13 अगस्त 2021
नाहक ही...बेसबब न भी हो,पर, नाहक ही...शायद, यही सिला है,बचपन से पचपन तक,ये जो उड़ता बुलबुला है,मिला तो क्या मिला है,खामखा का सिलसिला है,सोचिये तो, नाहक ही.