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1 नफरत

4 मार्च 2022

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 कावेरी और रवीश शादी के दो साल बाद से ही अलग रह रहे थे। हलाकि उनके बीच तलाक नहीं हुआ था। जब रवीश उसे और उसकी एक साल की बेटी को उसके माता-पिता के घर छोड़ने के छह महीने बाद भी उसे लेने नहीं लौटा। कावेरी के पिता रामचरण और माँ सीता को लगा कि कुछ गड़बड़ है। कावेरी ने पुष्टि की कि रवीश शादी से खुश नहीं था , लेकिन उसे इसका कारण नहीं पता था। धीरे-धीरे लोगों ने मान लिया था कि रवीश ने उसे छोड़ दिया है। कावेरी की बेटी अरुणा को आश्चर्य होता कि एक पुरुष के लिए कैसे यह संभव था कि पत्नी को बिना कारण बताये बस छोड़ दें। शादी के बाद कावेरी कई बार ससुराल गयी और लौटी थी । फिर वह अपने माता-पिता के घर ऐसे लौटकर आयी कि वापस नहीं गयी । बिना किसी विरोध के स्थिति को स्वीकार कर लिया गया। सभी ने इसे भाग्य का दोष माना । अरुणा के मन में कुछ सवाल थे जिनके जवाब किसी ने नहीं दिए थे । उसने सोचा था कि वह एक दिन अपने पिता से पूछ लेगी। उसे थोड़ा अजीब लगता था कि स्कूल में और जहाँ भी पिता का नाम लिखा जाता था, वहाँ उसे रवीश का नाम लिखना होता था जो ऐसा पिता था जिससे वह कभी मिली तक नहीं थी। उसका पूरा नाम भी अरुणा रवीश लिखा और पढ़ा जाता था। उसे यह भी देखकर अजीब लगता कि उसकी माँ अपनी माँग में नियमित सिन्दूर भरती थी । वह जानती थी कि सिंदूर महिला को विवाहिता के रूप में दिखाता है और ऐसा कहा जाता है कि यह उसके पति के जीवन को बढ़ाता है। उसकी मां ने उसे अपने पति से सम्बन्ध विच्छेद के बारे में कुछ नहीं बताया था । अब वह 18 साल की युवती थी। जब वह एक बच्ची थी तो वह उत्सुकता से अपनी माँ से कई बार पूछती , "हम दादा दादी से मिलने क्यों नहीं जाते हैं

 कावेरी जवाब देती, "हम अगले साल जाएंगे।'' 

 वह कावेरी से पूछती, "माँ, पापा हमारे साथ क्यों नहीं रहते?" 

 कावेरी जवाब देती , "वह विदेश में काम कर रहे हैं।" 

 उसने कई बार पूछा, "वह यहाँ हमसे मिलने क्यों
नहीं आते ?" 

 कावेरी ने उत्तर दिया, "वह अवश्य व्यस्त
होंगे।" 

 बाद में नानी ने उसे बताया कि उसके पिता ने उसकी मां को छोड़ दिया था । उसे यह भी पता चला कि रवीश ने एक दूसरी महिला के लिए कावेरी को छोड़ दिया था। यह जानने से पहले वह अपने पिता से कभी कभी लगाव महसूस करती थी। यह जानने के बाद वह उनसे नफरत करने लगी । वह उनसे सिर्फ नफरत ही कर सकी थी। उसने अपने नाम से भी
पिता का नाम सदा के लिये काट दिया था । 

कविता रावत

कविता रावत

ये प्यार और नफरत कब कैसे पनप जाय कोई नहीं जानता। . कोई भी बात ज्यादा दिन तक छुपी नहीं रहती, फिर भी जाने क्यों लोग बातें छुपाने और दबाने में अपना समय लगाते हैं और फिर बाद में पछताते हैं बहुत अच्छी मर्मस्पर्शी कहानी

10 मार्च 2022

Ram Sewak gupta

Ram Sewak gupta

अति उत्तम है पोस्ट आपकी धन्यवाद जी

9 मार्च 2022

रवि रंजन गोस्वामी

रवि रंजन गोस्वामी

10 मार्च 2022

धन्यवाद।

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया कहानी 👏👏👏👏

6 मार्च 2022

रवि रंजन गोस्वामी

रवि रंजन गोस्वामी

6 मार्च 2022

साभार धन्यवाद ।

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रचनाएँ
रंग बिरंगी कहानियाँ
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इस पुस्तिका में मेरे सामाजिक परिवेश की परिस्थियों से प्रभावित छः काल्पनिक कहानियाँ है । आशा है ये कहानियाँ आपको पसंद आएंगी ।
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1 नफरत

4 मार्च 2022
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 कावेरी और रवीश शादी के दो साल बाद से ही अलग रह रहे थे। हलाकि उनके बीच तलाक नहीं हुआ था। जब रवीश उसे और उसकी एक साल की बेटी को उसके माता-पिता के घर छोड़ने के छह महीने बाद भी उसे लेने नहीं लौटा। कावेरी

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2 परिपक्व रोमांस

4 मार्च 2022
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 रचना बहुत सुंदर थी। साथ ही बहुत तेज तर्रार और सख्त बॉस भी। कम उम्र में ही वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काफी ऊंचे मुकाम पर पहुँच गयी थी। वह भारत कॉस्मेटिक्स कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट थी। लंदन ,सिंगापुर

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3 छल

4 मार्च 2022
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 कमला शादी के समय भीखूबसूरत न रहीं होगी। लोग आश्चर्य करते थे कि उसकी शादी मोहन से कैसे हो गयी। वहसाँवली और बहुत साधारण नाक नक्श वाली सामान्य से थोड़ी कम लंबी महिला थी। मोहन लंबा, गोरा चिट्टा सुंदर सजील

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4 झगड़ा

4 मार्च 2022
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 पारिवारिक झगड़ेदेशों के झगड़ों से कम नहीं होते। इनमें भी कारण हो सकते है; सीमा-विवाद,जल-विवाद,आर्थिक प्रतिद्वंदीता औरनफरत। कई बार ये झगड़े देशों के झगडों से अधिक उलझे होते हैं।   पुराने शहरों में याकिन

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5 महिला बॉस

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 राजेश ने कार्यालयके लिए प्रस्थान करते समय अपनी पत्नी बिंदू से कहा, "अच्छा मैं चलता हूँ।"  बिंदू ने एक व्यंगभरी मुस्कान दी और कहा, “ ठीक है जाओ और मजे करो। ”  राजेश को गुस्सा आगया। लेकिन उसके पास कु

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 रंजना रमेश से पूछनेके लिए आयी कि क्या वह खाना परोस दे। रमेश ने डेस्क टॉप पर बैठे हुए मॉनिटर सेबिना नज़र हटाये जावाब दिया “लगाओ मैं अभी आता हूँ ।“  रंजना स्वीटी के रूममे चली गयी । स्वीटी अपने स्मार्ट

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