राघव को अंदर आता देख कर विधि और घबरा गई ,भागने का कोई रास्ता नहीं बचा उसके पास ,भाग भी नहीं सकती दर्द से कराह रही थी दो कदम चलना तो दूर खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी ......राघव पास आकर ,ओह म
उसने सुनील को मिलने के लिए कॉल किया तो सुनील कुमार रॉय ने मिलने के लिए दीदी को पहाड़ी के पीछे बुलायादीदी के पीछे पीछे मैं भी चल दिया,मुझे ये सब देख कर विश्वास नहीं हुआ ........उसने मेरी आंखों के सामने
राघव तुम्हारी महबूबा को तुमने हलाल क्यों नहीं किया ?उसे मेरी महबूबा नहीं विधि रॉय कहिए मेरे नौजवानों ।विधि का नशा झट से उतर गया ये सब सुन कर विधि ने कोशिश की उठने की तो खुद को लहूलुहान पाया .....
विधि नशे में बेहोश हो गई , उसे कुछ एहसास नहीं हुआ उसके साथ क्या हो रहा है?सुबह जब विधि की आंख खुली तो कुछ साफ नहीं दिख रहा था........पास में बहुत लोगों की आवाजें आ रही थी ,कोई कहता आज की रात तो जन्नत
दोनों बैठ कर खाना खाते हैं जस्ट चिल बेबीमैं तुम्हारी जान की आसानी से नहीं लूंगा तुम्हें तड़पा तड़पा कर मारूंगा........मेरी मोहब्बत में बोलकर प्यारी सी स्माइल दे दी ।विधि राघव की बाहों में जाकर लि
विधि की आंखों को अपने हाथ से दबाया और अंदर ले जाकर बेड पर बैठा दिया ।विधि मन ही मन , कुछ ठीक नहीं है मन बहुत घबरा रहा है ।राघव के फोन पर मैसेज आया राघव ने उसे इग्नोर कर दिया राघव के फोन पर बार-बार मैस
बाहर हल्की हल्की बारीश हो रही थी. इस मौसम में चाय का प्याला देखकर इस्पेक्टर मनोज के चेहरे पर ताजगी का भाव आ गया और वे आराम से चाय का आनंद लेने लगे. उसी वक्त लगभग 35-40 वर्ष के एक व्यक्ति ने थाने में प