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परीक्षा परिणाम से पहले एक पिता का अपने पुत्र के लिए एक पत्र

28 मई 2016

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एग्जाम के रिजल्ट्स आने लगे है, बच्चों की मेहनत परिणाम....!

कही ख़ुशी,कही गम....!!

कही मायूसी तो कही खुशियाँ।

ऐसे में एक पिता का उसके पुत्र के लिए एक चिट्टी... 

वो चिट्टी जिसमे पिता ने वो सारी बाते लिखी जो वो अपने बेटे को कहना तो चाहता था पर कभी कह नही पाया।


डिअर बेटा,

तुम्हारी मम्मी से पता चला कि कल तुम्हारा रिजल्ट आ रहा है, बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट, वो परिणाम जो ये तय करेगे कि तुम और तुम्हारी ज़िन्दगी क्या मोड़ लेने वाली है। तुम्हारी माँ से ये जान कर थोडा अजीब और थोडा बुरा लगा....बुरा इसलिए क्योंकि ये बात मुझे तुमसे पता चलनी चाहिए खैर कोई नही, इसमें गलती तुम्हारी भी नही है। तुम भी वहीँ सब कर रहे हो जो इस देश का हर बेटा करता है, शायद ही कोई ऐसा बेटा होगा जो अपने पिता से खुल कर बाते करता हो। हमारे कल्चर ने ऐसा हौवा बना दिया है कि......!! मैंने भी यही अपने पिता के साथ किया वहीँ तुम कर रहे हो मेरे साथ और शायद तुम्हारा बेटा भी यही करे तुम्हारे साथ। मुझे इसका कोई गिला नही है, हो भी तो क्यों....गलती मेरी भी है, जिंदगी की दौड़ भाग और जरूरते पूरी करने में ऐसा उलझ गया कि कभी तुम्हारे साथ दो पल बैठा भी नही पर एक पिता हूँ....ये करना पड़ता है, और

फिर तुमने भी एक अपनी दुनिया बना ली, तुम्हारे पास भी मेरे पास बैठने का समय नही था,शायद जिस दिन तुम पिता बनोगे उस दिन समझ जाओगे।

खैर छोडो इन बातो को, मुद्दे की बात करता हूँ। कल रिजल्ट है तुम्हारा, आशा है अच्छा ही आएगा क्योंकि विश्वास है तुम और जब कभी तुम घर पर नही होते थे तब तुम्हारी कॉपियां देखी है और हाँ कभी कभी तुम्हारी टीचर भी बताती थी कि काफी तेज और चालक हो। रिजल्ट अच्छा ही आएगा और अगर नही भी अच्छा आया तो क्या फर्क पड़ेगा...???

कौन सा पहाड़ टूट जायेगा, क्या बदल जायेगा इस एक कागज के टुकड़े से..!!

तुम मेरे बेटे हो और रहोगे फिर चाहे रिजल्ट अच्छा आये या बुरा! तुम जो हो वहीँ रहोगे और ये एक कागज का टुकड़ा ना तुम्हारी काबिलियत का फैसला करेगा और ना ही तुम्हारी ज़िन्दगी का! ये सब तो तुम्हारे हाथ में है, जैसा चाहोगे वैसा बना लोगे। और वैसे भी जब असल जिंदगी में आओगे तब पायथागोरस के सिद्धांत या त्रिकोणमिति नही बल्कि तुम्हारी काबिलियत ही तुम्हे सफल बनाएगी।

मैंने तुम्हे किसी रेस में भागने के लिए नही पैदा किया है और ना ही किसी से मुकाबला करने के लिए तो फिर ये डर ये दौड़ कैसी...???

बेटा कसम है तुम्हे कि अगर कल तुम्हारा रिजल्ट ख़राब भी आया तो तुमने भूल से भी सुसाइड या आत्महत्या के बारे में सोचा भी तो...! तुम्हे क्या लगता है कि एक मामूली से एग्जाम के लिए जिंदगी लूटा देना सही है?? ये जिंदगी भले तुम्हारी है पर इस पर सिर्फ तुम्हारा हक़ नही है, हमारा भी है। ना ही 90% लाने से तुम्हारे पर निकल आयेगे और ना ही फेल होने पर कोई नुकसान। इसी का नाम जिंदगी है....ये सब चलता रहता है।

एक और बात, तुम्हारी जिंदगी सबसे जुडी है, तो स्वाभाविक है कि सबसे कुछ न कुछ सपने पाल रखे है तुमसे..!!

तुम्हारे मामा तुम्हे इंजीनियर बनाना चाहते है तो चाचा डॉक्टर..!!

नाना कलेक्टर बनते हुए देखना चाहते है तो माँ क्रिकेटर अच्छा...!

लेकिन सबसे जरुरी ये है कि तुम्हारी आँखों में क्या है, तुम क्या बनना चाहते हो? तुम क्या करना चाहते हो? मेरी आँखों में भी कुछ ख्याब है तुम्हे लेकर जैसे मेरे पिताजी की आँखों में थे मुझे लेकर। और मैं एक अच्छे बेटे की तरह उनके सपने जीते रहा पर तुम अच्छा बेटा मत बनना, मत जीना मेरे सपने....तुम जीना अपनी जिंदगी और अपने सपने। तुम वहीँ करना जो तुम करना चाहते हो ना की जो लोग तुमसे कराना चाहते है। मैं तुम पर कुछ भी नही थोपना चाहता...अपने सपने भी नही। तुम वहीँ रास्ता चुनना जो तुम्हे सही लगे क्योंकि मैं तुम्हे खुश देखना चाहता हूँ।मैं नही चाहता कि कभी तुम भी अपने पुत्र को ऐसा ही कोई ख़त लिखो और ख़त लिखते समय दिल में एक कसक रह जाये,एक काश रह जाये कि लोगो की सुनने के बाजग अगर मैंने अपने मन की सुनी होती तो....!!

बस इतना ही कहना था पर सामने कहने कि ना तो मुझमे हिम्मत थी और ना ही तुम में सुनने की ताकत। इसके साथ कुछ पैसे रख रहा हूँ, जनता हूँ मम्मी से मांग लोगो पर फिर भी दे रहा हूँ....कल रिजल्ट जो भी आये दोस्तों के साथ पार्टी जरूर करना, खूब धमाल करना चाहे तुम टोपर बनो या फिर फ़ैल हो जाओ पर पार्टी जरूर करना।

और हाँ एक बात और

आई लव यू बेटा।

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