सोचा न था तुम यूं याद आओगे
न था पता तुम यूं भूल जाओगे
कहते थे कभी जो हमे अपनी जान
आज तुम यूं अंजान बन जाओगे।।
जाने क्यों तुम पे बस अपना ही हक लगता है
कोई और तुम से मिले तो बुरा लगता है
जानते हैं हम तुम मेरे हो नही सकते
तुम ... मेरे हो ये सोचना अच्छा लगता है।
होश उड़ा देता है तेरा शर्माना धीरे से मुस्काना
नींद चुरा लेता है तेरा नजरे झुका के चले जाना
सुनते आए थे हम अक्सर आंखे दिल की जुबां होती है
कह देती हैं वो सब बाते जो न लबों से बयां होती है
अफसोस हम उन के दिल की बात न कभी जान पाएंगे
मिलते हैं जब वो हमसे उन के होंठ खामोश नज़रे झुका होती हैं।