shabd-logo

घुटन

2 अक्टूबर 2019

542 बार देखा गया 542
घुटन अनिल और पूजा एक साथ चल रहे है । पूजा हंस हंस के बात कर री है और अनिल चुप चाप उसे देख रहा है।  पूजा पूछती है। ऐसे क्या देख रे हो।  अनिल -सोच रहा हूँ। कि आपको इतना खूबसूरत किसने बनाया होगा।  पूजा- हर बार मजाक कभी तो सिरिअस रहा करो। ये सब अनिल अपनी और पूजा के बीच हुये कुछ अच्छे पलो के बारे में सोच रहा है। एक पेड़ के नीचे बैठकर तभी अचानक उसके कंधे पर कोई हाथ रखता है। वो पीछे मुड़कर देखता है। उसका दोस्त विकास उसके पीछे खड़ा था। अनिल एक दम खड़ा उठता है ओर उसके गले लगकर रोने लगता है। अनिल और विकास बचपन से बहुत ही अच्छे दोस्त थे। अब एक सीन विकास और अनिल के बचपन का......... दो छोटे बच्चे गिल्ली डंडा खेल रहे है। अनिल से गिल्ली से किसी अंकल को लग जाती है । अंकल आते है अनिल के हाथ से डंडा छीन कर उसको हाथ आगे बढ़ाने को कहते है। विकास अनिल के आगे खड़े हो जाता है और अपना हाथ आगे करता है और अंकल को उसपर और ज्यादा गुस्सा आता है दो दो दोनो हाथो में मारता है। वर्तमान में.......... दोनो गले मिले हुए है और अनिल रो रहा है। विकास - भाई क्या बात हो गई क्यो रो रहा है। और अचानक मुझे यहां क्यों बुला लिया। फ़ोन पर बोल रहा था बहुत परेशान है। क्या बात। अनिल - मैं हार गया भाई।  मैं जिंदगी से हार गया। विकास - प्रॉब्लम क्या हो गई बता यार टेंशन हो रही तेरे यार को। अनिल - यार गरीब होना गुनाह है क्या। विकास- गरीब अरे तू गरीब कब से हो गया। इतना बड़ा दिल है तेरा।  अनिल- दिल को कोंन देखता है आजकल।  बैंक बैलेंस और हाथ मैं स्मार्टफोन वो भी एप्पल का न हो तो बंदा अमीर कैसे हो सकता है। विकास- तू बात बता अचानक हुआ क्या। अनिल बताता है। ............अनिल आज पूजा से मिलने गया था। (अनिल और पूजा की बातचीत विकास को बताता है)  पूजा - आज अचानक तुमने मुझे यहाँ मिलने क्यों बुलाया  अनिल - एक जरूरी बात करनी थी।  पूजा - अफगोस। कहो ना । क्या बात है। अनिल- समझ नही आ रहा कैसे बात करू ।  पूजा- जो दिल मे है साफ साफ कहो। वैसे भी पहेलिया मुझे समझ नही आती।  अनिल- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। शादी करना चाहता हूँ। पूजा- 😡😡 what????? अनिल तुमने ये सोच भी कैसे लिया।  हम बस फ्रंड है। और बस फ्रंड ही रहेंगे। अनिल - मैं तुम्हे जिंदगी भर खुश रखूंगा। पूजा- ये इम्पॉसिबल है अनिल।  मैं जीना चाहती हूं जिंदगी। बस जिंदा रहना नही चाहती। मेरे सपने बड़े है। मैं गरीबी में नही जीना चाहती। मुझे तो सोचकर ही घुटन होती है।  और तुम्हे तो पता ही है तुम अभी भी अपने पापा की कमाई खा रे हो। अनिल - मैं नौकरी करूँगा पूजा, पैसे कमाऊंगा। पूजा -कितने कमा लोगे। आजकल सेल्फ बिजनेस का जमाना है। और मेरा ख्याल तो अपने दिमाग से निकाल ही दो। और हां। आइंदा मुझसे मिलने की कोशिश भी मत करना। दोस्ती का हक भी खो दिया तुमने। पूजा चली जाती है। अनिल के आंख भर आती है और वो एक पेड़ के नीचे बैठ जाता है। थोड़ी देर अकेले रोता है और फिर विकास को फ़ोन लगाता है। विकास से बात हो चुकी है विकास आ भी चुका है अब कहानी आगे विकास - अरे कुछ बात नही यार वो तेरे लायक थी ही नही। पैसो से प्यार था उसे। तुझे तो वो मिलेगी जो सिर्फ तुझसे प्यार करे तेरी दौलत से नही। *after 4 year* लड़की की शादी किसी अमीर घर मे हो चुकी होती है। अनिल की भी शादी किसी अछि लड़की से हो चुकी होती है जिसका नाम होता है दिव्या. एक दिन पूजा अपने घर को आ रही होती है । रास्ते मे उसे उसकी बचपन की दोस्त मिलती है। दोनो में hii हेलो होती है। अब जैसा कि लड़कियों की आदत होती है दोनो बात करने बैठ जाते है। बात करने लगते है। बातो ही बातों में पूजा अपने घर की कंडीशन बताती है।  ....अरे यार मैं तो हमेशा सोचती थी खुशी सिर्फ पैसो से मिलती है। अमीर होने के ख्वाब में मैंने किसी बिजनेस मेंन से शादी कर ली। अब पछता रही हूँ। बचपन की दोस्त - क्यों क्या हुआ  पूजा -अरे यार मेरे पति दिन  भर आफिस रहते है। शाम को चार दोस्तो के साथ घर मे ही दारु पीते है । फिर वही गाली ग्लोचे। जिंदगी बर्बाद हो गई मेरी तो।  दोस्त - मेरे तो पैसे कम जरूर कमाते है। पर कभी झगड़ा नही करते। बहुत इज़्ज़त करते है मेरी। भगवान की दया से सब अच्छा चल रहा है। मैं तो बहुत खुश हूं उनके साथ।  पूजा- किस्मत वाली है यार तू। दोस्त- अरे तू भी तो पैसे वाली है अब तेरा कार में घुमाया करता होगा तुझे। मेरा वाला तो एक फटफटिया बुलेट लेकर आते ही होगे मुझे लेने। इसी दीवाली में ली है। पूजा- मेरे उनको इतनी। फुरसत कहा जो मुझे घुमाएंगे। चल ठीक है यार तेरा तो। मैं तो परेशान हो गई अपनी लाइफ से घुटन सी होती है मुझे अब । इतनी ही बात हुई थी कि पूजा अपने दोस्त से बोली- लगता है तेरा फटफटिया वाला आ गया। दोनो एक साथ पीछे मुडते है। अनिल अपनी दिव्या को लेने आ रहा था। पूजा की आंखे खुली की खुली रह जाती है। और दिव्या पूजा को बुलेट पर बैठकर बाय बोलती है। पूजा कुछ नही बोली निशब्द रह गई और उनको जाते हुए देख री। अब आंखों में से बह रहा एक अश्क को पोछती हुई अपनी घुटन भरी जिंदगी की राह को दोबारा पकड़ लेती है और याद करती है उस लम्हे को जब उसने कहा था मैं जीना चाहती हूं जिंदगी बस जिंदा नही रहना चाहती गरीब सोचकर ही घुटन होती है मुझे The end. 📖Santosh bhatt
1

कही हम बदल न जाये

23 सितम्बर 2019
0
1
0

गिरते-संभलते जैसे तैसे जीवन मे चलना सीखा था,खुदा ईशवर बस नाम ही सुनाये कभी कहा दिखा था।बचपन से माँ की ममता देखते पले बड़े,आज भी ममता के आंचल के कारण है खड़े।ईश्वर की माया देखी जो मा मिली है।जिसके कारण जिंदगी आज खिली खिली है।जन्म से जिसकी सूरत देखी,जिसको सबसे पहले पहचाना,लगता नही आज भी मैंनेउसे भले ढं

2

मुझमे मेरा अब क्या रहा

24 सितम्बर 2019
0
0
0

तुझसे मिलने के बाद ऐसा लगाखुद से बिछड़ता मैं जा रहा,ख्वाब तेरे, ख्याल तेरेमुझमे मेरा अब क्या रहा।राहों में मिला करते थे तुममैं भी उन राहों से जुड़ता रहा।अवारा तितली सी उड़ान मेरी,धड़कती तेरी राहो में उड़ता रहा।तेरी राह को बना रोकेसहता रहा इश्क के हवा-ए-झोंकेतेरे दीदार से ही ना जाने क्या पा रहातुझसे मिलने

3

घुटन

2 अक्टूबर 2019
0
0
0

घुटनअनिल और पूजा एक साथ चल रहे है ।पूजा हंस हंस के बात कर री है और अनिल चुप चाप उसे देख रहा है। पूजा पूछती है।ऐसे क्या देख रे हो। अनिल -सोच रहा हूँ। कि आपको इतना खूबसूरत किसने बनाया होगा। पूजा- हर बार मजाक कभी तो सिरिअस रहा करो।ये सब अनिल अपनी और पूजा के बीच हुये कुछ अच्छे पलो के बारे में सोच रहा है

4

कह दो ना कि ये अफवाह है

5 अक्टूबर 2019
0
0
0

कह दो की ये अफवाह हैकह दो की ये अफवाह हैकह दो नाया फिर मुझे कहने दो ना,मैं पहले भी जीता था जब हम मिले न थेबिछड़कर भी जी लूंगा, मुझे मेरे हाल में रहने दो नाजिंदगी की उथल-पुथल से तो बेहतरमेरा विपरीत दिशा में प्रवाह हैकह दो ना कि ये अफवाह हैमुझे अपनी मस्ती में बहने दो नाकह दो ना ये अफवाह हैकह दो ना,मैं

5

कह दो की ये अफवाह है

5 अक्टूबर 2019
0
0
0

<p>कह दो की ये अफवाह है </p> <p>कह दो की ये अफवाह है कह दो ना</p> <p>या फिर मुझे क

6

मैं खुश हूं मरकर भी

7 अक्टूबर 2019
0
0
0

<p>मौत से हमेशा डरता था मैं, मरने से नही, बस ख्याल ये रहता था कि मौत के बाद कैसा लगता होगा, हम कहाँ

7

मुकर गया

1 सितम्बर 2021
2
7
0

<p><br></p> <p>मुशीबत क्या आई<br> <br> तू भी मुकर गया<br> <br> ऐ दोस्त<br> <br> यूं ही बिछड़ गया।<br>

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए