छंद - विधाता (मापनी युक्त ) मापनी- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२“गीतिका”उषा की लाल लाली रे बता किरनें कहाँ छायीदिशाओं में अंधेरा ले खता कहने कहाँ आयीपरख ले खुद प्रभा है तूँ तुझे किसकी जरूरत हैनिगाहों से लुटेरा बन वफ़ा पहने कहाँ धायी॥मुझे अब भी वही फरियाद है नाशाद करती जो किसी का दिल