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शायरी

13 जनवरी 2022

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एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता है,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है

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