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क्या कभी ये हालात बदलेंगे?

24 मार्च 2022

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हम महमां एक "दम" के

#कि दम था भरोसा यार दम आवे ना आवे,
छड झगड़ा थे कर ले प्यार दम आवे ना आवे।

जी हां दोस्तों हम एक दम अर्थात एक स्वांस के ही हैं केवल, ना मालूम कब हमारा आखिरी स्वास हो इसलिए जो स्वास सम अब ले रहे है, उसी को खुल कर लो, उसे महसूस करो, उसी स्वास में ज़िंदगी जी लो, जो भी करना है कर लो, किसी से किसी गलती की माफी मांगनी है मांग लो, किसी को प्यार का अहसास दिलाना है तो दिला दो, प्यार है तो कह दो खुल के, " कि तुम्हें उससे प्यार है" किसी की परवाह है जो दिखा दो उसको कि तुम्हें परवाह है उसकी, अगर अब भी ना कहा तो शायद कभी ना कह पाओ, जी लो वर्तमान को पूरी जिंदगी समझकर, ना जाने कल हो ना हो।
आज का समय ऐसा है, अभी थोड़ी देर पहले अगर हमने किसी से बात की और अभी पता चला कि वो नहीं रहा, हम सोचते ही रह गए, कि हम उससे ये कहेंगे या वो कहेंगे, मगर ना कह सके कुछ भी, जिस तरह एक लड़का अपने पिता से प्यार तो बहुत करता है, मगर कहता नहीं ( सभी बच्चे अपने मां-बाप से, सभी मां-बाप अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं) लेकिन जब पिता की अचानक मृत्यु हो जाती है, बहुत रोता है कि वो अपने पिता से बहुत प्यार करता था, मगर कह ना सका।
कुछ ऐसे होते हैं कि सोचते हैं फलां ने मुझे फोन नहीं किया तो मैं क्यों करूं? ये मत सोचिए, अगर उसने फोन नहीं किया तभी दो मिनट का समय निकालकर आप ही बात कर लो, कौन जाने उसे आपकी ज़रूरत हो या कौन जाने वो अगले पल ना हो।
अपने परिवार को प्यार दो, बहन-भाई, मां-बाप सबको अहसास कराओ, उन्हें बताओ कि तुम उनसे कितना प्यार करते हो, जब किसी रिश्तेदार से, किसी बहन-भाई से मिलो तो प्यार से, दिखावा नहीं करो, ये करोना का कहर कितनों को खा गया, पल भी नहीं लगता इसे, इन्सान को मसल कर रख देता है,ना जाने कल हम में से कौन ना रहे।
"अभी है वक्त ए इनसां संभल जा, छोड़ दें नफरत को जहां में प्यार ही प्यार बरसा, प्यार तुझे हर दिल अज़ीज़ बनाएगा, तु चला जाएगा छोड़ कर जहां मगर तेरा प्यार यहां जिंदा रह जाएगा।"

प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)

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रचनाएँ
क्या कभी ये हालात बदलेंगे ??
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इस पुस्तक में समसामयिक मुद्दों पर मेरे विचार, जो आज के हालात हैं और जो कल थे। आप इसे पढ़े और अपने विचार व्यक्त करें।
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