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सेंट्रल विस्टा  विवाद ................. राजनीतिक

24 मई 2023

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सेंट्रल विस्टा  विवाद के साथ साथ देश को आत्मनिर्भरता के साथ साथ फायदे भी अनेक हैं 
सेंट्रल विस्टा जीर्णोद्धार परियोजना भारत सरकार द्वारा प्रायोजित, रायसीना पहाड़ी से इंडिया गेट तक, राजपथ के किनारे स्थित भारत की राजधानी नई दिल्ली के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र, जिसे "सेंट्रल विस्टा" कहा जाता है, को पुनर्जीवित करने के लिए चल रही पुनर्विकास परियोजना है।  दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर जो रास्ता राष्ट्रपति भवन तक जाता है उस पूरे इलाके को सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है. इस इलाके राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक (इन दोनों ब्लॉक्स में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय है), इंडिया गेट, नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया समेत कई ऑफिस हैं.दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने रखी थी नींव

यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्लान के तहत पूरा हुआ है। सेंट्रल विस्टा प्लान की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को PM नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव रखी थी। हालांकि यहां की कुछ इमारतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
    इसकी डेडलाइन 2022 तय की गई है। आपको यहां बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत संसद भवन के निर्माण की जिम्मेदारी टाटा समू​ह की कंस्ट्रक्शन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिली है।सेंट्रल विस्टा और इंडियन गेट को देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है । आप राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भी जा सकते हैं। पार्किंग विकास कोर विस्टा परियोजना के करीब है और लगभग 1100 ऑटोमोबाइल और 35 बसों को समायोजित कर सकता है। सेंट्रल विस्टा पर बने अशोक स्तंभ को लेकर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय प्रतीक को बनाने वाले मूर्तिकार का बयान भी सामने आया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी मूर्तिकार सुनील देवरे ने यह राष्ट्रीय प्रतीक बनाया है। उनका कहना है कि प्रतीक में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बस फोटो अलग ऐंगल से ली गई है।  सार

कोरोना वायरस की भयावह दूसरी लहर से जूझ रहे देश में सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मांग की जा रही है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस इस परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाए। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया गया। हालांकि, अदालत ने यह तो माना कि स्थिति असल में गंभीर है लेकिन याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर वह इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर सवाल उठाया तो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी पलटवार किया है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह परियोजना क्या है और आखिर इस पर सियासी संग्राम क्यों मचा हुआ है।
कुछ इस तरह का होगा नया संसद भवन
सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत करीब 65,400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी। इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे। बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी।

Nitya Govil

Nitya Govil

Bht acchi jankari di apne neeraj ji

24 मई 2023

Neeraj Agarwal

Neeraj Agarwal

1 जून 2023

Aap ka dhanyawad ji

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रचनाएँ
सेंट्रल विस्टा विवाद
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सेंट्रल विस्टा राजधानी का संसद भवन है जोकि बहुत विशाल है और हम सभी देशवासियों के गौरव के भारत देश में हम सभी की शान हैं आओ पढ़े

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