दीप मेरे जल अकम्पित,घुल अचंचल!सिन्धु का उच्छवास घन है,तड़ित, तम का विकल मन है,भीति क्या नभ है व्यथा काआँसुओं से सिक्त अंचल!स्वर-प्रकम्पित कर दिशायें,मीड़, सब भू की शिरायें,गा रहे आंधी-प्रलयतेरे लिये ह
...चर्चास्पद यौन उत्पीडनऔर बलात्कार मामले की पैरवी के लिए आसाराम के पक्ष में देश के 14 बड़े वकीलों कापैनल खड़ा था और उस बच्ची के पक्ष में सिर्फ़ एक सरकारी वक़ील और एक सरकारी जाँचअधिकारी । ....लेकिन एक सरकारी वक़ील नेसरकारी जाँच अधिकारी