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सोच के आयाम...!

26 अक्टूबर 2015

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                                                  " सोच के आयाम....!"


आज के समय में जब हर कोई अपने आपको ऊपर दिखाने के लिए वाह्य आडम्बर से घिरा हुआ है, तो मैं कैसे अछूता रहता पर शायद वक़्त रहते एहसास हो गया। मैंने अपने आपको एक दिन फुरसत के दिए तो एहसास हुआ की मैं क्या कर रहा हूँ, बस इस एक पल ने जिंदगी में एक उद्देश्य दे दिया।



" जियो और लोगों को जीने दो, उनके संघर्ष में उनका साथ दो, उनके दर्द को महसूस करो, जिंदगी ख़ूबसूरत हो जायेगी।"



इस एक विचार के आते ही मैंने 2015 में "ड्रीम स्काई फाउंडेशन" की नीव रखी, जिससे मैं अपने जिंदगी के मकसद को पूरी दुनिया के सामने ला सकूँ और लोगों से कह सकूँ, की आओ आप समाज के जरूरतमंद लोगों के लिए अपनी ऊँगली बढ़ा कर देखो मेरा दावा है आप अपना पूरा हाथ बढाकर उनके साथ चलना चाहोगे.....! क्योंकि हमको स्टेटस की चिंता होती है, स्वाद की होती है, झूठी प्रतिष्ठा की होती है और हम व्यर्थ में अपने को समृद्ध एंड प्रतिष्टित मान लेते हैं। जबकि यथार्थ ये है की समाज में कुछ ऐसे भी हैं जो जिंदगी जीने के लिए हर पल जद्दोजहद करते हैं और कुछ इसी जद्दोजहद में अपनी जिंदगी को पीछे छोड़ देते हैं।जब आप इस बात को महसूस करेंगे समझेंगे, तो लगेगा हम कितने खुदगर्ज हैं स्वार्थी हैं की हम स्वाद ढूढ़ रहे हैं और कुछ अपने ही भाई बंधू जिंदगी जीने के लिए 2 वक़्त की रोटी के लिए के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।


                     दोस्तों कभी एक भूखे को खाना खिलाना, फिर देखना शायद आपको दुनिया का सुकून आपके अपने क़दमों में नजर आएगा। आपको जिंदगी का वो स्वाद मिलेगा जो आपको दुनिया के अच्छे से अच्छे पकवान में नहीं मिलेगा। आप शायद किसी को कुछ पल खुशियों को दे पाएंगे और बदले में उसकी दुवाएं आपको जिंदगी भर की खुशियाँ दे देंगी। अत: आइये खुद को समझिये और सबको जीने का हुनर सिखाइये।




आप सबका


चन्दन मिश्रा "गुरु जी"


9452241057




चन्दन मिश्रा की अन्य किताबें

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

बहुत अच्छी बात कही । इस नेक काम के लिए आपको ढेरों बधाइयाँ और सफलता के लिए दुआएं ।

26 अक्टूबर 2015

वर्तिका

वर्तिका

श्रेष्ठ विचार! "ड्रीम स्काई फाउंडेशन"के द्वारा लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए शुभकामनाएं!

26 अक्टूबर 2015

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aatmaviswas

26 अक्टूबर 2015
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बुलंद इरादे ही मुश्किलों को चुनौती देते हैं, न हो निराश अनवरत लड़ने का हौसला देते हैं।ये हमारी आपकी सोच का अंजाम होता है,कभी मंजिल को पा जाते हैं ,कभी जिंदगी हार जाते है।।हम उनमें हैं जो तूफ़ान का रुख बदल देते हैं,जिंदगी हारें उससे पहले मंजिल पर झंडा लहर देते हैं।                                 चन्दन

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सोच के आयाम...!

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                                                  " सोच के आयाम....!"आज के समय में जब हर कोई अपने आपको ऊपर दिखाने के लिए वाह्य आडम्बर से घिरा हुआ है, तो मैं कैसे अछूता रहता पर शायद वक़्त रहते एहसास हो गया। मैंने अपने आपको एक दिन फुरसत के दिए तो एहसास हुआ की मैं क्या कर रहा हूँ, बस इस एक पल ने जिंदगी

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