आप सभी का एक बार फिर से स्वागत हैं।
तो कहा थे हम, जी हा आप सब सही समझे,
तो चलिए शुरू करते है।
मैडम ने रचित से कहा, यह रचना हैं, आज से यह तुम्हारे क्लासमेट हैं।
रचना को सब कुछ समझा दो, की हमारी पढ़ाई कहा तक हुई है, और कंप्लीट हुई है, लेकिन रचित जो था वो तो कही और खो सा गया था,
इस बार वो कही और जो खो गया था, आप लोग तो समझ ही गए होंगे,
जी हां रचित ने रचना की आखों में देखा और देखता ही रह गया, और फिर रचना ने भी रचित की आंखो में देखा और देखकर थोड़ा शरमाई, फिर नजरे झुकाकर फिर अपनी जुल्फों को कानो में छिपाते हुए मुस्कुराई,और वहा तो लड़के शायर बन ही गए थे तो और बाकी लड़कियां तो यह सब देखकर जल भुज गई ही थी।
मैडम ने रचित से फिर से पूछा रचित कुछ समझ आया की नही,
रचित ने कहा जी mam, इतने में स्कूल की वेल बज गई, इतना कहकर प्रिंसिपल सर और मैडम वहा से चले गए की कल की क्लास में मिलेंगे।
रचित और रचना अपनी डेस्क मैं बैठ गए, अगली क्लास खत्म होने के बाद तक रचित नजरे चुराकर रचना को देखता रहा, फिर जब तक लंच
टाइम हो चुका था, रचना ने सभी क्लासमेट्स लड़कियो के साथ मुलाकात की, और उनमें उसकी सबसे अच्छी दोस्त बनी रिया।
रिया मुंबई की ही रहने वाली थी।
रचित भी अपना लंच कर ही रहा था, इतने में रिया रचना के साथ रचित के पास आई, और बोली हाय रचित यह रचना ही क्लास मैं तो तुम मिल ही चुके हो, अब थोड़ा और अच्छे से मिल लो, रचित हा हा क्यो नही बिलकुल मिलूंगा आखिर mam ने जो कहा हैं।
इतना कहकर रिया वहा से चली गई, की मैं अभी आती हूं, जब तक तुम रचना से मिलो बाते करो, फिर क्या था रचित ने अपना हाथ आगे बढाया और बोला हाय I'm रचित, नाम तो सुना ही होगा ना, रचना ने भी अपना हाथ बढ़ाया और शरमाते हुए बोली, या हाय I'm रचना।
रचित ने रचना को लंच के लिए पूछा, दोनो ने लंच साथ मैं करते हुए, अपने अपने बारे में बाते की एक दूसरे को सब बताया, रचित ने रचना को सब कुछ sllybus के बारे में समझाया। फिर ऐसे ही दोनो की मुलाकाते होती रही।
भाग 3 समापत।
मिलते है दोस्तो पढ़ते रहिए आशा है अभी तक की कहानी आप सभी को पसंद आ रही होगी।
फिर देर किस बात की मिलते है, भाग 4 में।
😊