वेदों में परिवर्तन नही हो सकता है |(वेद की आंतरिक साक्षी के आधार पर )वेदों में परिवर्तन या क्षेपक नही हो सकता है इसकी आंतरिकसाक्षी स्वयम वेद देता है -" ऋचो अक्षरे परमे व्योमन्यस्मिदेवा अधि विश्वे निषेदू: |यस्तन्न वेद किमचा करिष्यति य इत्तद्विदुस्त इमे समासते ||- ऋग्वेद १/