कभी न घबराने वाली
दिखती नही चिंता कभी
रहे सदा चेहरे पर लाली
था अनजान उससे मैं
न जाने कहाँ से वो आयी
नही था नाता कोई पुराना
पर दिलों दिमाग पर छाई
भर दिया मन खुशियों से
जो था कब से मेरा खाली
दिखता नही ..................
लिये सात फेरे संग मेरे
सब कुछ संग मिला लिया
जो थी चाहते,सपने अपने
सबको उसने भुला दिया
नही छोड़ा सूखापन कहीं
कर दी चहुंओर हरियाली
दिखती नही ................
सजती है वो मेरे लिये ही
माँग में सिंदूर भी सजाती है
नही थकती कभी भी वो
कुछ न कुछ करती जाती है
खिलाती है भरपेट सभी को
चाहेखाली रहे खुद की थाली
दिखती नही ...................
कैसे बना ये रिश्ता हमारा
कैसे ये हमारी हुई पहचान
अनजाने पंछी दो ये ,कैसे
बन गये एक दूजे की जान
चहुंओर जीवन में प्रकाश
संजू बीत गयी रात काली
दिखती नही चिंता कहीं
रहे सदा चेहरे पर लाली
हरपल मुस्कराने वाली
कभी न घबराने वाली
दिखती नही चिंता कहीं
रहे सदा चेहरे पर लाली