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भाग - 3

28 मार्च 2024

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आप सभी का एक बार फिर से स्वागत हैं।
तो कहा थे हम, जी हा आप सब सही समझे,
तो चलिए शुरू करते है।

मैडम ने रचित से कहा, यह रचना हैं, आज से यह तुम्हारे क्लासमेट हैं।
रचना को सब कुछ समझा दो, की हमारी पढ़ाई कहा तक हुई है, और कंप्लीट हुई है, लेकिन रचित जो था वो तो कही और खो सा गया था,
इस बार वो कही और जो खो गया था, आप लोग तो समझ ही गए होंगे,

जी हां  रचित ने रचना की आखों में देखा और देखता ही रह गया, और फिर रचना ने भी रचित की आंखो में देखा और देखकर थोड़ा शरमाई, फिर नजरे झुकाकर फिर अपनी जुल्फों को कानो में छिपाते हुए मुस्कुराई,और वहा तो लड़के शायर बन ही गए थे तो और बाकी लड़कियां तो यह सब देखकर जल भुज गई ही थी।

मैडम ने रचित से फिर से पूछा रचित कुछ समझ आया की नही,
रचित ने कहा जी mam, इतने में स्कूल की वेल बज गई, इतना कहकर प्रिंसिपल सर और मैडम वहा से चले गए की कल की क्लास में मिलेंगे।

रचित और रचना अपनी डेस्क मैं बैठ गए, अगली क्लास खत्म होने के बाद तक रचित नजरे चुराकर रचना को देखता रहा, फिर जब तक लंच
टाइम हो चुका था, रचना ने सभी क्लासमेट्स लड़कियो के साथ मुलाकात की, और उनमें उसकी सबसे अच्छी दोस्त बनी रिया।
रिया मुंबई की ही रहने वाली थी।

रचित भी अपना लंच कर ही रहा था, इतने में रिया रचना के साथ रचित के पास आई, और बोली हाय रचित यह रचना ही क्लास मैं तो तुम मिल ही चुके हो, अब थोड़ा और अच्छे से मिल लो, रचित हा हा क्यो नही बिलकुल मिलूंगा आखिर mam ने जो कहा हैं।

इतना कहकर रिया वहा से चली गई, की मैं अभी आती हूं, जब तक तुम रचना से मिलो बाते करो, फिर क्या था रचित ने अपना हाथ आगे बढाया और बोला हाय I'm रचित, नाम तो सुना ही होगा ना, रचना ने भी अपना हाथ बढ़ाया और शरमाते हुए बोली, या हाय I'm रचना।

रचित ने रचना को लंच के लिए पूछा, दोनो ने लंच साथ मैं करते हुए, अपने अपने बारे में बाते की एक दूसरे को सब बताया, रचित ने रचना को सब कुछ sllybus के बारे में समझाया। फिर ऐसे ही दोनो की मुलाकाते होती रही।

भाग 3 समापत।

मिलते है दोस्तो पढ़ते रहिए आशा है अभी तक की कहानी आप सभी को पसंद आ रही होगी।
फिर देर किस बात की मिलते है, भाग 4 में।
😊  

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रचनाएँ
"बचपन का प्यार"
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आप सभी का स्वागत है, दोस्तो। यह मेरी पहली कहानी हैं, जैसे होता है ना "बचपन का प्यार" आप अपना प्यार और सपोर्ट मुझे चाइये दोस्तो। धन्यवाद। :)
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"बचपन का प्यार"

28 मार्च 2024
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आप सभी का स्वागत है, दोस्तो। यह मेरी पहली कहानी हैं, जैसे होता है ना बचपन। वैसी ही यह कहानी है, जिसका शीर्षक हैं। "बचपन का प्यार" आप अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखियेगा दोस्तो। धन्यवाद। 😊 

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भाग - 1

28 मार्च 2024
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"कहते है ना, की हर किसी की शुरुआत बचपन से ही शुरू होती हैं।  तो यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है, यह कहानी शुरु होती हैं।" "बचपन"  से... रचित और रचना की कहानी भी कुछ ऐसी शुरु होती हैं। "रचित" बचपन

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भाग - 2

28 मार्च 2024
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दोस्तो आपका स्वागत है। भाग 2 में.. हम पिछले एपिसोड में कहा थे याद आया आपको। हां हां मुझे पता है आप लोगो को याद होगा। तो कहानी शुरु होती है, रचना से.. वो भी दिल्ली से मुंबई आई थी अपने पाप

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भाग - 3

28 मार्च 2024
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आप सभी का एक बार फिर से स्वागत हैं। तो कहा थे हम, जी हा आप सब सही समझे, तो चलिए शुरू करते है। मैडम ने रचित से कहा, यह रचना हैं, आज से यह तुम्हारे क्लासमेट हैं। रचना को सब कुछ समझा दो, की हमारी प

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भाग - 4

28 मार्च 2024
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आप सभी का फिर से स्वागत है दोस्तो। अब आगे की कहानी... रचित रचना, से कहता है, क्यों ना हम कॉफी पीने चले। रचना कुछ देर सोचने के बाद, में बताती हूं तुमको, अभी चले, क्लास का टाइम हो रहा हैं। रचित हा

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