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सूना है आँचल...

22 सितम्बर 2015

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सूना है आँचल, आँगन सूना. गूँजेंगी कब तेरी बातें.. दिल में मेरे, अरमाँ कई. तुम भी तो जीवन में आते.. खिलती हैं कलियाँ. हर घर में परियाँ.. मेरी ही गोदी है खाली... सूना है काँधा, उँगली भी खाली. मुझको भी कोई पुकारे.. आकर गये, जाने कहाँ? मुड़कर न फिर तुमने देखा.. एक बार तो, मिलकर गले. कानों में कह देते पापा.. ~ मनोज कुमार "मँजू"
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merikalamse
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