अंतिम यात्रा, भाग -१किसी की चूड़ियाँ टूटेंगी,कुछ की उम्मीदे मुझसेविदा लेगी रूह जबमुस्करा कर मुझसेकितनी बार बुलाने भी जोरिश्ते नहीं आयेदौड़ते चले आएंगे वो तब आँशु बहायेकितने आँशु गिरेंगे तबजिस्म पर मेरेरुख्सती में सब खड़े होंगे मेरी मिटटी को घेरे ||अंतिम बार फिर नहलाया जायेगाबाद सजाया जायेगाअंतिम दर्श