था यकीं इश्क़ पर मेरा,
यूँ बेवफ़ाई निभा गयी मैं ...
था यकीं उजालों पर तो,
अंधेरों में दिए जला गयी मैं...
था ऐतबार उम्मीदों पर बड़ा,
हौंसला रख क़दम बढ़ा गयी मैं ...
- स्नेहा देव
11 अगस्त 2016
था यकीं इश्क़ पर मेरा,
यूँ बेवफ़ाई निभा गयी मैं ...
था यकीं उजालों पर तो,
अंधेरों में दिए जला गयी मैं...
था ऐतबार उम्मीदों पर बड़ा,
हौंसला रख क़दम बढ़ा गयी मैं ...
- स्नेहा देव
27 फ़ॉलोअर्स
अभी तो शुरुआत है, अपने बारे में
कुछ समय बाद लिखना चाहूंगी.
(सिमित साँस, स्वपन अनंत, अंतरद्वंद )
D