shabd-logo

वृद्धावस्था

11 दिसम्बर 2021

27 बार देखा गया 27


सोच में है थकन थोड़ी,

अक्ल भी कुछ मन्द सी।

अनुभव पुराने जीर्ण से,

बुद्धि भी कुछ बन्द सी।



है कमर झुकी - झुकी ,

बुझे - बुझे से हैं नयन।

हस्त कम्पित कर रहे,

आज लाठी का चयन।



है जुबां खामोश अब,

मन कहीं छूटा सा है।

रुग्ण और क्षीण तन,

विश्वास भी टूटा सा है।



पूछने वाले भी अब,

सीख देने आ रहे।

जिंदगी ये गोप्य तेरे,

मन बहुत दुखा रहे।



जन्म से ले ज्ञान पर,

अंत सब बिसराव है।

शून्य से  हुआ शुरू,

शून्य ही ठहराव है।।

सुधा देवरानी (स्वरचित)




Sudha Devrani की अन्य किताबें

1

चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा

2 दिसम्बर 2021
3
2
4

<p>हर इक इम्तिहा से गुजरना ही होगा</p> <p>चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा</p> <p>रो-रो के काटें , खुशी

2

वृद्धावस्था

11 दिसम्बर 2021
2
2
0

<p><br> सोच में है थकन थोड़ी,<br> <br> अक्ल भी कुछ मन्द सी।<br> <br> अनुभव पुराने जीर्ण से,<br> <br>

3

गुलदाउदी- आशान्वित रहूँगी, अंतिम साँस तक

11 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p> </p> <figure><img src="https://1.bp.blogspot.com/-YJrhw795TqY/Ya4uNqQwCqI/AAAAAAAAD2w/zr8NU

4

पुस्तक समीक्षा- कासे कहूँ; काव्य संग्रह

26 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>पुस्तक समीक्षा: कासे कहूँ</p> <p> </p> <p><br></p> <figure><img src="https://blogger.googleu

5

लोहड़ी मनाएं

13 जनवरी 2022
0
0
0

आप सभी को लोहड़ी पर्व की अनंत शुभकामनाएं https://eknayisochblog.blogspot.com/2020/01/blog-post_14.html  https://eknayisochblog.blogspot.com/2020/01/blog-post_14.html चलो आओ दोस्तों मिलकर लोहड़ी मनाएं

6

कहाँ गये तुम सूरज दादा

1 फरवरी 2022
0
0
0

https://eknayisochblog.blogspot.com/2022/01/Kahan-gaye-tum-suraj-dada.html  कहाँ गये तुम सूरज दादा ? क्यों ली अबकी छुट्टी ज्यादा ? ठिठुर रहे हैं हम सर्दी से, कितना पहनें और लबादा ? दाँत हमा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए