श्रम
मेरी रचना उन कामगार भाई-बहनों को समर्पित है, जो दूर गाँव कस्बों से अपने परिवार के साथ, शहर में काम करने आते है | ईंट के भट्ठे , बहुमंजिला ईमारत , सरकारी सड़क,पुल या अन्य किसी परियोजना में कामगार परिवार कई कई वर्षो तक मेहनत करते दिखाई दे जाते हैं | उनके बच्चो की मनोदशा का चित्रण करने का प्रयास मात्र