shabd-logo

शिखर पर पहुंचना

15 जनवरी 2022

29 बार देखा गया 29
है अगर तो...
चढ़नी होगी कठिन चढ़ाई।
पैर रखते ही खिसकेगी जमीन।
हिम्मत और सांसें दोनों ही छोड़ेंगी साथ।
हथेलियों पर जमते खून को भी सहना है तुम्हें।
लेकिन मज़ाक,ये तुमसे ना हो पाएगा। अरे! तुम ये करोगे,तुम जैसे बहुतों ने कोशिश की....लेकिन बेचारे।
जैसे शब्द इसी जमते खून में लेे आयेंगे उबाल।
और तुम छू लोगे शिखर को।

समीक्षा द्विवेदी
शब्दार्थ📝

 
5
रचनाएँ
शब्दार्थ:- मेरे मन के
0.0
शब्दार्थ:- मेरे मन के .... मेरी किताब प्रेरक लेखों का संग्रह है।मेरा विश्वास है कि प्रिय पाठक इन लेखों को पढ़ने के बाद अपने पूरे मन से कहेंगे कि..... जिंदगी चेतना को वापस पाने का नाम है। धन्यवाद्
1

उम्मीद या उदासी

15 जनवरी 2022
3
1
0

<p>उम्मीद और उदासी में अगर तुमने उम्मीद को चुना तो बना लेगी रास्ता अपने आने का,अपने होने का,अपने जिंदा रहने का।<br> क्योंकि उम्मीद है कुछ आत्मसम्मानी<br> तुम्हारी इच्छा पर चलने वाली, बहुत भरोसे से सहे

2

सपने

15 जनवरी 2022
1
0
0

सपने देखे इन आंखों ने तुम्हारी।पूरे करना जिम्मेदारी केवल तुम्हारी।सफ़र ये तय करना होगा अकेले।डरना नहीं बातों से कभी लोगों की।इस्तेमाल करेंगे भरपूर तुम्हारे पूरी तरह खर्च हो जाने तक।निंदा मिलेगी खूनी र

3

हिम्मत

15 जनवरी 2022
1
0
0

ये जो जिंदगी में इम्तिहानों का दौर देखा है ना तुमने समय समय पर।ये तुम्हारे सफर के मील के पत्थर हैं।जो तुम्हारी मंज़िल के रास्ते में हैं।जिस दिन इन इम्तिहानों का परिणाम आयेगा ना उस दिन तुम इन सब इम्तिह

4

घाव

15 जनवरी 2022
0
0
0

ये जब शरीर पर हो तो कराह देते जो सबको सुनाई देती है।मरहम अपना काम करता ,वैद अपना।घाव पे खुरंट लगता और एक समय बाद निकल जाता।आत्मा के घाव भरने की गति जरा धीमी होती है।हो भी क्यों ना वो शाश्वत जो ठहरी।पर

5

शिखर पर पहुंचना

15 जनवरी 2022
0
0
0

है अगर तो...चढ़नी होगी कठिन चढ़ाई।पैर रखते ही खिसकेगी जमीन।हिम्मत और सांसें दोनों ही छोड़ेंगी साथ।हथेलियों पर जमते खून को भी सहना है तुम्हें।लेकिन मज़ाक,ये तुमसे ना हो पाएगा। अरे! तुम ये करोगे,तुम जैस

---

किताब पढ़िए