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यादों का झरोखा

4 अक्टूबर 2016

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आज की कहानी है लिखी है Shivendra Shukla जी ने ! और जबरदस्त लिखी है बस आराम से पढ़िए कहानी के अंत तक !

रिश्ता हमारा हमेशा से मजबूत था । चाय के बहाने ही सही , छुप छुप के घर उसके हम हो ही आते थे ।
हमसे उम्र में बड़ी होने के कारण खुद को ज्यादा बुद्धिमान समझती थी , रोज रात को एक ही सवाल

शादी कब करोगे ? जब तंग आकर कभी डाँट भी दिए तो रोते हुए , हम तो आप के ही हैं , जब तक जिन्दा हैं जैसे रखना होगा रख लीजियेगा ।


पुरुष पत्थर दिल होते हैं ऐसा सुन रखा है हमने लेकिन वो पुरुष ही होता है जो अपनी बीवी की ख़ुशी के लिए वो सब करता है जो प्यार होने के पहले उसने करने की सोचा तक नहीं था ।

बाँहो में लेके अपनी प्रेयसी को सोने से बेहतर कोई नींद हो सकती है क्या ?
तुम क्या जानो मोहब्बत जब बॉर्डर पर गोली भी लगती है ना तो केवल दो औरते दिमाग में घूमती हैं एक माँ और एक पत्नी ।

हट ! जब रोती रहूँ तो ऐसी बात मत किया करो । मानूँगी नहीं मैं । तुम्हे मनाने के लिए कौन कह रहा , हम तो दिल में बैठे हैं तुम्हारे,

एक बात कहें , उस दिन जो सूट तुम पहनी थी ना कत्थे रंग का, खिल रहा था तुम्हारे ऊपर ।
हम भी एक बात कहें वो सूट तुमने ही ख़रीदा था अगर याद हो

छोटे थे तो BMW का ख्वाब था बड़े हो गए तो वैगन आर सही रहेगी तक ही सोचते हैं
अमेरिका में हनीमून ना मना सके तो क्या , शिमला तो जा ही सकते हैं ।

सच भी आप इतने रोमांटिक तरीके से बोलते हैं मैं अमेरिका घूम लेती हूँ और वैसे भी प्लेन पे एक बार बिठा दीजियेगा , इतनी इच्छा तो है मेरी ।

ना बाबा ना अभी उसी दिन कोई प्लेन क्रैश हो गया था , हमें नहीं जाना ऐसे प्लेन में ।

तुम कितनी भोली हो
और आप कितने शातिर ।।

अच्छा सुबह ऑफिस जाते वक़्त रोज किस करेंगे आपको ,
हाहाहा । हाँ इसमें पैसे नहीं लगेंगे ।

हाहाहा । आपको क्या लगता है मैं फ्लैट में रहूँगी , भूल कर मत सोचना ।
लेकिन घर बनाना तो फिर बड़ी नौकरी में हो पायेगा , वो भी काफी वक़्त लग जाएगा
कोई बात नहीं तब तक मैं फ्लैट में रह लूँगी ।


you are reading ; true love stories in real life in Hindi : यादों का झरोखा


यही तो प्यार था हमारा, कितनी शिद्दत थी, झुकाव था, इच्छा केवल साथ रहने की थी

सर में दर्द का इलाज नहीं कराती तुम, कल चलो पक्का दिखवा दूँ
ठीक है लेकिन ओला से मत आइयेगा, किराया ज्यादा लगता है , बाइक से ही आइयेगा । भैया से कार के लिए मत लाड़ियेगा

आपको पहले आना था, इनका सिटी स्कैन करना होगा
मम्मी से बात करती हूँ
करवा लो बेटा जब गयी ही हो।।

क्या हो अगर मेरी रिपोर्ट में ट्यूमर आ जाय ?
मजाक मत करो , रिपोर्ट कल आएगी और तुम फोन पर ही लगी हो । लेकिन मुझे तो चिंता हो रही

सो जाओ । मेरी बाँहो में । हम दोनों आज अच्छा सपना देखेंगे । तुम मेरी आँखों से अपनी दुनिया देखना ।

मेरे दिल से अपनी धड़कनो को सुनना ।
मेरी खुशबु से खुद को सरोबार करना ।
मेरे प्यार से खुद को जिन्दा रखना ।

अच्छा बेटा बैकती बंद करो ।

हवा आज काफी ठण्डी है, क्या आया होगा रिपोर्ट में

बात अजीब है आपको ब्रेन ट्यूमर है एडमिट होना होगा ।

स्तब्ध ।।
आँसू रुक नहीं रहे
तुम ठीक हो जाओगी
मेरी आँखों में देखो
मेरे सीने में दर्द होने लगा ।। मोबाइल लिए लिए हाँथ में किसी को फोन तक नहीं कर पा रहा
बस काँप रहा हूँ
वो मेरी बाँहो में भरी हॉस्पिटल में सिसक रही ।

तुम पानी पियो । हम दिल्ली तक जाएँगे । मैं अपने घर में बात करता हूँ । घबराओ नहीं सब ठीक होगा ।

अकेले बेड पर पूरे सर पे पट्टी बाँधे हुए

मेरे हाँथो में उसका हाँथ
एक वादा करोगे

क्या ?
पागल मैं कहीं नहीं जा रही, तुम्ही ने तो कहा था धड़कति हूँ मैं तुममे ।

हाँ ।।

मुझसे प्यार करते हो ना
हाँ ।।

कितना
हाँ ।।

बस हाँ हाँ ही बोलोगे ऊपर जाके क्या मैं बस अंतिम समय में हाँ ही याद रखूंगी ?

नहीं ।।

तुम क्यों रो रहे ? मैं तो मुस्कुरा रही ।।

मुझे देखो
मेरी तरफ देखो

हवाई जहाज पर ज्यादा दूर मत जाना । जिंदगी जी है मैंने तुम्हारे साथ और फ़िल्मी स्टाइल में पागल मत हो जाना ।

सिंदूर लगाया था ना एक दिन तुमने मुझे

आज फिर लगाओगे क्या ?
नहीं ।।

मेरे हाँथ काँप रहें मैं ये नहीं कर पाउँगा ।

इतना कमजोर लड़का फंसाई थी मैं लानत है खुद पर

रोते रोते हँसते हुए

नहीं रे । हर लड़ाई लड़ सकता हूँ ।

भगवान् को मानना छोड़ मत देना । वो ही तो है जो मुझे वहाँ भी खुश रखेगा

मंदिर पहले भी नहीं जाते थे, लेकिन अपने जन्मदिन पर मंदिर जरूर जाना ।

और सुनो
मेरी सौतन तो नहीं लाओगे ?

नहीं ।। ऐसा इस जन्म में हो सकता है क्या ?

जिंदगी मेरे बिना नहीं जी पाओगे, किसी का साथ जरूर लेना ।

मोहब्बत फिर से करना

जुबान पर हाँथ रख दिया मैंने
अब ऐसा कुछ नहीं बोलोगी तुम

अब और क्या बुरा होगा मेरे साथ

5 साल गुजारे मैंने तुम्हारे साथ । जी लिया ।।

अपनी जिंदगी तुम्हे देके जा रही ।

ख्याल रखना अपना ।

एक बार अंतिम में मेरी बाँहो से लिपट जाओ ताकि चैन से मर सकूँ ।

गला फाड़ कर रोने लगा था मैं
डॉक्टर घर वाले सब आ गए
उसका हाँथ मेरी गाल पर था

घंटो निशबद हाँथ पकडे ऐसे ही बैठा रहा । उसको देखते हुए ।

मौत भी कितनी आसान होती है
मेरी दुनिया लेके चली गयी ।

माँ मेरी बगल में खड़ी होक सिसक रही थी, मेरे सर पर हाँथ रख के बोला

बेटा पानी ही पी ले 3 दिन हो गए
पिता जी भी रात भर सो नहीं पा रहें

मैं बस गंगा किनारे
बिना आवाज के

टहलता हुआ
क्या है मौत
क्या है मोहब्बत
क्या है जीवन ।।

शायद जवाब इतना आसान भी नहीं था ।।

...............................

ये था यादों का झरोखा with Shivendra Shukla.. कैसी लगी ये short Hindi love story अपने कमेन्ट जरुर करे !

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