आज कैप्टन गिलहरी कंजेक्टिवाइटिस पर लेख लाई है 😊
आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं।
यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है और दो सप्ताह में यह अपने आप ही ठीक हो जाती है।
लेकिन कई लोगों में कंजक्टिवाइटिस के कारण गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिसके तुरंत उपचार की जरूरत होती है।
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं।
जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है। इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है।
कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है।
यह काफी संक्रामक होता है, और बहुत तेजी से दूसरे लोगों में भी फैल सकता है। इसलिए ये लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं:
एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना।
एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना।
आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना।
आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना।
आंखों में किरकिरी महसूस होना।
आंखों में सूजन आ जाना, यह लक्षण आमतौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण दिखाई देते हैं
कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें:
अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं।
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