहती भी नहीं के ऐसा कोई सिस्टम हो जिसमे लड़कियों को अपने सपने पूरे करने के लिए घर से भागना पड़े।

इंस्पेक्टर शौर्य 

(श्रुति को याद दिलाते हुए)

मैम हम इन फाइल्स के बारे में बात कर रहे थे। पहले कौन से केसेज की फाइल दूं , दहेज की, घरेलू हिंसा की   या फ़िर ----

श्रुति

(बीच मे टोकते हुए)

इनमे से कोई भी नहीं। हम ऐसे कितने केस सॉल्व करेंगे। पहले हमे उस सर्कल को तोड़ना होगा जिसके चलते  इन केसों की गिनती बढ़ती जा रही है।

इंस्पेक्टर शौर्य 

लेकिन मैम इस सर्कल को तोड़ने के लिए हमे औरतो को घरों से बाहर निकलने के लिए जागरूक करके उन की संखिया को बाहर के माहौल में अधिक करना होगा जो के इंपॉसिबल हैं।

श्रुति

नहीं शौर्य इंपॉसिबल कुछ नहीं  होता। और इंपॉसिबल को पॉसिबल करेगा हमारा वूमेन वेब।

इंस्पेक्टर शौर्य 

वूमेन वेब?मैम ये वूमेन वेब    क्या है?

श्रुति

(अपनी कुर्सी से उठकर खिड़की मे खड़ी होकर)

तुम सभी गांव और शहर की गलियों में अनाउंसमेंट करवा दो कि दो दिन बाद सभी महिलाएं   सुबह ठीक  बारह बजे हर्षवाटिका पार्क में पहुंच जाएं क्युकी श्रुति मैं उन्हें कुछ देना चाहती हैं ।

इंस्पेक्टर शौर्य 

जी मैम आपने जो काम दिया है वो हो जाएगा। लेकिन आपको लगता है कि औरतों के घर वाले उन्हें घर से बाहर निकलने देंगे।

श्रुति

शौर्य एक दिन से कुछ नहीं होता और फिर जब उन्हें पता चलेगा कि आईपीएस ऑफिसर ने महिलाओं को बुलाया है तो वो जरूर भेजेंगे। अगर आपके पास पावर हो तो कुछ भी मुमकिन है।

इंस्पेक्टर शौर्य 

मैम लेकिन इन केसों का क्या?

श्रुति

इन्हें भी सॉल्व करेंगे लेकिन पहले जो कहा है वो करो।

इंस्पेक्टर शौर्य 

(सैल्यूट मारकर)

जी मैम।

इसके बाद इंस्पेक्टर शौर्य चला जाता है।

फेड टू 

21.एक्सटीरियर - हर्षवाटीका - पार्क - आफ्टरनून - कुछ घंटे बाद 

हजारों की संख्या मे महिलाए अपनी लड़कियों के साथ आई हुई है।

और वो सभी नीचे गास पे बैठी है।

पार्क में दो चार कुर्सियां लगाई गई है। और एक माइक लगाया है।

सभी श्रुति की वेट कर रहे हैं।

22.एक्सटीरियर - रोड - सेम टाइम 

श्रुति अपनी गाड़ी से आ रही है।

उसके साथ इंस्पेक्टर शौर्य और दो तीन पुलिस वाले  और हैं।

श्रुति गाड़ी में पीछे बैठी हुई है।

उसकी गाड़ी एक मोड़ मुड़ती है यहां लिखा हुआ है: हर्षवाटीका पार्क

श्रुति बोर्ड की ओर देखकर

श्रुति

(बोर्ड पर लिखा पड़कर)

हर्षवाटीका पार्क

सीन 21 कंटिन्यू

तभी श्रुति की गाड़ी आती हैं। उसके साथ इंस्पेक्टर शौर्य और तीन चार पुलिसवाले और भी हैं।

श्रुति आज सिविल ड्रेस में है उसने फ्रॉक सूट पहना हुआ है।

श्रुति सीधे जाकर बाकी पुलिसवालों के साथ कुर्सी पर बैठ जाती है।

शौर्य माइक मे श्रुति को बोलने के लिए बुलाता है।

शौर्य 

जैसा कि आप सब को पता ही है कि श्रुति मैम आप लोगों को कुछ देना चाहती हैं। तो इसी सिलसिले में मै श्रुति मेरे मैम को माइक मे बोलने के लिए आमंत्रित करता हूं।

श्रुति

(माइक मे बोलते हुए)

मेरे बुलाने पर आप सभी अपना कीमती समय निकल कर यहां आई मुझे अच्छा लगा और इस समय मे से मुझे आपका थोड़ा समय और चाहिए क्योंकि आप लोगों को कुछ देने से पहले मै आप  सब से कुछ सवाल पूछना चाहती हूं। अगर आप इजाजत दें तो ?

महिला#1(49)

(खड़ी होकर)

मैडम इसमें इजाजत की क्या बात है आप जो पूछना चाहती हैं पूछिए।

श्रुति

(आभार प्रकट करते हुए)

धन्यवाद।

फिर श्रुति एक औरत की ओर इशारा करते हुए ।

श्रुति

आंटी आप के लड़कियां हैं? अगर हैं तो कितनी हैं?

महिला #2(39)

(खड़ी होकर)

जी मेरे दो लड़कियां हैं।

श्रुति

ठीक है। तो क्या आप उन दोनों को पढ़ा लिखा रही हैं?

महिला #2

नहीं मैडम जी हमारे पास इतने पैसे कहां है की हम उन्हें पढ़ा सके।

श्रुति

लेकिन गांव मे सरकारी स्कूल तो होते ही हैं।

महिला #2

मैडम जी गांव मे तो दसवीं तक ही स्कूल हैं, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता है , उसके लिए रोज़ रोज़ बस का किराया चहिए और हमारे पास इतने पैसे कहा है।

श्रुति

आप एक बार अपनी लड़कियों को गांव में दसवीं तक तो पढ़ाईए । उसके आगे का खर्च  वो किसी प्राइवेट कंपनी में काम करके खुद उठा लेंगी ।

महिला #2

ना ना मैडम जी आज कल का ज़माना खराब है, लड़कियों का घर से बाहर रहना खतरे से खाली नहीं है । ऊपर  से लोग तरह तरह की बातें करेंगे की हम अपनी लड़कियों की कमाई खा रहे हैं।

श्रुति

ठीक है आप बैठ जाइए।

श्रुति एक और औरत की ओर इशारा करते हुए।

श्रुति

आंटी जी आपने तो कपड़े भी अच्छे पहन हुए हैं और देखने से आप अच्छे घर की लग रही हैं। आप तो अपनी लड़कियों को पढ़ा रही होंगी।

महिला #3(45)

जी मैडम मेरी एक बेटी है और हमने उसे बीए करवाई है।

श्रुति

गुड , और अब वो क्या कर रही है?

महिला#3

करना क्या है, पढ़ाई पूरी होगी है और अब घर पर बैठी है।

श्रुति

बीए की है तो उसे किसी जॉब के लिए अप्लाई करने दो।

महिला #3

आज कल के जमाने मे उससे जॉब करवाके हमने क्या करवाना है। वैसे भी बेटियां तो पराया धन होती हैं। साल दो साल बाद उसकी शादी कर  देंगे आगे उसके ससुराल वालों की मर्ज़ी वो चाहे जो करवाएं। हम तो एक बार अपना भार उत्तार देंगे।

श्रुति

यही तो मेन प्रोब्लम है। हम लोगों की इसी सोच के कारण तो घर और बाहर दोनों का माहौल खराब होता है। आज आप अपनी बेटी को पराया धन कह रही हैं, इसी तरह किसी वक्त आपकी मां ने आपको पराया धन कह कर आपकी शादी कर दे होगी। चलो मान लिया कि आपने अपनी बेटी की शादी कर दी।

लेकिन उसके बाद क्या होगा उसे भी आपकी तरह    अपनी जरूरतों को नज़र अंदाज़ करना पड़ेगा , उसे आपकी तरह कोई फैसला लेने का हक नहीं होगा। (अपने सिर को हिलाते हुए) ना जाने मिडल क्लास वूमेन की सोच कब बदलेगी  

महिला#3

लेकिन उसके बाद क्या होगा उसे भी आपकी तरह अपने पति की गुलामी करनी पड़ेंगी, अपनी जरूरतों को नज़र अंदाज़ करना पड़ेगा , उसे आपकी तरह कोई फैसला करने का हक नहीं होगा। (अपने सिर को हिलाते हुए) ना जाने मिडल क्लास वूमेन की सोच कब बदलेगी ।

महिला#3

आपको तो पता ही है कि हम औरतें अपने पति के विरुद्ध नहीं जा सकती। हमे उनके सभी फैंसलो को मानना पड़ता हैं।

श्रुति

आपको उनके द्वारा लिए गए फैसलो को इसलिए मानना पड़ता है क्योंकि आप उन पर डिपेंड है। और ऐसा तब तक चलेगा जब तक आप सेल्फ डिपेंड नही हो जाती।सेल्फ डिपेंड होने के लिए थोड़े से बदलाव की जरूरत है , और जब बदलाव आता है तो शुरू शुरू मे लोग विरोध करते हैं लेकिन बाद मे इसके आदी हो जाते हैं।

महिला #4(40)

मैम तो आप क्या चाहती हैं हम अपने घर वालों का विरोध करें?

श्रुति

आप  को आपकी बेटियों के लिए करना पड़ेगा। और मै लड़ाई झगड़ा करने के लिए नही कह रही आप उन्हें समझा भी सकती हैं हो सकता है की वो समझ जायें।

महिला #5 (45)

बेटा इन सब में क्या रखा है, आधी उम् ऐसे ही कट गई है और आधी जैसे तैसे करके कट जायेगी

श्रुति

(विरोध करते हुए)

और माता जी आपकी बेटियों, पोतियों आदि का क्या। क्या आप चाहती हैं कि उनकी जिंदगी भी आपी की तरह गुजरे।

श्रुति

(निराश होकर)

मुझे लगता है अब किसी और से सवाल सवाल जवाब करने का कोई फायदा नहीं है। क्युकी सभी के  जवाब मुझे पहले से ही पता हैं। कोई कहेगा बाहर का माहौल ठीक नहीं है, तो किसी को समाज वाले क्या कहेंगे इसकी चिंता है, कुछ औरतें ऐसी भी होंगी जो सब कुछ किस्मत पे छोड़ छाड़ कर बैठी हुई हैं। पता है सबसे बड़ी जो समस्या है वो एक औरत का दूसरी औरत की दुश्मन होना। अगर आप लोग एक दूसरी का साथ दें तो कोई आपका कुछ नही बिगाड़ सकता। लेकिन साथ देने की बजाए आप लोग एक दूसरी की निंदा करने लगती हैं। हम कहते हैं न कि जितने मूंह उतनी बातें, इसमें 99.9% मूंह औरतो के ही होते हैं।  एक औरत ही दूसरी औरत को आगे नहीं बड़ने देती। रही बात बाहर के माहौल की तो माहौल भी तो हम लोगो से ही बनता है अगर आप एक दूसरी का साथ देकर बाहर निकलेगी तो माहौल अपने आप ठीक हो जायेगा। आप एक बात समझ लें आप जितना झुकोगी , लोग आपको उतना ही दबाने की कोशिश करेंगे

एक लड़की खड़ी होकर

लड़की #1 (17)

मैम हम कर भी क्या सकते हैं?

श्रुति

आप एक बार ये ठान लें की आपने अपने सपनों को पूरा करना है न की उनसे समझोता करना है। इसके लिए आपको घर से बाहर निकलना पड़ेगा। मेरी मानिए जब आप पढ़ लिखकर किसी अच्छी जॉब पे लग गई तो आपके पास एक पावर होगी जिसके चलते कोई भी आपसे दहेज़ मांगने की हिम्मत नही करेगा, इसके इलावा आपके हाथ में पैसे रहेंगे और आपको छोटी छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ नही फैलाने पड़ेंगे। एक बार जब आप कोई मुकाम हासिल कर लेते हो तो समाज के मूंह अपने आप बंद हो जाते हैं।

महिला #6(52)

बेटा तुम ये बताओ की हमे करना क्या है?

श्रुति

आपको बस वूमेन वेब का साथ देना है।

कट टू ब्लैक

वूमेन वेब 

औरते धीरे धीरे आपस में बातें करने लगती हैं, वूमेन वेब ये वूमेन वेब क्या है?

तभी श्रुति उन्हें शांत करवाती है और कहती है।

श्रुति

मैं  लडकियों और औरतों का एक ग्रुप बनाउंगी, और ग्रुप का नाम होगा वूमेन  वेब।   यह ग्रुप जब भी महिलाओं पर आत्याचार होगा , जा उनके साथ किसी भी तरह का नाइंसाफ होगा तो उनकी मदद करेंगा जिसके चलते औरतें बेखौफ होकर घरों से बाहर निकल पाएंगी। आप लोगों में से जो कोई भी अपनी ईशा से इस ग्रुप को ज्वाइन करना चाहती हैं वो आगे आएं।

श्रुति की इतनी बात सुनने के बाद सभी औरतें एक एक करके आगे आती है और

अपने आप को वूमेन वेब मे भरती करने को कहती हैं।

श्रुति

आप लोगों का साथ पाकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारा ये वूमेन वेब का मिशन पुरष प्रधानता को खत्म करेगा और सभी महिलाओं को आज़ाद होने मे मदद करेगा। अंत में मैं आप लोगों को जो देना चाहती थी वो है ये नाहरा जो हमारे मिशन वूमेन वेब का  क्युकी मुझे पूरा विश्वास था कि आप लोग मेरा साथ जरूर देंगी। और वो नाहरा है।

आ जाओ एक लहर चलाए

इन बेड़ीयो से मुक्ति पाएं

सामाजिक बुराईयों को जड़ से मिटाए

आजाद देश की आजाद नागरिक कहलाए।

डिस्सोल्व टू 

23.एक्सटीरियर - ऑन द रोड - आफ्टरनून - कुछ घंटे बाद    

श्रुति बाकी पुलिस वालों और शौर्य के साथ वापिस ऑफिस आ रही है।

वो गाड़ी में पीछे बैठकर खिड़की से बाहर झांक रही है और अपने आप से से कह रही है।

श्रुति(वी. ओ)

मैंने वूमेन वेब बनाकर शुरुआत तो कर दी है लेकिन पता नहीं यह आइडिया काम करेगा भी या नहीं। कहीं मेरे ऐसा करने से हालात और बिगड़ तो नहीं जायेंगे।

शौर्य

श्रुति मैम मुझे पता है आप क्या सोच रही हो। आप बिलकुल भी टेंशन मत लो मुझे पूरा यकीन है की आपका ये आइडिया जरूर काम करेगा।

श्रुति

आई होप जैसा तुम कह रहे हो वैसा ही हो।

डिस्सोल्व टू 

24.इंटीरियर - पुलिस स्टेशन - मॉर्निंग -  कुछ दिनों बाद 

श्रुति आईपीएस की वर्दी में है वो अपने चैंबर में खड़ी होकर चाय पी रही है।

और चाय पीते पीते टीवी देख रही है।

एक रिपोर्टर टीवी मे न्यूज दे रही है।

सीन इनसाइड  टीवी 

एक्सटीरियर - रोड - आफ्टरनून

एक महिला रिपोर्टर रोड़ के बीचों बीच खड़ी होकर न्यूज दे रही है

और कैमरामैन उसकी वीडियो शूट कर रिहा है।

उनके पीछे बहुत सारी औरतें कोई n कोई काम कर रही हैं।

रिपोर्टर

(माइक मे बोलते हुए)

जैसा कि आप लोग देख पा रहे होंगे की शीतलपुर जिले का माहौल कुछ दिनों से बिलकुल बदल चुका है पहले जो औरतें घरों से बाहर नहीं निकलती थी आज वहीं औरतें बेखौफ होकर ना केवल घरों से बाहर निकली हैं बल्कि बाजार में अपना कोई n कोई काम भी कर रही हैं कोई सब्जी बेच रही है तो कोई मर्दों के बराबर ऑटो रिक्शा तक चला रही है।

रिपोर्टर एक औरत के पास जाकर जो ऑटो रिक्शा में चालक की सीट पर बैठी है

और पहरावे से गांव की लग रही है और मांग में सिन्दूर भर रखा है।

रिपोर्टर (कंटिन्यू )

(औरत के मूंह के आगे माइक करके)

आप तो गाव से लग रही हैं। आपको शहर में ऑटो चलाते मे डर नहीं लगता?

औरत

डर किस बात का जब तक हम औरते एक दुसरे के साथ है कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

रिपोर्टर

लेकिन गांव के लोगों की सोच तो बहुत अलग होती हैं।फिर आपके घर वालों ने आपको कुछ कहा नहीं ऑटो चलाने से?

औरत

कहा न। घर वालों ने कहा की अगर मैं घर से बाहर निकली तो ये हो जायेगा वो हो जाएगा,लोग क्या कहेंगे लेकिन मैंने उनकी परवा नहीं की और मैं वूमेन वेब के सहारे अपने परों पे खड़ी होने घर से निकल पड़ी ।

कट टू

सीन 24 कंटीन्यू 

इतना देखने और सुनने के बाद श्रुति पास ही में पड़े रिमोट को उठाकर टीवी बंद कर देती है।

और मन में कहती है।

श्रुति (वी. ओ)

(लंबी सांस लेने के बाद)

टीवी पे देखने और सुनने के बाद मन को अच्छा लग रहा है की औरते वूमेन वेब पे बरोसा करने लगी हैं और आगे बड़ने लगी हैं।

तभी श्रुति के चैंबर में एक हवलदार आता है।

और आकार श्रुति से कहता है।

हवलदार

मैडम आप ने तो कमाल दी । आपको पता है वूमेन वेब  के चर्चे तो टीवी मे भी होने लगे हैं और बड़ी तादार में औरतें इस ग्रुप में शामिल हो रही हैं।

श्रुति

(कुर्सी के पास जाकर उसे पीछे से पकड़कर )

ये तो बस शुरुआत है। देखना एक दिन हमारा वूमेन वेब इंटरनेट वेब की तरह पूरे देश में फैल जाएगा।

इतने में एक अमीर आदमी श्रुति के चैंबर में आता है और श्रुति के पास आकर कहता है

अमीर आदमी(48)

(श्रुति की ओर उंगली उठाकर)

(गुस्से मे) लेकिन मैं ऐसा होने नहीं दूंगा।

श्रुति

क्यों आपको वूमेन वेब से क्या तकलीफ है ?

अमीर आदमी

क्या तकलीफ है? ये पूछो क्या तकलीफ नहीं है। तुम्हारे इस वूमेन वेब के कारण मेरी! मेरी! बेटी जिद कर रही है की उसने नौकरी करनी है।

श्रुति

तो ये तो अच्छी बात है n की आपकी बेटी आप के पैसों पर ऐश करने की बजाए खुद पैसे कमाना चाहती है।

अमीर आदमी(ओ. सी)

लेकिन मैं नहीं चाहता मेरे पास इतनी दौलत होने के बावजूद मेरी बेटी नौकरी करे। मेरे पास भगवान की कृपा से इतने पैसे हैं की जो मेरी बेटी मांगे मैं उसे लाकर दे सकता हूं।

श्रुति

और आपके पास क्या गारंटी है की आगे भी आपके पास इतने ही पैसे रहेंगे? आपके पास क्या गारंटी है की आपकी बेटी के ससुराल वाले उसकी सारी जरूरतें पूरी करेंगे? बोलिए। मुझे पता है की आप कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि इसका आपके पास कोई जवाब नहीं है।

अमीर आदमी

(अटकते हुए)

अब इसकी गारंटी तो कोई नहीं दे सकता क्योंकि भविष्य किसने देखा है और अगर ऐसा कुछ हुआ भी तो भगवान तो हैं ही।

श्रुति

आप एक बात भूल रहें हैं की भगवान भी उसी की मदद करते हैं जो खुद की मदद करता है और फिर काम करने मे बुराई क्या है हां? अगर आपकी बेटी काम करेगी तो उसकी बाहर के लोगों से  जाने पहचान बडेगी , उसका कॉन्फिडेंट लेवल बडेगा और वो अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी , ना के किसी पे डिपेंड होकर रहेगी।

अमीर आदमी

मैडम आप बिलकुल सही कह रही है। कुछ टाइम पहले मैंने आपसे जो बदतमीजी से बात की है मुझे उसके लिए माफ कर दीजिए। आप बहुत आगे की सोच रखती हैं और मैं सिर्फ  वर्तमान की सोच रहा था। मैंने पहले कभी  ये सोचा ही नहीं की जो अरबपति बिजनेस मैन हैं वो भी तो अपनी बेटियों की सारी जरूरतें पूरी कर सकते हैं लेकिन फिर भी वो अपनी बेटियों को बिजनेस सिखाते हैं, सिर्फ और सिर्फ उन्हें सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए।

श्रुति

वो इसलिए क्योंकी वो जानते हैं कि लड़कियों का भी सेल्फ डिपेंडेंट होना  जरूरी है।

अमीर आदमी

मैडम अब तो मैं भी समझ गया हूं, इसलिए मैंने डिसाइड किया है कि मेरी बेटी जॉब भी करेगी और वूमेन वेब का हिस्सा भी बनेगी। बल्कि मैं खुद भी वूमेन वेब को प्रमोट करूंगा।

अमीर आदमी (कंटिन्यू )

अच्छा अब मैं चलता हूं जाकर अपनी बेटी को काम करने की परमिशन भी तो देनी है।

श्रुति

जी सर जरूर।

श्रुति पुलिस वाले को जो उसके चैंबर में पहले से मौजूद है।

श्रुति

(अपनी कुर्सी पर बैठते हुए)

हवलदार।

हवलदार

(श्रुति के पास आकर)

जी मैम।

श्रुति 

तुम गाड़ी त्यार करो, हम अभी रौनकगड़ जाएंगे।

हवलदार

(उत्सुकता से)

मैम अचानक रौनकगड़ शहर क्यों ? मेरा मतलब,  कोई जरूरी काम है?

श्रुति

क्योंकि मैं एक बार वहां जाकरअपनी आखों से देखना चाहती हूं की वहां के माहौल मे कोई बदलाव आया है या नहीं।

हवलदार

ठीक है मैम, मैं गाड़ी त्यार करता हूं।

इतना बोलकर हवलदार जानें लगता है।

श्रुति हवलदार को रोककर

श्रुति 

(हवलदार को रोककर)

सुनो..

हवलदार

(पीछे मुड़कर)

जी मैम।

श्रुति (कंटिन्यू )

तुम अपनी वर्दी  चेंज कर लेना, हम वहां सिविल ड्रेस में जायेंगे।

हवलदार

ओके मैम।

कट टू 

25.एक्सटीरियर - हाईवे -  आफ्टरनून 

श्रुति और हवलदार दोनों सिविल ड्रेस में गाड़ी में जा रहे हैं।

हवलदार गाड़ी चला रहा है और श्रुति आगे वाली सीट पर बैठी हुई है।

उसने फ्रॉक सूट पहन रखा है।

श्रुति की गाड़ी मोड़ मुड़ती है और मोड़ पे एक बोर्ड लगा हुआ है जिसपर लिखा है रौनकगड़

हवलदार

ये लो मैम आ गया हमारा रौनकगड़ शहर।

गाड़ी कुछ दूरी पर जाकर शहर के बीचों बीच रुक जाती है।

श्रुति और हवलदार दोनों गाड़ी से बाहर निकलते हैं। श्रुति अपना मूंह अपने दुपट्टे से डक लेती है।

श्रुति और हवलदार देखते हैं की औरतें शहर में कोई न कोई काम कर रही हैं।

कोई सब्जी बेच रही है, कोई कपड़े बेच रही है तो कोई गाड़ी चला रही है

जो काम मर्द पैसे कमाने के लिए करते हैं वो सभी काम औरतें कर रही हैं।

वहीं कुछ दूरी पर एक आदमी अपनी पत्नी से झगड़ रहा है।  जिस पे किसी का ध्यान नहीं जाता।

लेकिन श्रुति  का ध्यान चला जाता है  और वो देखने जाती है की क्या मामला है।

हवलदार भी उसके पीछे पीछे जाता है।

जब वो आगे जाते है तो कुछ दूरी पर खड़े होकर देखते हैं है कि आदमी अपनी पत्नी से कह रहा है।

आदमी

(अपनी पत्नी को मारते हुए)

तो क्या कह रही थी तुम हां? घर से बाहर निकलकर काम करना है हां? अपनी जरूरतों को पूरा करना है। अपने पैरों पे खड़ी होना है। अब बोलो चुप क्यूं हो , होना है अपने पैरों पे खड़ी? अब निकलो गी घर से बाहर?

हवलदार

(श्रुति की ओर देख कर)

मैम आप कुछ बोल क्यूं नहीं रही , ये आदमी शरेयाम अपनी पत्नी को भरे बाज़ार में पीट रहा है और हम हैं की बस चुप चाप देख रहे हैं।

श्रुति

वो इसलिए क्योंकि आज हम बाय चांस मौके पर पहुंच गए लेकिन ऐसा हर दिन तो नही हो सकता और फिर हमने वूमेन वेब क्यों बनाया है? इसी तरह के मामलों को सुलझाने के लिए  तो बनाया है।

हवलदार

मैम अब हमे क्या करना है?

श्रुति

कुछ नहीं बस मेरी तरह चुप चाप  खड़े होकर देखो।

आदमी (कंटीन्यू )

(अपनी पत्नी के बालों में हाथ डालकर)

एक तो गरीबी ने दिमाग हिला रखा है, उप्पर से तुम्हारी रोज की किच किच।

शहर में बाकी औरतें आदमी की ये बातें सुन लेती हैं और जब उनका ध्यान जाता है की आदमी अपनी पत्नी को पीट रहा है तो सारी औरतें और मर्द अपना अपना काम छोडकर इक्कटठे होकर उस जगह पर आ जाते हैं जहां झगड़ा हो रहा होता है और सभी औरतों उस औरत को छुड़वाती हैं श्रुति और हवलदार उन्हे देख रहे होते हैं। औरत को छोड़ने के बाद औरते एक एक करके बोलती जाती हैं और आदमी सिर झुकाए खड़े रहते हैं।

महिला #1

(आदमी से)

अगर गरीबी ने तुम्हारा दिमाग इतना ही हिला रखा है तो मत रहो गरीबी में। गरीबी है किसके कारण हां? तुम्हारे जैसे लोगों के कारण ही हमारा देश तरक्की नहीं कर पाता। कौन कहता है तुम्हें की अकेले कमाओ और घर के बाकी मेंबर्स को घर पे बिठा कर खिलाओ। गरीबी भी तभी दूर होगी न जब घर के सभी मेंबर्स कमाई करेंगे।

महिला #2

और नही तो क्या इन जैसे लोगों की वजह से ना तो बच्चों को अच्छी शिक्ष मिल पाती, ना औरतें अपने सपने पूरे कर पाती हैं, क्योंकि ये खुद  घर का खर्चा तो बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं और औरतें काम करें ये इनके असूलों के खिलाफ है।

महिला #3

मुझे तो लगता है इकोनॉमिक्स में जो देश की जीडीपी ग्रोथ कम होने के कारण बताए जाते है उनमें  औरतो को काम करने की फ्रीडम न होना  सबसे उपर होना चाहिए । क्योंकि औरतो के समूह की संख्या हमारे देश मे ज्यादा है और यही समूह फ्रीडम न होने की वजह से कम नहीं कर रहा है तो देश की जीडीपी ग्रोथ कम ही होगी न ज्यादा कहां से होगी?

महिला #4

(महिला #4 से)

बिलकुल सही कह रही हो बहन शादी से पहले पेरेंट्स परमिशन नहीं देते और शादी के बाद पति।

महिला #5

लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा क्योंकि अब हमारे पास वूमेन वेब की पावर है। अब हम औरते एक साथ मिलकर अपने हकों के लिए लड़ेगी और अपने सपने पूरे करेंगी। अब हम किसी भी औरत पे कोई भी अत्याचार सहन नहीं करेंगी।

बाकी औरतें

(एक साथ)

नहीं करेंगी , करेंगी करेंगी।

महिला #6

आ जाओ एक लहर चलाए

बाकी औरतें

इन बेड़ीयो से मुक्ति पाएं

महिला #6

सामाजिक बुराईयों को जड़ से मिटाए

बाकी औरते

आजाद देश की आजाद नागरिक कहलाए।

इतना सब सुनने के बाद वहा माजूद बाकी सभी मर्द भी वूमेन वेब के नारे लगाने लगते हैं हैं और जो आदमी अपनी पत्नी को पीट रहा था वो भी शर्मिंदा हो जाता है और अपनी पत्नी के साथ साथ बाकी औरतों से भी माफी मांगता है।  ये सभ देखकर श्रुति वापिस अपनी गाड़ी में बैठ जाती है और हवालदार भी उसके पीछे पीछे जाकर गाड़ी में बैठ जाता है।

डिस्सोल्व टू 

26.एक्सटीरियर/इंटीरियर - रोड/गाड़ी - लेटर

हवलदार गाड़ी चला रहा है।

श्रुति पिछली सीट पर बैठी हुई है और वो बहुत खुश नजर आ चुकी है।

हवलदार

(गाड़ी के शीशे मे देखकर)

श्रुति मैम सच में आप का ये वूमेन वेब देश की सारी औरतों को आजादी दिलाने की क्षमता रखता है। सच में आज जिस तरह से औरतों ने उस औरत को बचाया और उसके पति को सबक सिखाया वो देखकर मैं भी एक पल के लिए दंग रह गया। अगर वूमेन वेब ऐसे ही तरक्की करता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब औरतों को काम करने के लिए किसी की परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी।

श्रुति

(हवलदार की ओर देख कर)

आई होप ऐसा ही हो और औरतों के लिए हर दिन वूमेन डे  की तरह हो।

इतना कहकर श्रुति गाड़ी की खिड़की से बाहर देखने लगती है और अपने आप से मन में कहती है ।

श्रुति(वी. ओ)

(खिड़की से बाहर झांक कर)

एक पल ऐसा भी था जब मैं  औरतों के  लिए एक सेफ घर की तलाश में थी लेकिन मुझे कहीं भी एक सेफ घर तक नहीं मिला और आज का दिन है जब मेरे पास आईपीएस की पावर है और आज मैं पूरे जिले में सेफ महेसूस करती हूं। मैं भगवान से ये प्राथना करती हूं की आगे चलकर  वूमेन वेब इतना  पावरफुल बन जाए की ये एक घर छोड़ो पूरे देश को औरतों के लिए सेफ बनाने में सक्षम हो और इसे और किसी पावर की जरूरत ना पड़े।

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रचनाएँ
वूमेन वेब
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जैसा कि मेरी पुस्तक के नाम से ही पता चल रहा है कि ये पुस्तक औरतों पर लिखी गई है। मैंने अपनी इस किताब मे औरतों की स्थिति को उजागर किया है। मैंने इसमें दिखाने की कोशिश की है कि किस प्रकार औरतों से उनकी आजादी सिर्फ ये कहकर छीन ली जाती है कि वो औरतें हैं। इसी के चलते उनकी जिंदगी महज घर की चार दिवारी में गुजर जाती है। उन्हें ये कहकर घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता की बाहर का माहौल खराब है, उनके लिए सुरक्षित नहीं है। जिसके कारण ना उन्हें अच्छी शिक्षा मिल पाती है और ना ही वो अपने पैरों पर खड़ी हो पाती हैं। आगे चलकर इसी बात का फायदा औरतों के ससुराल वाले उठाते हैं और उन्हें दहेज़ आदि के लिए परेशान करते हैं। पुरुष परधानता का कारण भी औरतों को आजादी न होना है। हालांकि शहरों में अब ये धारणा थोड़ी कम हो गई है। लेकिन कहीं न कहीं हमारे गांव में ये धारणा अभी भी बरकरार है। वहां आज भी लोग यही मानते हैं कि बाहर का माहौल औरतों या लड़कियों के लिए सही नहीं है। जिसके चलते आगे चलकर औरतों के लिए घर का माहौल बाहर के माहौल से भी बत्तर बन जाता है। वो बिचारी अपनी छोटी छोटी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाती , केवल अपने पतियों पे निर्भर होकर रह जाती हैं। हमे इस सर्किल को तोड़ना होगा क्योंकि औरतें बाहर सुरक्षित इसलिए नहीं होती क्योंकि वहां उनकी गिनती मर्दों से कम होती है और आप जानते ही हैं कि जिनकी संख्या ज्यादा होती है वो हमेशा कम संख्या वालों को दबाने की कोशिश करते हैं।
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परिचय

1 मई 2023
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जैसा कि मेरी पुस्तक के नाम से ही पता चल रहा है कि ये पुस्तक औरतों पर लिखी गई है। मैंने अपनी इस किताब मे औरतों की स्थिति को उजागर किया है। मैंने इसमें दिखाने की कोशिश की है कि किस प्रकार औरतों से उनकी

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लघुरूप और बदलाव

12 मई 2023
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लघुरूप  1. वी. ओ = वाइस ओवर  2. ओ. सी= ऑफ कैमरा  3. ओ. एस= ऑफ स्क्रीन  बदलाव 1.फेड इन  2. फेड आउट  4. स्मैश कट    7. शिफ्ट टू  आदि।

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वूमेन वेब भाग - 1

11 मई 2023
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सम मेन कैरेक्टर्स/ ऐज / प्रोफेशन 1. श्रुति (मेन कैरेक्टर ) - 20 - आईपीएस 2.अर्चना (श्रुति की मां)- 45- हाउस वाइफ 3.यशपाल (श्रुति के पिता)- 48- कारखाना में मज़दूर 4. अजूनी (श्रुति की बहन) - 16- 5.

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वूमेन वेब भाग - 2

7 मई 2023
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12. एक्सटीरियर - वरूण के घर के सामने - मॉर्निंग - कुछ दिन बाद सुबह का समय है। सूरज की किरणों से आसमान संतरी और हल्का लाल रंग का हो चुका है। सूरज की परछाईं पानी में साफ नजर आ रही है। पक्षी इदार उधर

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वूमेन वेब भाग - 3

7 मई 2023
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14B.इंटीरियर - गायत्री का कमरा - सेम टाइम  गायत्री के बेड पे कपड़ों का ढेर लगा हुआ है और वो कपड़ों की तह लगा रही है। उसके कमरे में श्रुति के कमरे में चल रहे टीवी की थोड़ी थोड़ी आवाज़ आ रही है। गायत

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वूमेन वेब भाग - 4

9 मई 2023
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20.इंटीरियर - पुलिस स्टेशन - मॉर्निंग - चार साल बाद     श्रुति कुर्सी पर बैठी हुई है। उसने आईपीएस की वर्दी पहनी हुई है। उसके हाथ में एक पैन है। तभी एक इंस्पेक्टर (25) श्रुति के पास आता है। उसके हा

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सारांश

13 मई 2023
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मेरे द्वारा रचित इस कहानी की मुख्य पात्र श्रुति है। जो पढ़ाई लिखाई में अच्छी है लेकिन अपने घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वो अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती। लेकिन उसके अन्दर की पढ़ने की इच्छा नह

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