कि गुलशन का करोबार चले...
कुछ पता न चलेपर कारोबार चले,भरोसा न भी चले,जिंदगी चलती चले,चलन है, तो चले,रुकने से बेहतर, चले,न चले तो क्या चले,यूं ही बेइख्तियार चले,सांसें, पैर, अरमान चले,फिर, क्यूं न व्यापार चले,सामां है तो हर दुकां चले,हर जिद, अपनी चाल चले,अपनों से, गैर से, रार चले,इश्क है, न ह